अर्द्ध-वाणिज्यिक, कृषक व अकृषक भूखण्डों के मूल्यांकन हेतु एक समान प्रणाली लागू प्रदेश में दर सूचियों का मानकीकरण पारदर्शिता की दिशा में बड़ा कदम -मंत्री रवींद्र जायसवाल
अब प्रदेश में संपत्ति मूल्यांकन होगा और आसान, एकीकृत दर सूची प्रारूप लागू
स्टांप एवं पंजीयन विभाग ने दर सूची का सरलीकरण किया, नागरिक बिना सहायता स्वयं कर सकेंगे मूल्यांकन
नई दर सूची में नगरीय, अर्द्धनगरीय और ग्रामीण तीन शीर्षकों के अंतर्गत सम्पूर्ण क्षेत्राधिकार को 15 श्रेणियों में किया गया विभाजित
अर्द्ध-वाणिज्यिक, कृषक व अकृषक भूखण्डों के मूल्यांकन हेतु एक समान प्रणाली लागू
प्रदेश में दर सूचियों का मानकीकरण पारदर्शिता की दिशा में बड़ा कदम -मंत्री रवींद्र जायसवाल
लखनऊ:- 11 नवम्बर, 2025 प्रदेश के स्टांप तथा पंजीयन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री रवींद्र जायसवाल ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जनपदों में प्रचलित दर सूचियों में सुधार, सरलीकरण और मानकीकरण के क्रम में एकीकृत दर सूची प्रारूप तैयार किया गया है। इस नई व्यवस्था से अब सम्पूर्ण प्रदेश में एकरूप, सरल और बोधगम्य दर सूची प्रारूप लागू होगा, जिससे आम नागरिक बिना किसी तकनीकी सहायता के अपनी संपत्ति के मूल्यांकन एवं स्टाम्प शुल्क के आगणन में सक्षम हो सकेंगे।
मंत्री जायसवाल ने विधानसभा कक्ष संख्या-80 में मीडिया प्रतिनिधियों से वार्ता करते हुए कहा कि अब प्रदेश के सभी उपनिबन्धक कार्यालयों में भिन्न-भिन्न प्रारूपों की जगह एक समान दर सूची लागू की जाएगी। इस नई दर सूची में नगरीय, अर्द्धनगरीय और ग्रामीण तीन शीर्षकों के अंतर्गत सम्पूर्ण क्षेत्राधिकार को 15 श्रेणियों में विभाजित किया गया है, जिससे वर्ष 2013 से प्रभावी जटिल दर सूची की विसंगतियों का समाधान किया जा सकेगा।
उन्होंने बताया कि दर सूची के सरलीकरण में कृषक, अकृषक और वाणिज्यिक भूखण्डों के लिए पृथक-पृथक श्रेणियां बनाई गई हैं, ताकि मूल्यांकन अधिक यथार्थ और पारदर्शी हो सके। सड़क से संलग्न एवं सड़क से दूर स्थित भूखण्डों के मूल्यांकन हेतु स्पष्ट व्यवस्था की गई है, जिससे अनावश्यक अदालती मुकदमों और आपसी विवादों की संभावनाएं समाप्त होंगी।
मंत्री जायसवाल ने कहा कि मूल्यांकन प्रणाली में कृषि फार्म, अर्द्ध-वाणिज्यिक, आवासीय वाणिज्यिक, मिश्रित सम्पत्ति, एकल वाणिज्यिक अधिष्ठान, होटल, अस्पताल, पेट्रोल पंप, सिनेमाहॉल, कोचिंग सेन्टर आदि के लिए पृथक दरें निर्धारित की गई हैं। साथ ही, निर्माण की आयु के आधार पर 20 से 50 प्रतिशत तक मूल्यह्रास की सरल व्यवस्था की गई है।
उन्होंने बताया कि वृक्षों के मूल्यांकन के लिए भी पूरे प्रदेश में एक समान मानक लागू किया गया है, जिससे वृक्षों की आयु के अनुसार मूल्यांकन होगा। साथ ही, एक ही आराजी नम्बर में कृषक व अकृषक भूमि होने की स्थिति में मूल्य निर्धारण हेतु वैज्ञानिक व तर्कसंगत प्रणाली लागू की गई है, जिससे वास्तविक मूल्य निर्धारण सुनिश्चित होगा और अनावश्यक स्टाम्प विवादों में कमी आएगी।
मंत्री रवींद्र जायसवाल ने कहा कि यह एकीकृत दर सूची न केवल प्रदेश में पारदर्शिता और समानता सुनिश्चित करेगी, बल्कि आम नागरिकों के लिए संपत्ति पंजीकरण प्रक्रिया को अधिक सहज एवं जनोन्मुख बनाएगी। इस अवसर पर महानिरीक्षक निबंधन नेहा शर्मा भी उपस्थित रही।
पत्र सूचना शाखा
सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग उत्तर प्रदेश
रिपोर्ट- अजमी अलवी.. लखनऊ
