चित्रकूट राष्ट्रीय तकनीकी दिवस पर केवीके में वर्षा जल संचयन एवं संरक्षण विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित


चित्रकूट राष्ट्रीय तकनीकी दिवस पर केवीके में वर्षा जल संचयन एवं संरक्षण विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित
समाज की पहल एवं जन सहयोग से होने वाले कार्य सदैव टिकाऊ होते हैं अभय महाजन
मझगवॉ/ दीनदयाल शोध संस्थान कृषि विज्ञान केंन्द्र, मझगवॉ में राष्ट्रीय तकनीकी दिवस 11 मई 2022 के अवसर पर ’’वर्षा जल संचयन एवं संरक्षण-बारिस को पकड़ो-जब गिरे जहॉ गिरे’’ विषय आधारित कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारम्भ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, सतना डॉ0 पीरीक्षित राव झाडे, अनुविभागीय अधिकारी, पी0एस0 त्रिपाठी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत, मझगवॉ श्री सुलभ सिंह एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहेे दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव श्री अभय महाजन ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी एवं राष्ट्रऋषि नानाजी देषमुख के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया ।
कार्यक्रम में सर्वप्रथम केन्द्र के प्रमुख डॉ0 राजेन्द्र सिंह नेगी ने कार्यक्रम की रुपरेखा बताते हुए वर्षा जल संचयन एवं संरक्षण तकनीकी पर विस्तृत प्रस्तुतिकरण किया गया । जिसमें जल संचय संरचनाओं एवं वृक्षारोपण तकनीकी पौधो का चयन आदि पर स्पष्ट तकनीकी प्रदर्शन किया ।
चौरेही जल प्रबंधन समिति के सचिव श्री रामेष्वर सेन ने जीर्ण संरचनाओं के जीर्णोद्धार के लिए निवेदन किया साथ ही खोढ़री जल प्रबन्धन समिति के श्री राजेन्द्र सिंह जी द्वारा जल प्रबंधन समिति द्वारा किये गये प्रयास से क्षेत्र में सभी लोग पानीदार हो गये ऐसा प्रयास पुनः सभी क्षेत्रों के लिए करने हेतु आग्रह किया।
श्री यू0बी0 सिंह, वरिष्ठ जियोजाजिस्ट -भूगर्भ जल विशेषज्ञ के द्वारा सभी पंचायत प्रतिनिधियों से स्थाई समाधान हेतु सर्व सहभागिता से गुणवत्ता पूर्ण संरचनाओं के निर्माण हेतु आह्वान किया, साथ ही प्राचीनकालीन तालाबों के जीर्वोद्धार एवं उन्हे अतिक्रमण मुक्त कराने हेतु आग्रह किया श्री सिंह ने कहा कि अगर प्राचीन तालाब अतिक्रमण मुक्त हो जाये और जल धारण क्षेत्र निर्धारित कर दिया जाये तो भूगर्भ जल में संचय शुरु हो जायेगा ।
डॉ वेद प्रकाष सिंह विशेषज्ञ जल संरक्षण एवं प्रबन्धन ने कृषकों एवं विभागीय प्रतिनिधियों से अपील की कि तेज गति वाले जल की गति धीमी कर दें धीमी गति जल को रोक दें । रुके हुए जल से जल स्तर बढने लगेगा । और गॉव के जल को अगर गॉव में ही रोक दिया जाये तो जल की समुचित व्यवस्था हो जायेगी ।
मुख्य अतिथि डॉ0 परीक्षित राव झाडे ने कहा कि पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास वर्षा जल प्रबन्धन के क्षेत्र में किये जाने वाले प्रयासों के लिए हर पंचायत को मदद हेतु तैयार है । इस क्रम में हम जल्द ही मझगवॉ क्षेत्र की राजीव गॉधी जलग्रहण समितियॉ-18 के प्रतिनिधि, पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास के विभागीय प्रतिनिधि, संयुक्त बैठक करके पूर्व में बनी संरचनाओं के जीर्णोद्धार एव उपलब्ध राषि का जल संरक्षण के लिए सदुपयोग की योजना बनाएॅगें साथ अगर कोई भी ग्रामवासी अपने घर या आस-पास के परिवेष में सोक्ता गढ्ढा का निर्माण करवाना चाहते हैं तो स्वच्छ भारत मिषन के तहत षत प्रतिषत अनुदान के आधार पर लोगों को लाभान्वित करने हेतु ग्राम सचिवों को निर्देषित किया और कहा कि जल्द ही मझगवॉ जनपद में जल उपलब्धता के आधार पर वाटर कप प्रतियोगिता का आयोजन की योजना बनानी चाहिए ।
अमृत सरोवर कार्यक्रम के तहत 32 तालाबों को निर्माण जनभागीदारी से मझगवॉ विकासखण्ड़ में करवाया जा रहा है । इसके अतिरिक्त कोई पुरानी जल संरचनाओं के जीर्णोद्धार का कार्य अगर करना है तो षीघ्र प्रस्ताव पारित कर अवगत करायें।
अध्यक्षता कर रहे संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन जी ने कहा कि नाना जी कहते थे कि जो कार्य समाज के सहयोग एवं जनता के पुरुषार्थ से किये जाते है वे सदैव टिकाऊ एवं उदाहराणार्थ होते है, हम सभी को इस प्रकार के प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित करने व सभी को जल संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण विषय पर गम्भीरता से चिंतन करना चाहिए ।
इस अवसर पर अनुविभागीय अधिकारी मझगवॉ पी.एस़. त्रिपाठी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत, मझगवॉ श्री सुलभ सिंह, सहायक यंत्री ग्रामीण श्री टी.एन. पाण्डेय, संस्थान के कार्यकर्ता श्री कृष्णा पाण्डेय, 18 जल ग्रहण क्षेत्र समितियों के प्रतिनिधि, कृषि विज्ञान केन्द्र के कार्यकर्ता, कृषक एवं पंचायतों के सचिव, सरपंच प्रतिनिधि सहित 93 लोगों की उपस्थिति रही । कार्यक्रम का संचालन उत्तम कुमार त्रिपाठी द्वारा किया गया।
विजय त्रिवेदी चित्रकूट
