•   Tuesday, 08 Jul, 2025
Varanasi disguised Commissioner Deepak Aggarwal inspected Kashi Vishwanath temple and got strict if

वाराणसी भेष बदलकर कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने काशी विश्वनाथ मंदिर का किया निरीक्षण खामियां मिली तो हुये सख्त

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  Varanasi ki aawaz

भेष बदलकर कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने काशी विश्वनाथ मंदिर का किया निरीक्षण, खामियां मिली तो हुये सख्त


वाराणसी नगर आयुक्त (कमिश्नर) दीपक अग्रवाल का भेष बदलकर काशी विश्वनाथ मंदिर का निरीक्षण करना चर्चा में बना हुआ है।इस दौरान उन्‍होंने मुंह पर गमछा बांधने के साथ सफेद और नीले रंग की चेक शर्ट पहन कर दर्शनार्थियों की तरह लाइन लगकर दर्शन किए. इसके अलावा कुछ जगह खामियां मिलने पर उन्‍होंने मंदिर के कमर्चारियों और संबद्धित अधिकारियों को चेतावनी दी है.

 वाराणसी. ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर में ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर वीडियोग्राफी सर्वे का काम शनिवार को शुरू होगा. इस बीच मंडल के मुखिया दीपक अग्रवाल का भेष बदलकर काशी विश्वनाथ मंदिर का निरीक्षण करना चर्चा में बना हुआ है।

वाराणसी. ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर में ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर वीडियोग्राफी सर्वे का काम शनिवार को शुरू होगा. इस बीच मंडल के मुखिया दीपक अग्रवाल का भेष बदलकर काशी विश्वनाथ मंदिर का निरीक्षण करना चर्चा में बना हुआ है।

 कमिश्नर दीपक अग्रवाल के इस कदम से विश्वनाथ मंदिर के कमर्चारियों और संबद्धित अधिकारियों में हड़कंप मच गया है. दरअसल पूरा मामला विश्वनाथ मंदिर के निरक्षण को लेकर है, लेकिन ये निरीक्षण दीपक अग्रवाल ने लाव लश्कर के साथ नहीं बल्कि आम दर्शनार्थी बन कर किया है. इस दौरान उनको कई खामियां मिली, जिसको लेकर उन्‍होंने चेतावनी जारी की है।

कमिश्नर दीपक अग्रवाल के इस कदम से विश्वनाथ मंदिर के कमर्चारियों और संबद्धित अधिकारियों में हड़कंप मच गया है. दरअसल पूरा मामला विश्वनाथ मंदिर के निरक्षण को लेकर है, लेकिन ये निरीक्षण दीपक अग्रवाल ने लाव लश्कर के साथ नहीं बल्कि आम दर्शनार्थी बन कर किया है. इस दौरान उनको कई खामियां मिली, जिसको लेकर उन्‍होंने चेतावनी जारी की है।

 कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने आम आदमी बनकर विश्वनाथ मंदिर में एंट्री ली. इसके बाद वह मुंह पर गमछा बांधने के साथ सफेद और नीले कलर की साधारण चेक शर्ट पहन कर दर्शनार्थियों की तरह लाइन में लग गए. इस दौरान उनके साथ कोई सुरक्षाकर्मी भी मौजूद नहीं था. दरअसल दीपक अग्रवाल ने ये निरक्षण दर्शनार्थियों को दी जा रही सुविधा की जांच के लिए किया जिसमें उन्हें कई खामियां मिली हैं. इसके लेकर उन्‍होंने चेतवानी जारी की है।

कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने आम आदमी बनकर विश्वनाथ मंदिर में एंट्री ली. इसके बाद वह मुंह पर गमछा बांधने के साथ सफेद और नीले कलर की साधारण चेक शर्ट पहन कर दर्शनार्थियों की तरह लाइन में लग गए. इस दौरान उनके साथ कोई सुरक्षाकर्मी भी मौजूद नहीं था. दरअसल दीपक अग्रवाल ने ये निरक्षण दर्शनार्थियों को दी जा रही सुविधा की जांच के लिए किया जिसमें उन्हें कई खामियां मिली हैं. इसके लेकर उन्‍होंने चेतवानी जारी की है.

 कमिश्नर दीपक अग्रवाल सबसे पहले गेट नंबर चार के पास एक गली में पहुंचे, जहां वो फोटो लेने गए, लेकिन सुरक्षाकर्मी के रोके जाने से वो वहां से चले गए. इसके बाद फूल माला वाले की दुकान पर जूते और मोबाइल जमा किया और मन्दिर में प्रवेश कर लाइन में लग गए.
कमिश्नर दीपक अग्रवाल सबसे पहले गेट नंबर चार के पास एक गली में पहुंचे, जहां वो फोटो लेने गए, लेकिन सुरक्षाकर्मी के रोके जाने से वो वहां से चले गए. इसके बाद फूल माला वाले की दुकान पर जूते और मोबाइल जमा किया और मन्दिर में प्रवेश कर लाइन में लग गए.

 वह लाइन में लग कर बाबा के दर्शन का इंतजार करने लगे. वहीं, जब वो गर्भगृह के पास पहुंचे तो दर्शनार्थियों से पुलिसकर्मियों और सेवादारों का व्यवहार ठीक नहीं लगा, लेकिन उन्‍होंने कुछ नहीं कहा. इसके बाद देखा कि सेवादार और पुलिसकर्मी चढ़ावे का पैसा हुंडी में न डालकर उसे अपने हाथ में ही दबा ले रहे थे. इसके बाद दीपक अग्रवाल का पारा चढ़ चुका था. फिर वो तत्काल मन्दिर में बने अथिति गृह पहुंचे और मन्दिर न्यास व पुलिसकर्मियों को बुलाकर लताड़ लगाई. साथ की कई निर्देश जारी किए हैं. कमिश्नर के इस निरक्षण से जहां बाबा विश्वनाथ मंदिर परिसर में हड़कंप मच गया तो वहीं दर्शनार्थियों के बीच चर्चा का विषय भी बना रहा लोगों ने उम्मीद जताई है कि अब व्यवस्थाएं और दुरुस्त हो जाएंगी।

वह लाइन में लग कर बाबा के दर्शन का इंतजार करने लगे. वहीं, जब वो गर्भगृह के पास पहुंचे तो दर्शनार्थियों से पुलिसकर्मियों और सेवादारों का व्यवहार ठीक नहीं लगा, लेकिन उन्‍होंने कुछ नहीं कहा. इसके बाद देखा कि सेवादार और पुलिसकर्मी चढ़ावे का पैसा हुंडी में न डालकर उसे अपने हाथ में ही दबा ले रहे थे. इसके बाद दीपक अग्रवाल का पारा चढ़ चुका था. फिर वो तत्काल मन्दिर में बने अथिति गृह पहुंचे और मन्दिर न्यास व पुलिसकर्मियों को बुलाकर लताड़ लगाई. साथ की कई निर्देश जारी किए हैं. कमिश्नर के इस निरक्षण से जहां बाबा विश्वनाथ मंदिर परिसर में हड़कंप मच गया तो वहीं दर्शनार्थियों के बीच चर्चा का विषय भी बना रहा. लोगों ने उम्मीद जताई है कि अब व्यवस्थाएं और दुरुस्त हो जाएंगी

रिपोर्ट-अनुराग पाण्डेय. मंडुआडीह
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