चन्दौली आस्था और विस्वास के साथ गुरुपूर्णिमा पर पुजे गए गुरुदेव भगवान


चन्दौली आस्था और विस्वास के साथ गुरुपूर्णिमा पर पुजे गए गुरुदेव भगवान
चंन्दौली जिले के चकिया तहसील क्षेत्र में विभिन्न जगहों पर गुरुपूर्णिमा श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर लोगों ने अपने गुरुओं का पूजन-अर्चन कर आशीर्वाद लिया। गुरु पर्व को लेकर देवालयों व गुरु दरबार में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। गुरु पूजन का सर्वश्रेष्ठ दिन गुरु पूर्णिमा पर्व पर आज उत्सव के बीच लोगों ने अपने गुरुओं का पूजन-अर्चन किया।
गुरु पूजन का सिलसिला प्रातः से ही आरम्भ हो गया। श्रद्धालुओं ने बहुविधि अपने गुरुओं का पूजन कर उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। जिन लोगों के गुरु नहीं रहे उन्होंने भगवान शिव को गुरु रूप में मानकर उनका पूजन कर आशीर्वाद लिया। इस कारण शिवालयों में भी भक्तों की खासी भीड़ रही। गुरु पूर्णिमा पर्व व्यास पूजा के रूप में भी मनाया जाता है।
छह शास्त्रों, 18 पुराणों की रचना करने वाले महर्षि वेद व्यास के जन्मोत्सव को ही गुरुपर्व के रूप में मनाया जाता है। वेद व्यास को ही प्रथम गुरु माना जाता है। इस कारण से गुरु पूजन की शुरुआत हुई। गुरु में गु का अर्थ शास्त्रों में अंधकार व रू का अर्थ प्रकाश बताया गया है। अर्थात अंधकार को ज्ञानरूपी प्रकाश से नष्ट करने वाला ही गुरु होता है।बुद्धवार को लोगों ने बहुविधि अपने गुरुओं का पूजन कर उनसे आशीर्वाद लिया।
क्षेत्र में वेद कि अधिष्ठात्री देवी गाइत्रि माता मुहामदाबाद , बाबा जागेश्वरनाथ,बाबा जयगुरुदेव आश्रम मुडहुआ, अशोक पान्डेय लठिया सहित अन्य जगहों पर गुरुपूर्णिमा का आयोजन किया गया।

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