प्रतिबंध के बावजूद ग्राहकों को बोतल में दे रहे पेट्रोल पेट्रोल पंप उड़ा रहे हैं नियमों की धज्जियां
चित्रकूट में प्रतिबंध के बावजूद ग्राहकों को बोतल में दे रहे पेट्रोल पेट्रोल पंप उड़ा रहे हैं नियमों की धज्जियां
फतेहपुर। जिले के पेट्रोल पंपों पर उपभोक्ताओं के लिए मान्य सुविधाएं मुहैया नहीं कराई जा रही है और एक्सप्लोसिव एक्ट के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। इन पेट्रोल पंप पर खुलेआम नियमों का मखौल उड़ाया जाने से कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है इसके बावजूद सम्बंधित पेट्रोलियम कंपनी के अधिकारी कार्यवाही नहीं कर रहे हैं और सब कुछ अपने ढर्रे पर चल रहा है?
फतेहपुर शहर के बीबी हाट के पास स्थित जायसवाल ऑटो फ्यूल्स के पेट्रोल पंप के कर्मचारी प्लास्टिक की बोतल में पेट्रोल देते नजर आ रहे हैं? जबकि एक्सप्लोसिव एक्ट 1983 की धारा के तहत प्लास्टिक की बोतल में पेट्रोल देना लेना प्रतिबंधित है। लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर इस पर पाबंदी लगाना जरूरी भी है लेकिन पेट्रोल पंप पर खुलेआम इस नियम से खिलवाड़ करते तथा बिना आनाकानी किए पेट्रोल बोतल में डाल दिया जाता है। पेट्रोलियम पदार्थ अत्यंत ज्वलनशील होता है। आसपास हल्की सी चिंगारी इस व्यवस्था पर भारी पड़ सकती है। इसके लिए सरकार ने सुरक्षा नियम तय किए हैं? लेकिन जिले के इस पेट्रोल पंप के कर्मचारी इस नियम को ठेंगा दिखाकर पेट्रोल की बिक्री कर रहे हैं, इससे स्वयं तथा परिसर में मौजूद अन्य लोगों की जान को भी खतरे में डाल रहे हैं? उपभोक्ता भी इसके लिए काफी हद तक जिम्मेदार हैं। कुछ उपभोक्ता पेट्रोल पंप में मोबाइल से बात करने पर प्रतिबंध होने के बावजूद मोबाइल उपयोग करते नजर आते हैं।
*सुविधाओं पर अव्यवस्था भारी* पेट्रोल पंपों में उपभोक्ताओं के लिए हवा व पानी तथा शौचालय की व्यवस्था करना जरूरी है, साथ ही इसकी सुविधा 24 घंटे मुहैया भी करानी है। इसके साथ ही पेट्रोल की शुद्धता व माप की जांच के लिए भी सामान उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराना है। जिले के अधिकांश पेट्रोल पंपों में इन सुविधाओं का सर्वथा अभाव है और अव्यवस्था उन पर भारी पड़ रही है।
पेयजल, शौचालय तो जैसे तैसे मिल जाते हैं, लेकिन नि:शुल्क हवा भरने की मशीन हमेशा खराब नजर आती है। यदि कोई उपभोक्ता संचालक से पूछ भी लिया तो वह वर्कर कम होने या कोई अन्य कारण बता उपभोक्ता को आगे बढ़ा देते हैं।
पेट्रोल पंप में फैली अव्यवस्था तथा उपभोक्ताओं की सुविधाओं का अभाव होने पर मौके से ही सीधे फोन कर इसकी शिकायत की जा सकती है। इसके लिए संबंधित अधिकारी के फोन नंबर तथा शिकायती रजिस्टर भी पंप पर मौजूद रहता है। जिस कंपनी का पेट्रोल पंप है उस कंपनी के होल्डिंग्स भी पेट्रोल पंप में लगे रहते हैं जिसमें शिकायत करने के टोल फ्री नंबर तथा अधिकारी के नम्बर लिखे रहते हैं। शिकायत मिलते ही संबंधित अधिकारी पंप संचालक से संपर्क कर वस्तुस्थिति की जानकारी लेंगे तथा उसके खिलाफ कार्यवाही करेंगे। कार्यवाही में संचालक का लाइसेंस भी रद्द हो सकता है
*क्या है एक्सप्लोसिव एक्ट* एक्सप्लोसिव एक्ट 1983 के तहत पेट्रोल पंप में ग्राहकों को प्लास्टिक की बोतल या कंटेनर रोड में पेट्रोलियम देना प्रतिबंधित है। इसी तरह पंप परिसर में पेट्रोल भरवाने के दौरान मोबाइल का उपयोग पर भी प्रतिबंध है, क्योंकि पेट्रोलियम पदार्थ काफी ज्वलनशील तरल पदार्थ है और हल्की सी चिंगारी मात्र मिलने से यह जल उठता है। इससे तीव्रता से आग फैलने लगती है। आजकल लोग पानी की प्लास्टिक की बोतलों को पेट्रोल लाने ले जाने में उपयोग में लाते हैं जो कि काफी खतरनाक है यदि पेट्रोल देते समय इस में आग लग जाए तो पंप में गंभीर हादसा हो सकता है इसी तरह मोबाइल एक इलेक्ट्रॉनिक वस्तु है जिसके संचालन से स्पार्किंग होती है और यह स्पार्किंग पेट्रोल में आग लगा सकती है।
पेट्रोल पंप में बिना रोक-टोक के प्लास्टिक की बोतलों के अलावा जरीकेन में भी पेट्रोल देने का सिलसिला शुरू चल रहा है। लेकिन अब तक इस पर रोक नहीं लग पाई है जबकि यह भी पेट्रोलियम एक्ट के तहत प्रतिबंधित है जरीकेन में पेट्रोल दिए जाने की वजह से इसका गलत इस्तेमाल भी किया जा रहा है। शहर के ग्रामीण क्षेत्रों के कुछ दुकानदार छोटी दुकानों में बड़ी मात्रा में पेट्रोल खरीद ले जाते हैं और पेट्रोल की कालाबाजारी कर उसे बढ़ी हुई कीमतों में बेचते हैं इसके साथ ही आय अधिक प्राप्त करने पेट्रोल में मिलावट भी की जाती है।
जिला पूर्ति अधिकारी से जब इस प्रकरण के सम्बन्ध में चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि इस प्रकरण से सम्बंधित वायरल वीडियो संज्ञान में आया है, इस प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच कराकर आवश्यक कार्यवाही करने की बात कही।
यह तो वक्त ही बताएगा कि क्या कार्यवाही होगी?