वाराणसी में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को प्रोत्साहन एनबीसीसी इंडिया लिमिटेड द्वारा राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान एनआईएफटी वाराणसी के निर्माण के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
 
                                         
 
                                        वाराणसी में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को प्रोत्साहन एनबीसीसी इंडिया लिमिटेड द्वारा राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान एनआईएफटी वाराणसी के निर्माण के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
देश में अत्याधुनिक शिक्षण संस्थानों के निष्पादन में एनबीसीसी के निरंतर प्रयासों के रूप में, वाराणसी में एनआईएफटी परिसर की आयोजना, डिजाइनिंग, निष्पादन और निर्माण के लिए एनबीसीसी ने राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
इस कार्य में परिसर के हिस्से के रूप में मौजूदा व्यापार सुविधा केंद्र भवन (पं. दीनदयाल हस्तकला संकुल) के आशोधन को भी शामिल किया जाएगा।
यह परिसर फैशन डिजाइनिंग में रुचि रखने वाले छात्रों के लिए केंद्र होगा और स्थानीय शिल्पकारों के लिए कार्यशालाएं और लघु पाठ्यक्रम प्रदान करेगा ताकि उन्हें अपने उत्पादों का विपणन करने तथा उत्पादन क्षमता में सुधार करने में सहायता मिल सके।
एनआईएफटी परिसर लगभग 218 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाना है और इसके वाराणसी रिंग रोड के नजदीक स्टेडियम रोड के पास इसके बनने की उम्मीद है।
परिसर का फैलाव 7.5 एकड़ भूमि में होगा। परिसर शैक्षणिक, प्रशासनिक, कार्यशाला एवं छात्रावासों तथा आवासीय सुविधाओं से सुसज्जित होगा।
उल्लेखनीय है कि एनबीसीसी ने कोलकाता, दिल्ली, बेंगलुरु और हैदराबाद में एनआईएफटी परिसरों को सफलतापूर्वक निष्पादन किया है। आशा है कि इस निर्माण से लगभग 4.5 लाख श्रम दिवसों का स्थानीय रोजगार पैदा करने में मदद मिलेगी।
एनबीसीसी संधारणीय भवन निर्माण सुनिश्चित करने के प्रयास में आधुनिक निर्माण प्रौद्योगिकियों के उपयोग की निगरानी करेगा और सर्वोत्तम पर्यावरय अनुकूल कार्यपद्धतियों के साथ परियोजना शुरू करेगा।
एनबीसीसी ने वाराणसी के बड़ालालापुर में दीन दयाल हस्तकला संकुल ( व्यापार सुविधा केंद्र और शिल्प संग्रहालय) को भी सफलतापूर्वक निष्पादित किया था। यह सुविधा लोगों को केंद्र की यात्रा के लिए और क्षेत्र में पर्यटन को प्रोत्साहित करने और बढ़ाने के उद्देश्य से माननीय प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्र को समर्पित की गई थी।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि दीनदयाल हस्तकला संकुल का शिल्पकारों और बुनकरों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और विरासत को आने वाली पीढ़ियों को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करेगा।
समझौता ज्ञापन पर दोनों संगठनों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में प्रदीप शर्मा (मुख्य महाप्रबंधक), एनबीसीसी गौरव मिश्रा, संयुक्त निदेशक, एनआईएफटी द्वारा हस्ताक्षर किए गए।
वर्ष 1986 में एनआईएफटी की स्थापना के बाद से, देश में फैशन शिक्षा का यह अग्रणी संस्थान कपड़ा और परिधान उद्योग को पेशेवर
मानव संसाधन प्रदान कर रहा है। पिछले कुछ वर्षों से एनआईएफटी, डिजाइन विकास और हथकरघा तथा हस्तशिल्प की स्थापना के क्षेत्र में केंद्र और राज्य सरकारों के लिए एक ज्ञान सेवा प्रदाता के रूप में भी कार्यरत है।
 
                                                
                                             
                                             
                            
 
                                                 
                                                 
                                                