सोनभद्र में खनन के दौरान बड़ा हादसा, अभी तक 2 मजदूर का शव मिला, एक दर्जन से अधिक फंसे होने की आशंका
सोनभद्र ओबरा क्षेत्र के बिल्ली–मारकुंडी खदान में अचानक भारी भू-स्खलन हो गया। लगभग चार बजे हुए इस हादसे में खदान में काम कर रहे करीब 16 मजदूर मलबे में फंस गए। प्रारंभिक सूचना में दो श्रमिकों के मौत की बात सामने आई है। लेकिन अब तक रिपोर्ट के मुताबिक 2 भाइयों के शव बरामद हुई है।
घटना के बाद खदान मालिक मदुसुदन सिंह और उसका साझेदार दिलीप केशरी मौके से फरार हो गए। फर्म
हादसा होते ही जिला प्रशासन और पुलिस के शीर्ष अधिकारी तत्काल घटनास्थल पर पहुंचे। और बिना देरी किए राहत अभियान शुरू कराया।
अंधेरा होने के कारण खदान में बड़े पैमाने पर लाइटें लगाई गईं। और भारी मशीनरी बुलाकर रेस्क्यू शुरू किया गया।
जानकारी के अनुसार कृष्णा माइनिंग वर्क्स की खदान में नौ कंप्रेशर मशीनों के साथ 18 मजदूर काम कर रहे थे।
ड्रिलिंग के दौरान करीब 150 फीट की ऊंचाई से पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा भरभराकर नीचे गिर गया। मजदूरों को निकलने का मौका भी नहीं मिला।
हादसे के समय दो मजदूर किनारे हटे हुए थे। इसलिए उनके बच जाने की बात कही जा रही है।
दो मजदूरों की मौत की सूचना
मजदूर छोटू यादव ने बताया कि उसके दो भाई—संतोष और इंद्रजीत भी मलबे में फंस गए हैं।
प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक दो मजदूरों की मौत की सूचना मिल रही है। लेकिन शव बरामद न होने के कारण आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। जिला प्रशासन ने एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को बुला लिया है।
ओबरा परियोजना, दुसान और अल्ट्राटेक की मशीनों की मदद से मलबा हटाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के चलते खनन पर लगाई गई थी रोक, फिर भी चल रहा था
जिलाधिकारी बीएन सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के चलते जिले में खनन पर रोक लगाई गई थी।
लेकिन इसके बावजूद इस खदान में अवैध रूप से काम चल रहा था।
उन्होंने कहा कि हादसे की जांच होगी। जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
फिलहाल राहत-बचाव अभियान युद्धस्तर पर चल रहा है। और स्थिति गंभीर बनी हुई है।
हमारे संवाददाता के अनुसार विगत कई वर्षों से अवैध खनन का कारोबार खुलेआम हो रहा है प्रसानिक सूचना के बाद कि अवैध खनन का काम बंद नही हो रहा है इस प्रकार की घटना अक्सर होती रहती है जो धनबल के प्रभाव से ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है प्राप्त सूत्र बताते हैं कि इस अवैध खनन में सत्ताधारी दल राजनीतिक पार्टी के लोग भी शामिल है जिनकी गाड़ियां अक्सर खनन माफियाओं के साथ वहां खडी देखी जा सकती है
खबर लिखें जाने तक सोनभद्र खनन अधिकारी को फोन नही उठा.. इससे यह स्पष्ट होता है खनन विभाग के अधिकारियों को एक मोटी रकम जाती होगी तभी इनके संरक्षण में अवैध खनन माफिया इस कार्य को अंजाम देने रहते हैं..
स्थानीय लोगोँ का कहना है कि ऐसे भृष्ट अधिकारियों को जनपद के बाहर फेंक देना चाहिए जो पैसे की लालच में गरीब मजदूरों की जान जाती हैं वह अवैध खनन बन्द ही नही होता है
रिपोर्ट- श्रीराम शुक्ला.. सोनभद्र
