लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत अर्जी पर आज सुनवाई होगी यह सुनवाई हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत अर्जी पर आज सुनवाई होगी। यह सुनवाई हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में
जस्टिस कृष्ण पहल की बेंच में की जाएगी। कोर्ट ने 25 मई यानि आज इस याचिका पर सरकार को अपना पक्ष रखने का आदेश दिया था।
लखनऊ की हाईकोर्ट बेंच में आशीष मिश्रा की जमानत पर आज होगा फैसला।
अन्य आरोपियों की जमानत याचिका खारिज
बीते सोमवार को जज डीके सिंह ने मामले की सुनवाई की थी। इस दौरान आरोपी लव कुश, अंकित दास, सुमित जायसवाल, शिशुपाल की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। वहीं, आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर सुनवाई नहीं की थी।
पिछली बार पेशी के दौरान मूछों पर ताव देते नजर आए थे आशीष मिश्रा।
लखनऊ बेंच ने की थी टिप्पणी
मामले की सुनवाई करते हुए लखनऊ बेंच ने कहा था कि राजनीतिक व्यक्तियों को गैर जिम्मेदाराना टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। उन्हें जनता मर्यादित भाषा में बयान देना चाहिए। पीठ ने यह टिप्पणी एसआइटी के इस निष्कर्ष को ध्यान में रखते की थी कि अगर केंद्रीय मंत्री ने किसानों के खिलाफ कटु शब्द न कहे होते तो तिकुनिया में हिंसा ही नहीं होती।
सुप्रीम कोर्ट ने जमानत याचिका रद्द कर दी थी, 25 अप्रैल को सरेंडर करने का आदेश दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने बेल रद्द की थी
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से आशीष मिश्रा को जमानत मिलने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले पर नाराजगी जताई थी। साथ ही उनकी जमानत को रद्द कर दिया था। वहीं, आशीष मिश्रा को 25 अप्रैल तक सरेंडर करने का आदेश दिया था। आशीष मिश्रा ने पहले ही 24 अप्रैल को सरेंडर किया था। इसके बाद से अभी न्यायिक हिरासत में हैं।
किसानों की मौत के मामले में आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बनाया गया है।
तिकोनिया में 3 अक्टूबर को हुई थी घटना
लखीमपुर खीरी के तिकोनिया मोड़ के पास किसानों की भीड़ पर थार गाड़ी चढ़ गई थी। गाड़ी से कुचलने और हिंसा में 8 लोगों की मौत हो गई थी। इसमें 4 किसान, भाजपा के 3 कार्यकर्ता और एक पत्रकार शामिल थे। किसानों की कुचलकर मौत के मामले में केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय कुमार मिश्र के बेटे आशीष मिश्र को मुख्य आरोपी बनाया गया है। एफआईआर तिकोनिया थाने में दर्ज कराई गई थी। पहले 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया, फिर आशीष मिश्र उर्फ मोनू की गिरफ्तारी हुई। इसके बाद 8 और लोगों को गिरफ्तार किया गया।
लखीमपुर में गाड़ी से कुलचने और हिंसा में 8 लोगों की मौत हो गई थी।
10 फरवरी को मिली थी जमानत
10 फरवरी को हाईकोर्ट ने आशीष मिश्रा की जमानत आदेश पर फैसला उनके पक्ष में सुनाया।
11 फरवरी को जमानत आदेश में गलती होने पर अदालत में करेक्शन एप्लिकेशन डाली गई।
14 फरवरी को जमानत का आदेश आया।
15 फरवरी को आशीष मिश्रा उर्फ मोनू की रिहाई हो गई।
दो महीने के बाद बदल गया मामला
10 मार्च को तिकुनिया हिंसा के गवाह दिलजोत सिंह पर हमला हुआ।