आगरा जॉन्स मिल का नाम सामने आते ही बाबा का बुलडोजर हो जाता है कमजोर आर्थिक अपराध शाखा ने 40 से अधिक लोगों को बनाया मुलजिम आखिर कब कुर्क होगी भू माफियाओं की संपत्तियां
आगरा जॉन्स मिल का नाम सामने आते ही बाबा का बुलडोजर हो जाता है कमजोर आर्थिक अपराध शाखा ने 40 से अधिक लोगों को बनाया मुलजिम आखिर कब कुर्क होगी भू माफियाओं की संपत्तियां
बिना किसी अनुमति एवं दस्तावेजों में हेर फेर कर फर्जी तरीके से यमुना व्यू पेट्रोल पंप ,जैनुप पेट्रोल पंप और पिनहट पेट्रोल पंप का अवैध रूप से किया जा रहा संचालन
आगरा। जॉन्स मील कांड में आरोपियों पर चौतरफा शिकंजा कसने की तैयारी की बात कही जा रही है ।मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि आर्थिक अपराध अनुसंधान गठबंधन ने अब तक की जांच में 40 से अधिक लोगों को मुलजिम बनाया है। जीवनी मंडी चौकी की भूमि पर कब्जे के लिए पुलिस भूमि का सीमांकन कराएंगी । दूसरी तरफ वह माफियाओं की संपत्तियां कुर्क होगी। लेकिन आज 4 साल होने को आए ना तो जॉन्स मिल की भू माफियाओ द्वारा कब्जाई जमीन को सरकार ने कब्जे में लिया ना ही अवैध निर्माण का निर्माण पर बाबा का बुलडोजर चला। सूत्रों का कहना है कि योगी सरकार संघ व कुछ माननीयों के दबाव में कार्रवाई को लटकाने का कार्य कर रही है। जोंस मिल जमीन घोटाले में घोषित भूमिका संघ से मिली भगत के भी जांच में प्रशासन को सबूत मिल चुके हैं। योगी सरकार अब तक हजारों करोड़ की सरकारी भूमि को कब्जा मुक्त नहीं कर सकी है ।आपको बता दें ग्रीक व्यापारी मेजर एंथोनी एयू जॉन ने करीब 100 साल पहले सरकार से पटटे पर जमीन लेकर जीवनी मंडी में धागा, कपड़ा और आटा मिल खोली थी। मेजर और जॉन की मौत के बाद जमीनों का फर्जी दस्तावेजों से खरीद फारोखत का खेल शुरू हुआ था। आप है कि मेजर जॉन के साझेदार रहे मुन्नीलाल मेहरा हीरालाल पाटनी और गंभीरमल पांड्या और उनके बारिसों ने अवैध ढंग से 22 खसरा नंबरी में 2596 .57 करोड रुपए कीमत की 100 बीघा से अधिक पुलिस, नजूल नहर व अन्य विभाग और पेटटे की भूमि बेचकर अकूत संपत्ति कमाई। ईओडब्ल्यू के पुलिस उपाधीक्षक विवेक कुमार शर्मा ने बताया की जांच में गंभीर मल पांड्या के बारिश नरेश कुमार जैन, सुरेश जैन ,दिनेश कुमार जैन और हीरालाल पाटनी के बारिश विनय पाटनी विजय पाटनी प्यारी बाई पाटनी सहित 40 से अधिक लोगों को मुलजिम बनाया है। उन्होंने कहा कि जांच अंतिम चरण में है आरोप पत्र तैयार किया जा रहे हैं ।जिन्हें प्रशासन को भेजा जाएगा। फिर आरोपियों की गिरफ्तारी शुरू होगी ।जोंस मिल कांड में एक तरफ मेजर एयू जॉन के साझेदारों पर शिकंजा कसा जायेगा दूसरी तरफ घोषित माफिया राजेंद्र प्रसाद जैन उर्फ रज्जू ,कमलजीत सिंह उर्फ कमलदीप सिंह और हेमंत अग्रवाल उर्फ चुनमुन की संपत्तियां जप्त करेगी। डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय ने बताया की रज्जो जैन की संपत्ति पहले ही कर्क चुकी है ।बाकी भू माफिया की संपत्तियों कुर्क के लिए चिन्हित कराई जाएगी। राजस्व अभिलेख में जीवनी मंडी पुलिस की चौकी की 1800 वर्ग मीटर से अधिक भूमि है जो पुलिस महकमा के नाम दर्ज है ।