•   Monday, 25 Nov, 2024
A case has been filed against Agra College Principal Dr Anurag Shukla under fraud

आगरा कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर अनुराग शुक्ला के खिलाफ धोखाधड़ी के अंतर्गत मुकदमा दर्ज

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  Varanasi ki aawaz

आगरा कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर अनुराग शुक्ला के खिलाफ धोखाधड़ी के अंतर्गत मुकदमा दर्ज


आगरा। धोखाधड़ी एवं अन्य धारा के तहत सीजेएम माननीय अचल प्रताप सिंह ने आगरा कालेज के प्राचार्य डॉ अनुराग शुक्ला के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर विवेचना के आदेश थानाध्यक्ष लोहामंडी को पारित किये हैं।
मामले के अनुसार प्रार्थी सुभाष ढल ने अपने वरिष्ठ अधिवक्ता कृष्ण कांत शर्मा, हरिकांत शर्मा एवं विजय कांत शर्मा के माध्यम से आगरा कालेज प्राचार्य डॉ अनुराग शुक्ला के विरुद्ध 156(3)द.प्र.स. के तहत सीजेएम की अदालत में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर आरोप लगाया कि आगरा कालेज प्राचार्य डॉ अनुराग शुक्ला द्वारा आयोग को फर्जी शैक्षणिक प्रमाणपत्र एवं फर्जी शैक्षिक अनुभव के दस्तावेज प्रस्तुत कर भ्रमित करते हुए आगरा कालेज प्राचार्य का पद ग्रहण किया गया जिसके लिये वह योग्य उम्मीदवार नहीँ थे।
उत्तर प्रदेश शासन को उनके पद के बाबत की गई शिकायत की जांच उपरांत दिनांक 10 फरवरी 24 को शासन द्वारा आगरा कालेज प्रबंध समिति को अवगत कराया गया था कि आगरा कालेज प्राचार्य द्वारा उक्त पद पाने हेतु कूटरचित दस्तावेजों का प्रयोग किया गया।प्रार्थी सुभाष ढल ने आरोप लगाया कि प्राचार्य द्वारा अपने कार्यकाल कें दौरान करोड़ो रुपयों की वित्तीय अनियमितता की गई और अब तक अपने आपको अनुचित लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से आपराधिक षड्यन्त्र के तहत एक सुनियोजित साजिश के तहत कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर सरकारी धन का लाभ लिया।जिसके वह पात्र नहीं था
प्रार्थी सुभाष ढल ने अपने प्रार्थना पत्र के समर्थन में पुलिस कमिश्नर को प्रेषित प्रार्थना पत्र की प्रति के साथ साथ अन्य प्रपत्रों की छाया प्रति भी दाखिल की थी। जिस पर सीजेएम ने 18 जुलाई 24 को भीमराव अम्बेडकर विश्विद्यालय के रजिस्ट्रार को निर्देशित किया था कि वह आवेदक के प्रार्थना पत्र में उल्लिखित आरोपों की सत्यता को परखने के लिये आवेदक, विपक्षी एवं अन्य के साक्ष्य लेकर विस्तृत जांच आख्या एवं जांच के दौरान की गई संम्पूर्ण कार्यवाही से अदालत को अवगत करायें।
उक्त सम्बन्ध में रजिस्ट्रार की जांच आख्या के अवलोकन उपरांत सीजेएम ने पाया कि जांच आख्या में यह स्पष्ट नही किया गया है कि विपक्षी पर जो आरोप लगाया गया है कि उनके प्रमाण पत्र फर्जी है अथवा नही उसके सम्बन्ध में कोई निष्कर्ष नही दिया गया है।
आख्या में यह मत प्रकट किया गया है कि कुलसचिव उसकी जांच नहीं कर सकते । सीजेएम माननीय अचल प्रताप सिंह ने माना कि ऐसी स्थिति में प्रकरण में विधि अनुसार विवेचना कराया जाना न्यायोचित प्रतीत होता हैं ।
सीजेएम ने सुभाष ढल के प्रार्थना पत्र पर उनके अधिवक्ताओं कृष्णकांत शर्मा, हरिकांत शर्मा एवं विजय कांत शर्मा के तर्क पर थानाध्यक्ष लोहामंडी को आदेशित किया कि वह प्रार्थना पत्र में वर्णित तथ्यो के आधार पर प्रकरण में अभियोग दर्ज कर नियमानुसार विवेचना की कार्यवाही सुनिश्चित करें।

रिपोर्ट- आरिफ खान बाबा, मंडल संवाददाता आगरा
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