पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट वाराणसी मोहित अग्रवाल द्वारा की गई समीक्षा बैठक, दिये गये महत्वपूर्ण निर्देश
पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट वाराणसी मोहित अग्रवाल द्वारा की गई समीक्षा बैठक, दिये गये महत्वपूर्ण निर्देश
कॉल सेन्टर को देनी होगी स्वयं की जानकारी-
जिले में संचालित सभी कॉल सेन्टर्स को स्थानीय थाने को निम्न जानकारी देना आवश्यक-
1. कॉल सेन्टर का लोकेशन ।
2. कॉल सेन्टर संचालक का नाम, पता एवं मोबाईल नम्बर ।
3. कार्यरत कर्मचारियों के नाम व टेलीफोन नम्बर ।
4. कॉल सेन्टर का उद्देश्य ।
5. कॉल सेन्टर में प्रयोग में लाये जाने वाले टेलीफोन नम्बर की सूची।
सम्बन्धित थाने द्वारा समय-समय पर कॉल सेन्टर में प्रयुक्त नम्बर की जाँच साइबर क्राइम पोर्टल से की जायेगी। यदि इन नम्बरों के विरूद्ध फ्राड की कोई शिकायत दर्ज है तो तत्काल जाँच कर कार्यवाही की जायेगी।
NCRP पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों में फ्राड हेतु जिन मोबाईल नम्बरों का प्रयोग हुआ है, उन नम्बरों व फोन के IMEI नम्बर को सम्बन्धित थाने द्वारा ब्लाक कराया जायेगा।
ऐसे सिम विक्रेता जिनके बिके सिम से फ्राड हुआ है और जाँच में पाया जाता है कि सिम विक्रेता द्वारा फर्जी नाम से सिम बेचा गया था तो सिम विक्रेता भी जायेंगे जेल।
म्यूल एकाउण्ट-
ऐसे बैंक खाते जिनका उपयोग साइबर अपराधी धोखाधड़ी से प्राप्त धनराशि को प्राप्त करने, ट्रांसफर करने या निकालने में करते हैं।
1. सभी थानों की साइबर टीम ऐसे बैंक खातों की पहचान कर डाटा बेस तैयार करें, जिनका प्रयोग साइबर ठगी में हुआ है।
2. प्राप्त खातों को फ्रीज (Freeze) कराने हेतु संबंधित बैंक शाखाओं से समन्वय स्थापित किया जाए।
3. खाता धारकों का KYC, मोबाइल नंबर, ईमेल ID, IP लॉग्स, ट्रांजेक्शन डिटेल तत्काल प्राप्त किए जाएं।
4. ऐसे खातों से जुड़े अन्य लिंक्ड अकाउंट्स, UPI IDs व डिजिटल वॉलेट्स की भी जांच की जाए।
5. दोषी पाए जाने पर संबंधित व्यक्तियों के विरूद्ध विधिक कार्रवाई की जाए।
आज दिनांक 11.11.2025 को पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट वाराणसी मोहित अग्रवाल द्वारा आयोजित समीक्षा बैठक में साइबर अपराधों की रोकथाम, कॉल सेन्टर संचालन एवं म्यूल अकाउंट से संबंधित महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए गए।
उन्होंने निर्देशित किया कि जिले के सभी कॉल सेन्टर्स अपनी जानकारी स्थानीय थाने में अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराएं, जिसमें सेंटर का पता, संचालक एवं कर्मचारियों के नाम, संपर्क विवरण, कार्य का उद्देश्य तथा प्रयुक्त टेलीफोन नंबरों की सूची शामिल हो।
संबंधित थाने द्वारा इन नंबरों की समय-समय पर साइबर क्राइम पोर्टल से जांच की जाएगी और यदि किसी नंबर के विरुद्ध फ्रॉड की शिकायत पाई जाती है तो तत्काल कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, जिन सिम विक्रेताओं द्वारा फर्जी नाम से सिम बेचे गए हैं और उन सिमों का उपयोग साइबर ठगी में हुआ है, उनके विरुद्ध भी कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। म्यूल अकाउंट्स के संदर्भ में निर्देश दिए गए कि सभी थाना स्तर की साइबर टीमें ठगी में प्रयुक्त बैंक खातों की पहचान कर उनका डेटाबेस तैयार करें, संबंधित बैंक शाखाओं से समन्वय स्थापित कर ऐसे खातों को फ्रीज कराएं तथा खाता धारकों की KYC, ट्रांजेक्शन डिटेल और लिंक्ड खातों की जांच करें। दोषी पाए जाने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध विधिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी, ताकि साइबर अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित हो सके।
सोशल मीडिया सेल पुलिस आयुक्त, वाराणसी।
रिपोर्ट- युवराज जायसवाल.. वाराणसी
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