अम्बेडकर नगर में क्या अवैध खनन के चलते जनपद को मिलने वाली है बाढ़ की सौगात
अम्बेडकर नगर में क्या अवैध खनन के चलते जनपद को मिलने वाली है बाढ़ की सौगात
अम्बेडकरनगर। वाराणसी की आवाज। केन्द्र व प्रदेश में भाजपा सरकार आने पर आश जगी थी कि सुधार होगा और माफिया राज व सिंडीकेट में लगाम लगेगी। जिसमें प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भरसक प्रयास कर 2017 में गद्दी संभालते हुए खनन कारोबार को ई टेंडर प्रक्रिया से खनन पट्टों की लीज पर अंवाटित करने का काम कर सिंडीकेट को प्रत्यक्ष रूप से समाप्त कर दिया। और अबैध खनन व ओवरलोडिंग की रोकथाम के लिए खनन नियमों में संशोधन कर इनकी निगरानी में हाई-फाई पी जेड कैमरे, धर्मकांटा व अन्य नियम कानून लागू किए।लेकिन उनका पालन खाली कागजों में सीमित रह गया। उसके उलट धरातल पर सभी नियम-कानून हवा हवाई साबित हो रहें हैं। जिसमें मुख्य भूमिका अदा करने वाले खनिज विभाग, परिवहन विभाग व राजस्व विभाग ने अपने कर्तव्य को खनन कारोबारियो के पास गिरवी रख कर सभी दावों की हवा निकाल दी है। जैसा वर्तमान समय में देखने को मिल रहा है। और एक अप्रत्यक्ष सिंडीकेट कुछ चुनिंदा पट्टाधारकों संचालकों व खनिज अधिकारी का जनपद में संचालित है पूरा मामला जनपद में संचालित खनन कारोबार से जुड़ा है ।जहां खनिज विभाग की कार्यशैली से खनन कारोबारी बेलगाम होकर एनजीटी शर्तों व खनन परिवहन नियमों को तार-तार कर करोड़ों रुपए के राजस्व की लूट-खसोट लगातार जारी किए हैं। जिसमें खनिज, परिवहन व राजस्व विभाग की मौन सहमति से जनता भी शिकायत करते करते मजबूर हो गईं हैं।क्योंकि इस ब्यापार से होने वाली धनवर्षा में अपनी उपयोगिता के अनुसार जेबें भरने की होड़ में कहीं चूक ना हो जाएं इसलिए सबकुछ जानकर धृतराष्ट्र की राजनीति पर दायित्वों का निर्वहन किया जा रहा है।मीडिया कर्मियों द्वारा खबरें सुर्खियों में आने पर उच्चाधिकारियों व डीएम की सख्ती के बाद मन मसोसकर कर प्रयोजित कार्यवाही कर मामले की इतिश्री कर पीठ थपथपाई और होंसला अफजाई हो जाती हैं।जबकि खनन कारोबारियों के आगे उच्चाधिकारियों व डीएम की सख्ती भी बेईमानी साबित हो जाती है ।खनिज अधिकारी व दोयम दर्जा अधिकारी सबकुछ देख कर भी कार्यवाही से भागता नजर आ रहा है । कहीं उनकी मिलीभगत के राज ना बेपर्दा हो जाएं।
रिपोर्ट- वृजेश कुमार, अम्बेडकर नगर, उत्तर प्रदेश