इस भूमि पर अमित गोयल ने अवैध कब्जा का निर्माण कराए हैं। ईओडब्ल्यू ने पुलिस कमिश्नर जे रविंद्र गोड़ को पुलिस विभाग की भूमि पर कब्जा लेने के लिए पत्र लिखा था। डीपी सिटी ने बताया कब्जा लेने के लिए भूमिका सीमांकन कराया जाएगा ।इस संबंध में जिलाधिकारी को पत्र भेजा है ।जॉन्स मिल में 107 करोड रुपए की सरकारी भूमि पर कब्जा है जैसे तत्काल खाली करना था, लेकिन सत्ता दल से जुड़े नेताओं के संरक्षण के कारण ना तो भू माफियाओं पर प्रभारी कार्रवाई हो सकी ना सरकारी जमीन कब्जा मुक्त हो पाई। एक माफिया कैबिनेट मंत्री का रिश्तेदार बताया जा रहा है, जबकि दूसरे भू माफिया को बिल्डिंग में एक विधायक का कार्यालय संचालित है ।दरअसल 19 जुलाई 2020 को जॉन्स मिल में हुए बम विस्फोट से सॉढी ट्रांसपोर्ट के गोदाम का एक हिस्सा उड़ गया था हालांकि इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ था। बम विस्फोट के बारे में पता चलने पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज किया गया था इस मामले में दोषी पाए गए राज्जौ जैन सहित नौ आरोपियों को जेल भेजा गया था। इस घटना के बाद जिलाधिकारी प्रभु नारायण सिंह ने जांच कमेटी गठित की थी। आठ सदस्यीय कमेटी की जांच रिपोर्ट के बाद अरबों की जमीन को दस्तावेजों में हेरा फेरी कर खुर्द बुरद करने का मामला सामने आया था। इस पूरे क्षेत्र में जमीन की खरीद पर रोक लगा दी गई थी। बाद में इस मामले को आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन कानपुर स्थानांतरित कर दिया गया था। वहां से विवेचक द्वारा बड़ी संख्या में कई लोगों को नोटिस भेजे गए थे। और जॉन मिल संबंधित साक्ष्य संकलित किए गए ।जांच के बाद पुलिस उपाधीक्षक ईडब्ल्यू विवेक कुमार शर्मा ने अपनी रिपोर्ट में जो खुलासे किए हैं बहुत ही चौंकाने वाले हैं जिससे हड़कंप मच गया है ।उन्होंने मार्च 2024 में ही कुछ लोगों को आरोपी बनाते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए डीएम को पत्र लिखा था, लेकिन लोकसभा चुनाव के कारण इस पत्र पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। डीएम को लिखे गए पत्र में बताया गया कि अभिलेखों का अध्ययन करने के बाद पता चला है कि जॉन्स मिल्की जमीन पर बिना किसी अनुमति एवं दस्तावेजों में हेर फेर कर फर्जी तरीके से यमुना व्यू पेट्रोल पंप, जैनब पेट्रोल पंप और पिनाहट पेट्रोल पंप का अवैध रूप से संचालन किया जा रहा है। उन्होंने पत्र में लिखा की कूट रचित दस्ताबेजो एवं फर्जी बटवारों के आधार पर पेट्रोल पंपों का संचालन किया जा रहा है। डीएम से तत्काल इन पेट्रोल पंप पर सील लगवाने की सिफारिश की गई है। जांच में जीवनी मंडी पुलिस चौकी के एक हिस्से में भी कब्जा होने की बात कही गई। पत्र के अनुसार दस्तावेजों की जांच के बाद पता चला की खसरा संख्या 207 2 मौजा घटवासन पर पुलिस चौकी की जमीन है । इसके एक हिस्से में अमित गोयल ने साथियों के साथ मिलकर अवैध रूप से कब्जा कर लिया है ।उन्होंने इस अवैध कब्जे को हटाने की डीएम से सिफारिश की है। डीएम को लिखे गए पत्र में कहा गया कि जॉन्स मिल की जमीन मामले में राजेंद्र जैन उर्फ रज्जो, हेमेंद्र अग्रवाल उर्फ चुनमुन और कमलदीप को सरकार द्वारा भू माफिया घोषित किया जा चुका है।
रिपोर्ट- आरिफ खान बाबा, मंडल संवाददाता आगरा