आगरा ऐतिहासिक फूलों का ताजिया रखते ही श्रद्धालुओं ने मांगी मन्नते और मुरादे
आगरा ऐतिहासिक फूलों का ताजिया रखते ही श्रद्धालुओं ने मांगी मन्नते और मुरादे
वाराणसी की आवाज। आगरा। फूलों का ताजिया शाम 6:00 बजे रख दिया गया। ऐतिहासिक फूलों वाले ताजिए की चौधरी हाजी सरफराज खान ने बताया कि साथ मोहर्रम की 7 तारीख को फूलों वाला ताजिया रख दिया गया। इसके चलते शहर भर के ईमानवाडों में ताजिए आलम ,बुराख रख दी गई ।जिनकी जियारत करने के लिए पूरे आगरा शहर से अकीदतमंद लोग आना शुरू हो गए। वहीं फूलों वाले ताजिए पर आज देर रात में गुलाब के फूलों को चढ़ाया गया ।इसके बाद फातिहा का आयोजन किया गया। फातिहा में संपूर्ण आगरा क्षेत्र के नागरिकों ने भाग लिया। क्योंकि यह फातिहा विशेष फातिहा होती है जिसमें की पूरे आलम के लिए हजरत इमाम हुसैन से दुआ की जाती हैं। फातिहा के बाद जिक्र इमाम हुसैन किया जाता है। वही फायदा मौलाना अमीरुद्दीन ने फातिहा पड़ी वही अबुल ईलाही शेख कमेटी के हाजी सूफी बुंदन मिआ ने कहा कि हज़रत इमाम हुसैन ने कर्बला के मैदान में शहादत का जाम पीकर हम सभी गुनहगारों को बता दिया की सच्चाई का रास्ता ।हम सभी को सच्चाई के रास्ते पर चलना चाहिए और इमाम हुसैन की मोहब्बत अपने दिलों में रखनी चाहिए क्योंकि इमाम हुसैन की मोहब्बत अगर हमारे दिल में होगी तभी अल्लाह तबारक ताला हम सभी गुनहगारों को जन्नत देगा । वही पाय चौकी बेगम ड़ियोडी में हर साल सबील लगाई जाती है जिसको देखने के लिए आगरा ही नहीं बल्कि आगरा के आसपास क्षेत्र के जिलों से भी लोग जियारत के लिए आते हैं। और अपनी मन्नत मुरादे मांगते हैं और पूरी पातें हैं ।यह सबील मोहर्रम की 9 तारीख यानी की हिंदी तारीख की 16 जुलाई को दिखाई जाएगी फतह में चौधरी मुख्तियार खान, चौधरी सोहेब खान ,सोहेल खान रेहान खान मोहम्मद शरनुद्दीन नदीम राजा बाबू आज जो उपस्थित रहे।
रिपोर्ट- आरिफ खान बाबा, मंडल संवाददाता आगरा