•   Monday, 07 Apr, 2025
In Banaras journalist Amit Maurya was thrown out of his house and beaten at the crossroads In the pr

बनारस में पत्रकार अमित मौर्य को घर से निकालकर चौराहे पर पीटा दुर्गा के अपमान के बहाने सवर्णों का तांडव यह अधिकार आखिर सर्वण को किसने दे दिया

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  Varanasi ki aawaz

बनारस में पत्रकार अमित मौर्य को घर से निकालकर चौराहे पर पीटा, दुर्गा के अपमान के बहाने सवर्णों का तांडव,यह अधिकार आखिर सरवन

वाराणसी:- मां दुर्गा पर कथित तौर पर नकारात्मक टिप्पणी करने के आरोप में सवर्ण दबंगों ने एक पत्रकार को पीटते हुए पुलिस थाने ले गए। पत्रकार को पीटने वाले लोग तथाकथित हिंदूवादी संगठनों से जुड़े हैं। देश और प्रदेश में उनकी पार्टी की सरकार है, उनका कोई क्या कर सकता है? सत्ता के मद में चूर सवर्ण अराजक तत्व कानून को अपने हाथ में लेकर खुलेआम सड़क पर तांडव करते रहे। लेकिन पत्रकार को बचाने कोई नहीं आया।

सूचना के मुताबिक बुधवार की सुबह बनारस के साहसी पत्रकार अमित मौर्य, जो ‘अचूक संघर्ष’ नाम का चर्चित और बेबाक अखबार निकालते हैं। 

वह अपने अखबार में शासन-प्रशासन के भ्रष्टाचार को उजागर करते रहे हैं। अभी हाल ही में उन्होंने आरटीओ दफ्तरों में चल रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ कई रिपोर्ट प्रकाशित किया था। 

इससे बहुत सारे सफेदपोश उनके पीछे पड़ गए। उन्हें मां दुर्गा पर कथित टिप्पणी ने अवसर दे दिया, और वे सब इस बहाने अमित को निपटाने में लग गए… गेरुआ कुर्ता और गेरुआ साफा पहने हिंदुत्व ब्रिगेड के लोगों ने उन्हें घर से निकाला और पीटने लगे। अराजक तत्व उन्हें पीटने के साथ ही मां-बहन की गालियां भी दे रहे थे। वीडियो में यह साफ देखा-सुना जा सकता है।


वीडियो में देखा जा सकता है कि चंद सवर्ण इनके घर से इन्हें पीटते हुए थाने ले जा रहे हैं। सत्ता के दंभ से भरे इन गुंडों की भाषा देखिये। अमित मौर्य पर यह आरोप लगाया गया है कि वो देवी-देवताओं पर अभद्र टिप्पणी करते हैं। तो सवाल यह उठता है कि क्या इससे उन्हें किसी को पीटने का अधिकार मिल गया।

दरअसल, अमित मौर्य साहसी और दबंग पत्रकार हैं। समाज की दकियानूस विचारों और प्रशासन के भ्रष्टाचार पर वे खरी-खरी लिखते रहे हैं। जो उनके आस-पास के लोगों को पसंद नहीं था। मौका मिलते ही वे सब एकजुट होकर उनके ऊपर हमला कर दिए।

मां दुर्गा पर नकारात्मक टिप्पणी करके अमित मौर्य ने ग़लत काम किया था। लेकिन जो सवर्ण गुंडे अमित को मारते- पीटते हुए पुलिस थाने ले जा रहे हैं, मां बहन की गालियां दे रहे हैं, क्या वे सही काम कर रहे हैं? मारना-पीटना तो कानूनन जुर्म है।

इस देश के बहुत सारे लोग रावण और महिषासुर की पूजा करते हैं, बहुत सारे लोग दुर्गा और राम को अपनाआराध्य मानने से इनकार करते हैं…तो क्या आपको उन सभी को पीटने का लाइसेंस मिल गया है? अगर कोई आपके धार्मिक मान्यता और आस्था पर चोट कर रहा है तो उसके लिए अदालत है। इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करिए, कोर्ट जाइए, एफआईआर लिखाइए… कि आप घर में घुसकर उसे पीटेंगे, उसकी मां-बहन को गालियां देंगे और चौराहे पर पीटते हुए थाने ले जाएंगे… ?

रिपोर्ट- आश्वनी जायसवाल, वाराणसी
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