मानवता के मिशाल बने आईपीएस आदित्य वर्मा
मानवता के मिशाल बने आईपीएस आदित्य वर्मा
जनपद हाथरस के लोकप्रियकरण मानवता का यदि उदाहरण कहीं एक छात्र भूमिक शर्मा पुत्र नीरज देखने को मिल रहा तो वह हैं एटा शर्मा माता सरिता शर्मा मधुबनी पटवारी मत्स्यपा
लि लखनऊ पीएसी में तैनात कमांडेंट आदित्य गली हाथरस का प्रवेश सरस्वती विद्या प्रकाश वर्मा, जिन्होंने कोरोना काल मंदिर हाथरस की कक्षा 8 में कराकर मे अपनी ऐसी पत्नी को खो दिया उसकी पूरी साल की फीस के साथ था,जो सुख दुःख में हमेसा उनके अन्य खर्चे स्वयं वहन करने का ने कांधे से कांधा मिलाकर चलती वीणा उठाते हुए मानवता के पुनः थी। अपनी पत्नी की याद को अक्षुण उदाहरण पेश किया है।उनके इस पालन को एक वं बनाये रखने के लिए वर्मा जी हमेसा प्रयास से यह लोकोक्ति याद आ गई का साधन
न किसी न किसी ऐसे मौके को हाथ से जिसमें, धर्म करे धन न घटे,घटे न आमदनी का नहीं जाने देते जिससे उनको आत्मीय सरिता नीर,परमारथ के कारने साध प्रदेश के मत्सुख की अनुभूति होती हो ।चाहे कोई न धरा शरीर जब आदित्य प्रकाश त्योहार हो स्कूली बच्चों के मध्य वर्मा से उनके मानवतावादी आचरण के क्षेत्र में कापहुंचने का मौका हो वर्मा जी बच्चों के विषय मे बात की तो उनका एक खिलोने,चॉकलेट, पुस्तके,कॉपी ही कहना था,कि मैं अपने बाकी बचे छःहज आदि वितरित करके अपने मन को जीवन को मानव हित और समाज खुश रखने की चेष्टा करते रहते हैं, के दबे कुचले,गरीब असहाय लोगों पीपीपी मो२ अभी हाल में उन्होंने एक गरीब बच्ची की मदद में व्यतीत करने के संकल्प
ल00 की पढ़ाई का पूरा खर्चा वहन के साथ जीवन व्यतीत करूंगा।