•   Monday, 07 Apr, 2025
UP's Excise Department became a threat to the sanctity of Chitrakoot Dharmanagari

धर्मनगरी चित्रकूट की पवित्रता के लिए खतरा बना यूपी का आबकारी विभाग तीर्थ स्थल के पास खोलवाया शराब की दुकान यूपी के आबकारी विभाग के सामने घुटने टेक कर बैठा एमपी प्रशासन और पुलिस

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  Varanasi ki aawaz

धर्मनगरी चित्रकूट की पवित्रता के लिए खतरा बना यूपी का आबकारी विभाग, तीर्थ स्थल के पास खोलवाया शराब की दुकान, यूपी के आबकारी विभाग के सामने घुटने टेक कर बैठा एमपी प्रशासन और पुलिस

चित्रकूट:-वैसे तो चित्रकूट की 84 कोस की परिधि का एरिया प्रभु श्री राम की तपोस्थली के नाम से जाना जाता है, लेकिन कामदगिरि पर्वत, सती अनुसुईया, गुप्त गोदावरी, हनुमान धारा, जानकीकुंड, स्फटिक शिला के दर्शनों हेतु हर हमेशा लाखों श्रद्धालुओं का जमावड़ा होता है और श्रद्धालुओं की आस्था जुड़ी हुई है, श्रद्धालुओं की आस्था बरकरार रहे इसी को देखते हुए मध्यप्रदेश सरकार द्वारा धर्मनगरी चित्रकूट को पवित्र नगरी घोषित किया गया था और इन तीर्थ स्थलों के आसपास और धार्मिक स्थल से 2 किलोमीटर आगे तक मादक पदार्थ- शराब, मांस मदिरा, अंडा, गांजा, स्मैक आदि की बिक्री एवं खरीद-फरोख्त पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, और पवित्र स्थलों से 2 किलोमीटर और आगे तक भी शराब दुकान खोलना प्रतिबंधित है लेकिन एमपी बार्डर से बेतहाशा राजस्व हासिल करने के लालच में यूपी के आबकारी विभाग ने धार्मिक स्थलों को अपवित्र करना शुरू कर दिया है और श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों की आस्था के केंद्र गुप्त गोदावरी रोड पर महज 200 मीटर में ही खुलेआम शराब की दुकान खुलवा दिया है जहां अब यूपी की शराब धर्मनगरी चित्रकूट में जगह जगह पहुंच रही है, और प्रभु श्री राम की तपोस्थली चित्रकूट यूपी की शराब से अपवित्र हो रही है, यह सब देखते हुए भी आखिरकार एमपी प्रशासन और पुलिस तथा नगरीय प्रशासन मूकदर्शक क्यों बना हुआ है ? इस मजबूरी को राजस्व और पुलिस के अधिकारी ही बता सकते हैं।  लेकिन धार्मिक स्थल में शराब की दुकान श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों की आस्था को सीधा चोट पहुंचा रही है, यदि पर्यटक स्थल गुप्त गोदावरी रोड के पास यूपी की शराब दुकान को तत्काल नहीं हटाया गया तो धर्मनगरी की आस्था को ठेस पहुंचेगी और चित्रकूट आने वाले पर्यटक श्रद्धालु पुलिस प्रशासन पर थू थू करेंगे, क्योंकि यदि प्रशासन को पर्यटक स्थलों के आसपास मांस, मदिरा, शराब ही बेचवाना है तो कायदे से सरकार को कागजों में पवित्र नगरी घोषित नहीं करना चाहिए और तत्काल पवित्र नगरी की घोषणा को समाप्त कर देना चाहिए।

रिपोर्ट- विजय त्रिवेदी. जिला संवाददाता चित्रकूट
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