आगरा शहर वासियों को फिल्टर पानी की आवश्यकता क्यों
आगरा शहर वासियों को फिल्टर पानी की आवश्यकता क्यों ?
आगरा। वाराणसी की आवाज। पानी से बड़ा कोई धर्म कांड नहीं लेकिन पानी से पैसा कमाने का लोगों ने निकाल लिया तरीका।
अगर किसी प्यासे इंसान को पानी पिला दिया जाए तो इससे बड़ा कोई पुन्य नहीं है। क्ई ऐसे क्षेत्र हैं जहां पीने को पानी नहीं गंगाजल की तो बात अलग है। यहां कोई कैमरे की जरूरत नहीं पड़ेगी अगर जल निगम अधिकारी चाहे तो आम नागरिक बनकर किसी भी पानी प्लांट पर देख सकते हैं। पानी प्लांट तो सभी जगह है यमुना पार में, सवाल है जब शहर की जनता को जल निगम से शुद्ध गंगाजल पीने को मिल रहा है तो फिर फिल्टर पानी की आवश्यकता क्यों ,तिरछी नजर के साथ बेखौफ सच लिख रहा हूं । या तो जल निगम द्वारा जनता को शुद्ध जल नहीं मिल रहा पीने को इसीलिए जनता फिल्टर पानी पीने को मजबूर है ।जिसका फायदा फिल्टर पानी वाले विक्रेता चांदी काट रहे हैं। फिल्टर पानी प्लांट आखिर यमुना पार क्षेत्र में कितने पर्सेंट हैं। शायद इस बात को कोई नहीं जानता क्योंकि सभी को फिल्टर पानी चाहिए। एक नजर इस पर भी दौड़ाते हैं। ऐसी भीषण सड़ी गर्मी पड़ रही है ।कि मानो आसमान से आग बरस रही हो। ऐसे में बच्चे तो क्या बड़े लोगों को भी हर पल पानी चाहिए, घर हो या फिर ऑफिस शादी हो या जन्मदिन या फिर हो कोई विशेष पार्टी होटल हो या घर सभी को फिल्टर पानी चाहिए। लेकिन कभी किसी ने यह अंदाजा नहीं लगाया। कि आखिर इस फिल्टर पानी की बोतल 15 से 20 रुपए तक की बोतल फिल्टर पानी की बोतल देते हैं। कई प्लांट तो ऐसे भी होंगे सूत्रों के अनुसार यमुना पार क्षेत्र मे जो की पानी के पाउच भी बना रहे हैं। और सवाल यह भी है ।कि आखिर कितने पर्सेंट पानी फिल्टर प्लांट वाले पानी फिल्टर करके देते हैं ,या फिर कोई केमिकल अथवा गोली डालकर ही पानी को फिल्टर कर देते हैं कुछ जगह तो ऐसे भी फिल्टर है जो पानी को फालतू बहा रहे हैं। जो एक साइड में गड्ढा कर जमीन में पानी जाना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हो रहा अगर देखा जाए तो पानी का जलस्तर जमीन में गिरता ही जा रहा है। इसका असली कारण क्या है यह तो अधिकारी ही जांच कर बता पाएंगे और पानी के फिल्टरों पर कब तक अभियान चला कर इन पानी प्लांट की जांच होगी एवं पानी शुद्ध सही फिल्टर करके दे रहे हैं या नहीं या फिर केमिकल गोली अथवा से ही काम चला रहे हैं। लेकिन इन पर नजर अभी तक किसी अधिकारी की नहीं पड़ी और पड़े भी क्यों क्योंकि फिल्टर पानी तो सभी अधिकारियों के यहां पहुंच जाता है। मरना तो गरीब आदमी का है। सभी इसी फिल्टर पानी को पी रहे हैं लगभग 80% लोग इस पानी को ही पीने मे इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन सवाल तो फिर वही की वही है अब देखना होगा फिल्टर पानी वालों पर कब तक जांच होगी और क्या कार्रवाई करेंगे अधिकारी या फिर सब कुछ ऐसे ही चलता रहेगा छोटी-छोटी टंकियां से भी बाजार में सप्लाई करते हैं यह फिल्टर पानी वाले आखिर यह टंकी हर रोज साफ करते हैं या नहीं यह हम नहीं कह सकते यह तो जांच कर अधिकारी बताएंगे