चित्रकूट शिक्षा स्वास्थ्य बेरोजगारी की बदहाली से जनपद चित्रकूट लगातार जूझ रहा है
चित्रकूट शिक्षा स्वास्थ्य बेरोजगारी की बदहाली से जनपद चित्रकूट लगातार जूझ रहा है
...यहां की जनता सिर्फ वोट देने वाली मशीन तक सीमित हो गई है। राजनेताओं द्वारा कभी भी यहां के विकास खासकर स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार पर कभी भी तवज्जो नहीं दिया.. इसी कारण यह जनपद अशिक्षा, बेरोजगारी ,कुपोषण की चपेट से हमेशा प्रभावित रहा है ..शिक्षा के क्रम में ही देखा जाय तो जनपद चित्रकूट को 1985 में राजकीय गोस्वामी तुलसीदास डिग्री कॉलेज मिला जिसमें शिक्षक कार्य 1988 से प्रारंभ हो गया था परंतु यह भी राजनीति का शिकार हो गया। सेवा भारती के जिला सह मंत्री एवं समाजसेवी राज किशोर शिवहरे ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि दुर्भाग्यवश यह कॉलेज विषय वर्ग के लिए सदैव जूझता रहा...राजनेताओं एवं सरकार ने कभी भी इसकी सुध नहीं ली, आज भी एमएससी वर्ग की क्लासेस के लिए यह बर्षों से जूझ रहा है जिससे यहां की गरीब छात्र छात्राएं मजबूरन बाहर जाकर मोटी फीस चुका कर आगे की शिक्षा ग्रहण कर पाते हैं.. एक सच यह भी है कि राजकीय डिग्री कॉलेज होने के बाद भी किसी को कुछ फायदा नहीं दिख रहा, इसीलिए दुर्दशा का दंश झेल रहा है ...अत्यंत योग्य शिक्षकों के बावजूद यहां के गरीब छात्र-छात्राओं को लाभ नहीं हो पा रहा.. मैं यहां के जिलाधिकारी जो शिक्षा पर अपनी विशेष रूचि रखते हैं उनसे भी आग्रह करता हूं कि उपरोक्त पर विचार करते हुए शासन स्तर पर कार्यवाही अवश्य करें और इस पुनीत कार्य में सही मायने पर भागीदार बने.. समाजसेवी राजकिशोर शिवहरे ने प्रिंट मीडिया इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से भी अपील किया कि हर बार की तरह इस बार भी गरीब छात्र-छात्राओं की उच्च शिक्षा हेतु अपना अमूल योगदान दे.. जिससे लगभग 38 वर्षों से विषय वर्गों के लिए जूझ रहे गोस्वामी तुलसीदास राजकीय डिग्री कॉलेज को एमएससी वर्ग के अतिरिक्त अन्य विषय वर्गों के साथ संचालन हो सके...
गरीब छात्राओं को लाभ मिल सके और सही मायने में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की पूर्ति हो सके..
रिपोर्ट- विजय त्रिवेदी. जिला संवाददाता चित्रकूट