बहराइच जनपद में संचारी रोग नियंत्रण अभियान माह का हुआ शुभारम्भ एमएलसी व डीएम ने हरी झण्डी दिखाकर सारथी वाहनो को किया रवाना
बहराइच जनपद में संचारी रोग नियंत्रण अभियान माह का हुआ शुभारम्भ एमएलसी व डीएम ने हरी झण्डी दिखाकर सारथी वाहनो को किया रवाना
बहराइच। वाराणसी की आवाज।जिला स्वास्थ्य समिति बहराइच के तत्वावधान में जनपद बहराइच में 01 से 31 जुलाई 2024 तक संचालित होने वाले ‘‘संचारी रोग नियंत्रण अभियान‘‘ के प्रति आमजन में जन-जागरूकता लाये जाने के उद्देश्य से एम.एल.सी. डॉ. प्रज्ञा त्रिपाठी ने जिलाधिकारी मोनिका रानी ने कलेक्ट्रेट परिसर से ‘‘संचारी रोग नियंत्रण अभियान रैली’’ में सम्मिलित सारथी वाहनों को रवाना किया। इस अवसर पर प्रभारी सीएमओ डॉ. राजेश कुमार, सीवीओ डॉ. राजेश उपाध्याय, जिला कार्यक्रम अधिकारी राजकपूर, डीपीएम एनएचएम सरयू खान, डीएचईआईओ बृजेश कुमार सिंह सहित अन्य सम्बन्धित मौजूद रहे।
इस अवसर पर डीएम ने बताया कि दिमागी बुखार एक जानलेवा बीमारी है। यह मच्छरों के काटने एवं दूषित पानी का उपयोग खाना बनाने एवं पीने में करने से फैलती है। अधिकांशतः 15 वर्ष की आयु तक के बच्चे इस रोग से ग्रसित होते हैं। उन्होंने बताया कि अचानक तेज़ बुखार आना, मरीज़ के व्यवहार में अचानक परिवर्तन आना, मरीज़ का पूरी तरह होशो हवास में न होना तथा मरीज़ को पहली बार झटके आना दिमागी बुखार/नवकी बिमारी के लक्षण हैं। यदि किसी व्यक्ति में ऐसे लक्षण दिखाई दे तो उसे तुरन्त सरकारी अस्पताल/स्वास्थ्य केन्द्र पर ले जायें।
डीएम ने लोगों से अपील की कि पाईप पेयजल योजना के नल के पानी का उपयोग खाना बनाने एवं पीने में करें। पाईप लाईन में किसी प्रकार की टूट फूट होने पर तुरन्त मरम्मत कराये जिससे गन्दा पानी पाईप में प्रवेश न कर सके। पाईप पेयजल योजना न होने पर इण्डिया मार्का-2 हैण्डपम्प के पानी का उपयोग खाना बनाने एवं पीने में करें। हैण्डपम्प के आस-पास साफ-सफाई रखें। उन्होंने लोगों को सुझाव दिया है कि घर के आस-पास कूड़ा इकट्ठा न होने दें। नालियों का बहाव बना रहे इसके लिये नालियों को साफ रखा जाय, क्योंकि बहते हुए पानी में मच्छर अण्डें नहीं दे पाते हैं।
स्वच्छता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए डीएम ने लोगों से अपील की कि शौच के लिए शौचालय का उपयोग करें। शौच के बाद व भोजन करने से पहले साबुन से हाथ अवश्य धोयें। घर के आस-पास जल निकासी का उचित प्रबन्ध करें जिससे पानी का जमाव न हो। क्योंकि ठहरे हुए पानी में मच्छर अण्डे देते हैं। सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। प्रातः एवं सॉयकाल जब मच्छर अधिक सक्रिय होते हैं, उस समय शरीर को पूरा ढक कर रखें। बच्चों को पूरे आस्तीन की कमीज़, फुल पैंट एवं मोज़े पहनायें। जापानीज़ इन्सेफेलाइटिस (जे.ई.) विषाणु से बचाव के लिए बच्चों को दिमागी बुखार का टीका अवश्य लगवायें। दिमागी बुखार के सम्बन्ध में अपने नज़दीकी अस्पताल/स्वास्थ्य केन्द्र से तत्काल सम्पर्क करें।