•   Sunday, 06 Jul, 2025
Operation is going on for the last four months without permission related to air and water pollution

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से वायु तथा जल प्रदूषण संबंधित अनुमति के बगैर पिछले चार माह से जारी है संचालन

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  Varanasi ki aawaz

वायु व जल प्रदूषण के मानकों को पूरा किये बगैर किया जा रहा है बनारस रेलवे स्टेशन का संचालन

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से वायु तथा जल प्रदूषण संबंधित अनुमति के बगैर पिछले चार माह से जारी है संचालन

प्रदूषण के मानकों का पालन न करने के लिए बनारस रेलवे स्टेशन पर लगे जुर्माना,प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड करे दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाई-ई०राहुल कुमार सिंह

प्रदूषण की रोकथाम व नियंत्रण को लेकर उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कितना गंभीर है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बनारस रेलवे स्टेशन जो कभी मड़ुवाडीह के नाम से भी जाना जाता था,पिछले चार माह से वायु तथा जल प्रदूषण संबंधित आवश्यक अनुमति के बगैर ही संचालित हो रहा है।इस विषय पर खुलासा करते हुए समाजवादी पार्टी लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य व वरिष्ठ समाजसेवी ई०राहुल कुमार सिंह ने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण एवं निवारण अधिनियम 1981 की धारा 21/22 के अनुसार बनारस रेलवे स्टेशन को उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से वायु प्रदूषण संबंधित अनुमति दिनांक 2 फरवरी 2021 को जारी की गयी थी जिसकी मियाद 31 दिसंबर 2021 तक थी।इसी प्रकार प्रदूषण नियंत्रण एवं निवारण अधिनियम 1981 की धारा 25/26 के अनुसार बनारस रेलवे स्टेशन को उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जल प्रदूषण संबंधित अनुमति भी दिनांक 2 फरवरी 2021 को जारी की गयी थी जिसकी मियाद भी 31 दिसंबर 2021 को समाप्त हो गयी है।उत्तर प्रदेश नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी दोनों अनुमति पत्रों मे स्पष्ट तौर पर उल्लेखित है कि अनुमति समाप्त होने से 2 माह पूर्व ही बनारस रेलवे स्टेशन प्रशासन को पुन: अनुमति प्राप्त करने के लिए आवेदन करना था जिसका उल्लंघन करते हुए बनारस रेलवे स्टेशन प्रशासन चार माह तक सोया रहा।बनारस रेलवे स्टेशन प्रशासन द्वारा वायु तथा जल प्रदूषण संबंधित इन अनुमतियों को प्राप्त करने के लिए 4 अप्रैल 2022 को आवेदन किया गया जो कि अभी तक उत्तर प्रदेश नियंत्रण बोर्ड के पास लंबित अवस्था मे है।श्री सिंह ने उत्तर प्रदेश नियंत्रण बोर्ड पर आरोप लगाते हुए कहा कि बनारस रेलवे स्टेशन का संचालन बिना वायु तथा जल प्रदूषण संबंधित अनुमति के पिछले चार माह से हो रहा है परंतु इस विषय मे उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाई नहीं की गयी।श्री सिंह ने कहा कि जब अनुमति पत्रों मे स्पष्ट था कि अनुमति समाप्त होने से दो माह पूर्व अर्थात अक्टूबर-नवंबर 2021 मे ही बनारस रेलवे स्टेशन प्रशासन द्वारा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के समक्ष आवेदन करना आवश्यक था तो रेलवे स्टेशन प्रशासन द्वारा अप्रैल 2022 मे आवेदन करना बनारस रेलवे स्टेशन प्रशासन की लापरवाही है।बनारस रेलवे स्टेशन प्रशासन की इस प्रकार की लापरवाही व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का इस लापरवाही पर कोई कार्यवाई न करना स्पष्ट तौर पर बताता है कि सरकारी विभाग प्रदूषण व इससे संबंधित अनुमतियों को लेकर कितने गंभीर हैं।श्री सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि वायु तथा जल प्रदूषण संबंधित आवश्यक अनुमतियां मात्र कागजी खानापूरी बन कर रह गयी हैं जिसको स्वयं उत्तर प्रदेश नियंत्रण बोर्ड भी गंभीरता से नहीं लेता है।इस तरह की अनुमतियां मात्र भ्रष्टाचार करने के लिए तथा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों की जेब भरने के लिए रह गयी हैं।श्री सिंह ने मांग करते हुए कहा कि इस संबंध मे उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाई करते हुए बनारस रेलवे स्टेशन प्रशासन पर बड़ा जुर्माना लगाना चाहिए जिससे भविष्य मे इस तरह की लापरवाही बरतने वालों को नसीहत मिल सके।

रिपोर्ट:-डा सुनील जायसवाल
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