•   Sunday, 24 Nov, 2024
Annual program was organized by Khidmat Khalq Trust Shamli

खिदमत खल्क ट्रस्ट शामली द्वारा सलाना कार्यक्रम का आयोजन हुआ

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  Varanasi ki aawaz

खिदमत खल्क ट्रस्ट शामली द्वारा सलाना कार्यक्रम का आयोजन हुआ


मौहल्ला काजी वाडा की मस्जिद कुरेशियान हॉल में खिदमत ए खल्क के जे़रे अहतमाम सालाना प्रोग्राम किया गया । जिसमें हैदराबाद से हज़रत मौलाना ग्यास अहमद रशादी साहब तशरीफ़ लाए हजरत ने बयान में खिदमत खल्क पर रौशनी डालते हुए बताया अपनी जान माल और वक्त को लगाना बेहतरीन सदका और खिदमत अकल की तरफ से इंसानियत की बुनियाद पर नफा बक्शी का निजाम कायम किया जाए । सिर्फ कुर्ता पजामा पहनने का नाम इस्लाम नहीं इंसानियत के खिदमत करना भूखों को खाना खिलाना बे सहारा का सहारा बनना गिरतों को उठाना बीमारो की मिज़ाज पुरसी करना और हौसला बख्श जुमले कहना मुआशरे  से नशा और शादी ब्याह के मौके पर रस्मो रिवाज को खत्म करना उम्दा क्लास से पहचान इसका नाम इस्लाम है । उन्होंने मजी़द कहा कि ऐसे लोग जो लोगों के लिए भलाई का काम करते हैं  । आखिरी में उनको बदला तो मिलेगा ही दुनिया में भी उनको इसका सिला मिलता है । इस अमल की बरकत से अल्लाह उन्हें हादिसात से मुश्किलात से परेशानियों से दूर रखता है । इसके अलावा उन्हें पूरी कम याद रखती है । उनके मरने के बाद लोग उन्हें अच्छा अल्फाजों में याद रखते हैं मौलाना महफूज ने कहा कि खालिक को राजी करने का सबसे आसान नुसखा मखलूके खुदा की खिदमत करना है । मखलूक की खिदमत करना अल्लाह को बहुत ज्यादा पसंद है । मुफ्ती मोहम्मद जुबेर कासमी साहब ने सालाना बजट पेश किया और कहां मखलूक सारी अल्लाह का कुनबा है । हम जमीन वालों पर रहम करेंगे तो आसमान वाला हम पर रहम फरमाएगा । लोगों को मदद पहुंचाना तमाम मजाहिब में पसंदीदा है इसलिए हमें बिना तफरीक मजहबों मिल्लत तमाम इंसानों की खिदमत के लिए आगे आना चाहिए। इसीलिए आज हर इंसान की ज़बान पर है क्या खिदमत से खुदा मिलता है । आइंदा खिदमत की तरफ से किए जाने वाले काम के बारे में लोगों को बताया और  रिपोर्ट पेश की ऐसे में मौजूद रहे शहर शामली के अक्सर मसाजिद के इमाम व उलामा और खिदमत खल्क के तमाम साथी मौजूद रहें।

रिपोर्ट- अजीत कुमार श्रीवास्तव, शामली, सहारनपुर मण्डल
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