चन्दौली वीरांगना महारानी दुर्गावती का 458 वां बलिदान दिवस मनाया


चन्दौली वीरांगना महारानी दुर्गावती का 458 वां बलिदान दिवस मनाया
चंन्दौली चकिया जिला पंचायत सदस्य डाक्टर कुंदन कुमार गोड़ के नेतृत्व मे चकिया में वीरांगना महारानी दुर्गावती का 458 वां बलिदान दिवस मनाया गया। इस अवसर पर वीरांगना महारानी दुर्गावती के चित्र पर माल्यार्पण के साथ दिप जला कर नमन किया गया।
वही गोंड समाज की पारंपरिक भजन उनके बाद्य संगीत के साथ प्रस्तुत किया गया जो यह संगीत की परंपरा प्रायः आधुनिक युग में विलुप्त होती दिख रही है जिसका कुसल संगीत कलाकारों द्वारा मंचन किया गया। तथा बनारस काशी हिन्दू विश्व विद्यालय की क्षात्राओ द्वारा छत्तीसगढ़ की लोक विधा से आधारित पारंपरिक नृत्य भी प्रस्तुत किया गया।
सभा को संबोधित करते हुए कुंदन कुमार गोंड ने महारानी के कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि महारानी दुर्गावती निडर, वीर के साथ ही प्रजा हितैषी भी थीं, इनका विवाह गढ़ा मंडला के राजा दलपत शाह के साथ हुआ था। रानी दुर्गावती के ऐश्वर्य की गाथा जब अकबर को पता चला कि गढ़ा मंडला की शासक एक स्त्री है, तो उसके आंखों में खटकने लगा। वह कई बार गढ़ा मंडला पर आक्रमण किया, लेकिन महारानी के आगे उसकी एक न चली। अकबर द्वारा बार-बार हमला करने पर रानी ने वीरता से जवाब दिया, जब उन्हें लगा कि वह बंदी बना ली जाएंगी तब महारानी ने अपनी कटार से अपने को बलिदान कर दिया। इस दौरान गोंडवाना समाज के विजय गोड, दिनेश गोड, रामदुलार गोड संतोष गोड,विधायक विनोद बिंद मझवां सहित हजारों लोग उपस्थित रहे।

Varanasis Adampur police station arrested the wanted accused in the theft case and recovered various stolen yellow metal items
