उत्तर प्रदेश में शुरू हुआ SIR 2025, शुद्ध निर्वाचक नामावली से होगा लोकतंत्र और मजबूत
उत्तर प्रदेश में शुरू हुआ SIR 2025, शुद्ध निर्वाचक नामावली से होगा लोकतंत्र और मजबूत
लखनऊ:- भारत निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश में “विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण ( SIR ) कार्यक्रम-2025” का ऐलान कर दिया है। इसके तहत प्रदेशभर में मतदाता सूचियों का अद्यतन, सत्यापन और शुद्धिकरण किया जाएगा ताकि आगामी चुनावों के लिए निर्वाचक नामावली पूरी तरह सटीक और त्रुटिरहित हो सके। आयोग ने इस प्रक्रिया की विस्तृत समयसारिणी जारी की है, जो 28 अक्टूबर 2025 से शुरू होकर 7 फरवरी 2026 तक चलेगी।
कार्यक्रम के तहत बी.एल.ओ. (बूथ लेवल अधिकारी) घर-घर जाकर मतदाताओं से संपर्क करेंगे और प्रत्येक मतदाता को दो प्रतियों में गणना प्रपत्र उपलब्ध कराएंगे। यह अभियान 4 नवंबर 2025 से 4 दिसंबर 2025 तक चलेगा। बी.एल.ओ. कम से कम तीन बार मतदाता के घर जाकर प्रपत्र वितरित और संग्रह करेंगे ताकि कोई भी पात्र नागरिक सूची से वंचित न रहे।
गणना प्रपत्र में मतदाता का नाम, विधानसभा क्षेत्र, ईपीआईसी संख्या, भाग संख्या, क्रमांक और फोटो पहले से मुद्रित रहेगा। मतदाता चाहे तो नवीनतम पासपोर्ट साइज फोटो भी प्रपत्र पर चस्पा कर सकता है। प्रपत्र में मतदाता को अपनी जन्मतिथि, मोबाइल नंबर, माता-पिता या पति/पत्नी का नाम व उनका ईपीआईसी नंबर (यदि हो) जैसी जानकारी भरनी होगी।
इस बार पुनरीक्षण के दौरान वर्ष 2003 की मतदाता सूची से भी मिलान किया जाएगा। मतदाता अपने या अपने परिजनों का नाम उस सूची में भारत निर्वाचन आयोग के पोर्टल https://voters.eci.gov.in/ पर देख सकते हैं। यदि 2003 की सूची में नाम न मिले, तो संबंधित परिजन के नाम का विवरण भी प्रपत्र में भरा जा सकेगा।
भरने के बाद हस्ताक्षरित प्रपत्र की एक प्रति बी.एल.ओ. को दी जाएगी और दूसरी प्रति बी.एल.ओ. द्वारा हस्ताक्षरित कर मतदाता को पावती स्वरूप दी जाएगी। इस प्रक्रिया में मतदाता को किसी भी प्रकार का दस्तावेज देने की आवश्यकता नहीं है।
जो मतदाता प्रपत्र भरकर जमा करेंगे, उनके नाम आलेख्य निर्वाचक नामावली (ड्राफ्ट रोल) में शामिल किए जाएंगे। यह ड्राफ्ट रोल 9 दिसंबर 2025 को प्रकाशित होगी। इसके बाद 9 दिसंबर 2025 से 8 जनवरी 2026 तक दावे और आपत्तियां दर्ज की जा सकेंगी। आपत्तियों के निस्तारण की अवधि 31 जनवरी 2026 तक रहेगी।
निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के समक्ष सुनवाई के दौरान मतदाता को पहचान के लिए किसी एक वैध दस्तावेज जैसे पासपोर्ट, जन्म प्रमाण पत्र, शैक्षणिक प्रमाणपत्र, पेंशन आदेश, परिवार रजिस्टर या सरकारी पहचान पत्र प्रस्तुत करना होगा।
आखिर में, संशोधन और सत्यापन के बाद अंतिम निर्वाचक नामावली 7 फरवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी।
निर्वाचन आयोग ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे अपने बूथ लेवल अधिकारी से संपर्क कर गणना प्रपत्र सही-सही भरें और समय पर जमा करें ताकि कोई भी योग्य मतदाता नामावली से बाहर न रह जाए। यह अभियान “शुद्ध निर्वाचक नामावली - मजबूत लोकतंत्र” के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
रिपोर्ट- मो. रिजवान.. प्रयागराज
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