रामनगर के बलुआघाट पर निर्माणाधीन पक्का घाट पर बना गुंबद गिरने से वृद्ध की मौत


रामनगर के बलुआघाट पर निर्माणाधीन पक्का घाट पर बना गुंबद गिरने से वृद्ध की मौत
रामनगर। नगर स्थित बलुआघाट पर गुरुवार को उस समय हड़कंप मच गया जब घाट पर नागरिकों के बैठने के लिए बनाये गये गुंबद का ऊपरी हिस्सा टूट कर नीचे गिरने से गुंबद में बैठे एक वृद्ध की दबने से मौत हो गई जबकि बगल में बैठे एक स्वान की भी जान चली गई।मृतक की शिनाख्त चंदौली के मुगलसराय कोतवाली के परोरवा गांव निवासी मेवालाल उफ् बाबाजी(60)के रुप में हुई।वें हर गुरुवार को किला के समीप शहीद बाबा के दरबार में मथ्थाटेकन आते थे।तत्पश्चात घाट पर बने गुंबद में बैठकर दाना खाते हुए आराम कर रहे थे तभी अचानक से गुंबद का ऊपरी हिस्सा टूटकर गिर गया जिसमें दबने से उनकी मौत हो गई।मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर अगली कार्रवाई में जुटी।मालूम हो कि रामनगर के बलुआघाट को पक्का बनाया जा रहा है। लगभग साढ़े दस करोड़ की लागत से बन रहे इस घाट को फिलहाल लाल बहादुर शास्त्री घाट नाम दिया गया है। लगभग 110 फ़ीट लंबाई में बन रहे इस घाट पर दो चेंजिग रूम और दो लगभग गोलाकार गुम्बद बनाये गए है। इसके अलावा एक आश्रय स्थल भी बनाया गया है जिसे स्थानीय लोग छावनी नाम से पुकारते हैं। गुरुवार की अपराह्न लगभग सवा तीन बजे इसी छावनी की झोपड़ीनुमा छत अचानक ही ढह गई। पत्थरों से बना यह ढांचा इतनी तेज गिरा कि उसके नीचे बैठकर दाना खा रहे श्रमिक मेवालाल को हिलने तक का मौका नही मिला। पत्थर गिरने से उसे काफी अंदरूनी चोटें लग गई जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। मल्लहिया निवासी भाईलाल का पालतू कुत्ता भी इसी की चपेट में आ गया और उसने भी मौके पर दम तोड़ दिया। घटना की सूचना आग की तरह फैली और मौके पर बड़ी संख्या में लोग जुट गए।मेवालाल मजदूरी कर जीवन यापन करते थे। उनके दो पुत्र दशमी व राजन है जो मजदूरी का काम करते हैं।मेवालाल के मौत की खबर लगते ही पत्नी लक्ष्मीना सहित परिवार में कोहराम मच गया।घटना की जानकारी पर रामनगर और आदमपुर थाने की पुलिस के अलावा ए सी पी कोतवाली ईशान सोनी मौके पर पहुँचे। लगभग पौने पांच बजे श्रमिक का शव निकाल कर पुलिस ने कब्जे में लिया।
*महज पांच मिनट पहले होता हादसा तो बदल जाता मंजर*
रामनगरःबलुआघाट पर हुआ हादसा अगर पांच मिनट पहले हुआ होता तो पूरा मंजर बदला नजर आता और कहानी दूसरी बन गई होती। बताया जा रहा है कि घटना के पांच मिनट पहले हो रही बारिश से बचने के लिए इसी छावनी में लगभग आधा दर्जन लोग जमा थे। बरसात खत्म होते ही वे लोग निकल गए और मेवालाल उसी में बैठकर दाना खाने लगा। इसी दौरान हादसा हो गया और दाना उसका अंतिम निवाला बन गया।
*कभी ढही बाउंड्री तो कभी छत ही बहा*
जी हां रामनगर के बलुआघाट पर हो रहे पक्के निर्माण की कहानी अजीब है।सीजन के पहले बरसात में ही घाट के किनारे खड़ी की गई दिवार बह गया था।उस वक्त भी विधायक सौरभ श्रीवास्तव गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए अधिकारियों को संज्ञान लेने तथा गुणवत्तापूर्व काम कराने का निर्देश दिया गया था लेकिन अधिकारियों के कांन पर जूं तक नहीं रेंगा।बाढ़ का पानी कम होने के बाद घाट पर बने चेंजिंग रूम की छत ही बह गई थी तब भी हायतौबा मचा लेकिन अधिकारी मौन रहे।अब नागरिकों के बैठने के लिए बनाया गया गुंबद के ऊपरी भाग पूरी तरह टूट कर गिर गया जिससे उसमें बैठकर आराम कर रहे एक वृद्ध की मौत हो गई।अब देखना है कि संबंधित ठेकेदार व लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की जाती हैं।
*गुणवत्ता पर लोगों ने उठाया सवाल*
रामनगरःनगर के बलुआघाट पर निर्माणाधीन पक्का घाट की गुणवत्ता पर लोगों ने सवाल उठाया है।निर्माण शुरू होने के कुछ समय बाद से ही क्षेत्रीय नागरिक व कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव निर्माण में मानक की अनदेखी का आरोप लगाते रहे।विधायक ने तीन संबंधित विभाग के अधिकारियों सहित विभाग के मंत्री तक से शिकायत दर्ज कराई थी।हालांकि कुछ दिन काम बंद होता और फिर चालू हो जाता था।अब सवाल उठता है कि जब निर्माण की शुरुआत के समय से ही गुणवत्ता टर सवाल उठ रहे थे तो अधिकारी संज्ञान क्यों नहीं लिये और अगर लिये तो गुणवत्ता में सुधार क्यों नहीं हुआ।सत्ता दल के विधायक की शिकायत के बावजूद निर्माण होता रहा।बबलू साहनी का कहना है कि कई बार विभाग से शिकायत की गई लेकिन हर बार जांच के नाम पर खानापूर्ति करके अधिकारी चलते बनते थे।पूर्व सभासद अशोक साहनी ने कहा कि अधिकारियों की मिलीभगत से घटिया निर्माण हुआ जिसका खामियाजा एक गरीब परिवार को भुगतना पड़ा।भ्रष्ट ठेकेदार व अधिकारियों के खिलाफ शासन को कार्रवाई करनी चाहिए।भ्रष्ट ठेकेदार व लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई होनी चाहिए।पूर्व सभासद संतोष शर्मा ने कहां की घटना के बाद भी अगर अधिकारी नही चेते तो और घटनाएं होने से इंकार नहीं किया जा सकता है।तत्काल अन्य गुंबद को तबतक के लिए पैक कर देना चाहिए जबतक जांच नहीं हो जाती।

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