•   Saturday, 22 Nov, 2025
In joint coordination between Cyber ​​Cell Commissionerate Varanasi and HDFC Bank a retired senior citizen was saved from digital arrest fraud and a huge amount of Rs 39 lakh was sav

साइबर सेल कमिश्नरेट वाराणसी एवं HDFC बैंक के संयुक्त समन्वय से रिटायर्ड वरिष्ठ नागरिक को डिजिटल अरेस्ट ठगी से बचाते हुए 39 लाख रुपये की बड़ी धनराशि बचाई गई

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  Varanasi ki aawaz

साइबर सेल कमिश्नरेट वाराणसी एवं HDFC बैंक के संयुक्त समन्वय से रिटायर्ड वरिष्ठ नागरिक को डिजिटल अरेस्ट ठगी से बचाते हुए 39 लाख रुपये की बड़ी धनराशि बचाई गई

पुलिस आयुक्त व अपर पुलिस आयुक्त अपराध के कुशल निर्देशन, पुलिस उपायुक्त अपराध व अपर पुलिस उपायुक्त साइबर अपराध के कुशल पर्यवेक्षण व सहायक पुलिस आयुक्त साइबर अपराध के कुशल नेतृत्व में कमिश्नरेट वाराणसी की जनपदीय साइबर सेल टीम की सजगता व त्वरित कार्यवाही के माध्यम से रिटायर्ड वरिष्ठ नागरिक को डिजिटल अरेस्ट ठगी का शिकार होने से बचा लिया गया।

दिनांक 07 नवंबर 2025 को कमिश्नरेट वाराणसी के साइबर सेल तथा HDFC बैंक की समयबद्ध एवं समन्वित कार्रवाई से एक रिटायर्ड वरिष्ठ नागरिक को डिजिटल अरेस्ट ठगी का शिकार होने से बचा लिया गया। साथ ही, 39 लाख रुपये की बड़ी धनराशि फ्रॉड में जाने से बचाया गया।

घटना के अनुसार, HDFC बैंक की आर्य महिला कॉलेज की एक शाखा (जो कि पूर्णतः महिलाओं द्वरा संचालित है) में एक सेवानिवृत्त केंद्रीय सरकारी संस्थान के उच्च पदाधिकारी (वरिष्ठ नागरिक) उपस्थित हुए। उन्होंने अपने बचत खाते से 39 लाख रुपये एक अन्य बैंक खाते में भेजने हेतु आवेदन फॉर्म जमा किया।

बैंक कर्मचारी ने देखा कि ग्राहक अत्यधिक घबराए हुए प्रतीत हो रहे हैं तथा यह पहली बार था जब वे इतनी बड़ी राशि स्थानांतरित कर रहे थे। इस असामान्य व्यवहार और बड़ी राशि के कारण बैंक कर्मचारी को अनहोनी की आशंका हुई। जब कर्मचारी ने राशि भेजने का कारण पूछा, तो वरिष्ठ नागरिक

संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके और लगातार विचलित दिखाई दिए।

ग्राहक की घबराहट को देखते हुए कर्मचारी को तुरंत अंदेशा हो गया कि संभवतः वे किसी साइबर ठगी के शिकार हो चुके हैं। बहुत समझाने के बावजूद जब वरिष्ठ नागरिक राशि भेजने पर अड़े रहे, तब बैंक कर्मचारी ने सूझबूझ व जिम्मेदारी का परिचय देते हुए मामले की जानकारी अपने उच्चाधिकारियों के माध्यम से साइबर सेल कमिश्नरेट वाराणसी को दी।

सूचना प्राप्त होते ही साइबर सेल की टीम मौके पर सक्रिय हुई। वरिष्ठ नागरिक को समझाने और वास्तविकता बताने के प्रयासों के बावजूद जब वे ठगों के दबाव में निर्णय बदलने को तैयार नहीं हुए, तो एसीपी साइबर क्राइम विदुष सक्सेना को अवगत कराया गया जो कि उस समय वीवीआईपी ड्यूटी में थे। तत्पश्चात एसीपी साइबर क्राइम द्वारा वीडियो कॉल के माध्यम से लगभग 45 मिनट तक वरिष्ठ नागरिक से बात की गई और विस्तृत रूप से समझाने के बाद उन्हें इस डिजिटल अरेस्ट ठगी से बाहर निकाला गया।

HDFC बैंक के कर्मचारी की सतर्कता, समय पर दी गई सूचना, और साइबर सेल की त्वरित व प्रभावी कार्रवाई से एक बड़े आर्थिक नुकसान को टाला जा सका। इस सामूहिक प्रयास से वरिष्ठ नागरिक के 39 लाख रुपये सुरक्षित बचाए गए।

उक्त प्रकरण में सराहनीय कार्य करने वाली साइबर सेल टीम व HDFC कर्मियों को पुलिस उपायुक्त अपराध श्री सरवणन टी. के द्वारा प्रशस्ती पत्र दे कर सम्मानित किया गया।

सराहनीय कार्य करने वाली टीम -

1. विदुष सक्सेना (एसीपी साइबर क्राइम)

2. आ० विराट सिंह (साइबर सेल)

3. आ0 आदर्श आनंद सिंह (साइबर सेल)

4. स्नेहा भारती (BM HDFC)

5. सुधा कुमारी (HDFC)

6. शिवांगी शर्मा (HDFC)

7. अपराजिता श्रीवास्तव (HDFC)

साइबर फ्राड से बचाव -

1. डिजिटल अरेस्ट व पुलिस/सीबीआई/नारकोटिक्स/कस्टम विभागों के नाम से आने वाले ब्लैकमेलिंग कॉल या मैसेज से सावधान रहें।

2. मेल या मैसेज के माध्यम से आने वाले किसी भी अंजान लिंक पर क्लिक ना करें और ना ही अपने मोबाइल में कोई भी एपीके फाइल डाउनलोड ना करें।

3. गूगल सर्च पर कस्टमर केयर के नाम से उपलब्ध नम्बरों पर बिना जाँचे-परखे विश्वास न करें।

4. किसी भी डर या लालच में ना आएँ क्योंकी यहीं से साइबर अपराध की सुरुआत होती है।

5. सोशल मीडिया के विभिन्न सेफ्टी फीचर्स जैसे टू स्टेप वेरीफिकेशन व प्राइवेसी ऑन पोस्ट का ध्यान रखें।

6. सोशल मीडिया पर किसी भी अनजान व्यक्ति से मित्रता ना करें ना ही किसी से अपने व्यक्तिगत जानकारी शेयर करें।

नोट- साइबर फ्राड होने पर तत्काल 1930 पर कॉल कर या www.cybercrime.gov.in पर या अपने नजदीकी थाने के साइबर हेल्प डेस्क या साइबर सेल में अपनी शिकायत दर्ज कराएँ।

पुलिस उपायुक्त अपराध, कमिश्ररेट वाराणसी।

रिपोर्ट- युवराज जायसवाल.. वाराणसी
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