•   Sunday, 24 Nov, 2024
Thousands of years old rare prehistoric rock found in Chitrakoot Amwa

चित्रकूट अमवा में मिले हजारों साल पुराने दुर्लभ प्रागैतिहासिक शैल

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  Varanasi ki aawaz

चित्रकूट अमवा में मिले हजारों साल पुराने दुर्लभ प्रागैतिहासिक शैल 
 
चित्रकूट:-जनपद के मानिकपुर तहसील का दक्षिणी इलाका प्रागैतिहासिक शैल चित्रों की दृष्टि से बहुत समृद्ध शाली है ।मानिकपुर के कल्याण गढ़ से लगभग 8 किमी दूर अमवा ग्राम सभा में धारकुंडी आश्रम के पास जंगल में जुगनी हाई का पथरी दाई स्थल है ।इस क्षेत्र में थोड़ी थोड़ी दूर में स्थित पांच शिला खंडों में प्रागैतिहासिक युगीन शैल चित्रों के प्रमाण मिलते हैं। विंध्य क्षेत्र में सर्वप्रथम प्रागैतिहासिक शैल चित्रों की खोज का श्रेय आर्चीवाल्ड और जान ककवर्ण को दिया जाता है। प्रोफेसर डी एच गार्डन ने प्रीहिस्टोरिक बैकग्राउंड ऑफ  इंडियन कल्चर पुस्तक में प्रागैतिहासिक युगीन शैल चित्रों के विषय में विवरण प्रस्तुत किया है। ककवर्न महोदय ने अपने शोध का सचित्र वैज्ञानिक विवरण एशियाटिक सोसाइटी ऑफ़ बंगाल के जर्नल में सन 18 83 में प्रकाशित किया था! अमवा से मिले प्रागैतिहासिक शैलचित्र आज भी सुरक्षित है। इतिहासकार डॉ संग्राम सिंह ने प्रत्यक्ष अवलोकन के आधार पर बताया कि यहां के प्रागैतिहासिक शैल चित्र हेमेटाइट प्रकार के हैं जो गेरुआ रंग के हैं। अधिकांश खुले शिलाखंड के नीचे हैं और ऊपर से छतरी नुमा सुरक्षित बड़ी चट्टान है। धूप और पानी से सुरक्षित है । सघन जंगली इलाके में होने के कारण लोग नहीं पहुंच पाते हैं।इन चित्रों में ज्यादातर जंगली पशुओं का अंकन दृष्टिगोचर होता है।एक बडी शिला में एक साथ लगभग आधा सैकड़ा जंगली पशुओं तथा मानव चित्रों के साथ उनके क्रियाकलापों का निरुपण दर्शित है। वस्तुत: यहां के प्रागैतिहासिक शैल चित्रों का वर्णविषय तत्कालीन मानवीय गतिविधियों का निरुपण है। अनुसंधान दल में डा०नवल त्रिपाठी, प्राचार्य, डा ०बद्री विशाल, अवनीश कुमार तथा धारकुंडी वन क्षेत्र के कर्मचारी मौजूद रहे।

रिपोर्ट- विजय त्रिवेदी. जिला संवाददाता चित्रकूट
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