फतेहपुर जमींदारी उन्मूलन एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950 के तहत किसी भी अपनी जमीन किसी गैर अनुसूचित जाति के व्यक्ति को बेचने के लिए जिलाधिकारी से मंजूरी लेना


फतेहपुर जमींदारी उन्मूलन एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950 के तहत किसी भी अपनी जमीन किसी गैर अनुसूचित जाति के व्यक्ति को बेचने के लिए जिलाधिकारी से मंजूरी लेना !अनिवार्य है। कांग्रेस की सरकार यह अधिनियम इसलिए लाई थी कि कोई भी रसूखदार व्यक्ति अपने धन-बल व बाहुबल से किसी अनुसूचित जाति के व्यक्ति की जमीन को जबरन हड़प न ले। परंतु अब प्रदेश सरकार इस अधिनियम की शर्तों को समाप्त करने जा रही है।
जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए जिलाध्यक्ष अखिलेश पांडेय ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी सदैव गरीबों एवं दलितों के हितों के लिए संघर्षरत रहीं है। पार्टी प्रदेश सरकार द्वारा लिए जा रहे इस प्रकार के दलित विरोधी निर्णयों का घोर विरोध करती है।
उन्होंने कहा कि इस कानून से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोग पूरी तरह से भूमिहीन हो जाएंगे और सरकार के इशारे से दलितों की जो थोड़ी बहुत कृषि भूमि बची है वह भी औने पौने दाम पर डरा धमकाकर हम दो हमारे दो को सौंप दिया जाएगा।
प्रेस वार्ता में जिलाध्यक्ष के साथ शिवाकांत तिवारी, राजीव लोचन निषाद, सुधाकर अवस्थी, वीरेंद्र गुप्ता, उदित अवस्थी, अशोक दुबे, आदि उपस्थित थे ।
विजय त्रिवेदी फतेहपुर
रिपोर्ट- विजय त्रिवेदी. जिला संवाददाता चित्रकूट