चित्रकूट भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी जिला इकाई चित्रकूट ने पार्टी कैंप कार्यालय में का चन्द्रपाल की अध्यक्षता में 12 जुलाई सन् 1966 ई के शहीदों की स्मृति में श्रद्धांजलि सभा आयोजित किए


चित्रकूट भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी जिला इकाई चित्रकूट ने पार्टी कैंप कार्यालय में का चन्द्रपाल की अध्यक्षता में 12 जुलाई सन् 1966 ई. के शहीदों की स्मृति में श्रद्धांजलि सभा आयोजित किए
सभा को संबोधित करते हुए का.अमित यादव ने कहा कि 15अगस्त1947 ई. में देश जरूर आजाद हो गया था किन्तु सामन्ती जुर्म यथावत थे सवा सेर बनी (पारिश्रमिक) में अठारह घंटे पशुवत काम लिया जाता था । सामन्त व जमींदार गरीबों से अनाज में सवाई पर सवाई, रूपयों में ब्याज पर ब्याज लेते और इन्ही कर्जों के दम पर कर्ज की अदायगी के लिये पीढ़ी दर पीढ़ी गरीब दलित और पिछड़ी जाति के लोग गुलाम थे यदि किसी ने बिरोध किया तो पशुवत मार के साथ पुलिसियामार के भी लोग शिकार होते थे ।
न किसी के पास निजी मकान था न खेत न अपना गाँँव।इन चुनौतियों से निजात दिलाने का बीड़ा उठाया कम्युनिस्ट पार्टी ने और नारा दिया - "धन और धरती बंट के रहेगी, भूखी जनता चुप न रहगी ", " कमाने वाला खायेगा, लूटने वाला जायेगा " इसी नारे के साथ 12जुलाई1966 को कम्युनिस्ट पार्टी ने प्रदर्शन करने का निर्णय लिया जिसमें हजारो लोग शामिल हुये जिसकी अगुवाई कर रहे थे कामरेड दुर्जन भाई, कामरेड रामकृपाल पान्डेय, कामरेड देवकुमार यादव, कामरेड चन्द्रभान आजाद, कामरेड रामसजीवन, कामरेड प्रहलाद, कामरेड भागवत भाई जैसे ही जुलूस कचेहरी पहुचा तैसे ही शान्ति से प्रदर्शन कर रहे साथियो के उपर आगा एस पी ने गोलियाँ चलवा दी जिसमें सैंकड़ों लोग शहीद हो गये 455घायलो को जेल मे ठूस दिया गया जिसके बिरोध मे एक माह बांदा बाजार और कचेहरी बन्द रहे। जमुनाप्रसाद बोस अनशन मे रहे, रामभजन निगम ने अपने अखबार" रिश्वत " में आवाज उठाई। उस समय हमारा जिला बांदा था।
देश के सारे विपक्ष के नेता बाँदा मे डेरा डाले रहे 1967 के आम चुनाव मे काग्रेस पार्टी नव राज्यो से चुनाव हार गयी तब कम्युनिस्ट पार्टी के सर्मथन से सरकार बनी पार्टी ने अपने घोषणा पत्र को लागू करने की शर्त रखी तब जाकर जनता को इन सारे उत्पीड़नों से मुक्ति मिली थी।आज हम सबको उनके संकल्पों से प्रेरणा लेकर हक़ व अधिकार के लिए लड़ना होगा।
सभा को सत्यहरन एड. , शिवनरेश, सुशील, संदीप पांडेय ने भी संबोधित किया।
सभा में हनुमान, सुरेन्द्र सिंह, दादूराम, बृजभूषण, रामनरेश,बुद्धविलाश, सहित दर्जनों लोग उपस्थित थे।
विजय त्रिवेदी चित्रकूट
