•   Monday, 25 Nov, 2024
First Katai Choti won 10 medals now preparing for Nationals

पहले कटाई चोटी जीते 10 मेडल अब नेशनल की तैयारी

Generic placeholder image
  Varanasi ki aawaz

पहले कटाई चोटी जीते 10 मेडल अब नेशनल की तैयारी

आगरा की रहने वाली श्वेता पारस की मेहनत और जुनून के आगे परिवार भी हार गया। पहलवानी की जिद पर अड़ी इस बेटी ने पहले अपनी चोटी कटाई। पिछले 10 माह में राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में 10 मेडल जीत चुकी हैं।  
 कड़ी मेहनत के साथ जुनून भी सफलता के लिए बहुत जरूरी है। शहर की एक किशोरी ने ऐसा ही कर दिखाया है। सालभर पहले उसने पहलवानी करने की ठानी। पहले परिवार के लोग नहीं माने लेकिन बाद में बेटी का जुनून देख झुक गए। बेटी ने भी उन्हें निराश नहीं किया और 10 माह में जिले से राज्य स्तर तक 10 मेडल जीतकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा दिया। अब वह नेशनल के लिए भारतीय खेल प्राधिकरण में चयन पाकर तैयारी में जुटी हैं। इसके लिए उन्होंने अपनी चोटी भी कटवा दी है।
नगला अजीता जगदीशपुरा निवासी श्वेता पारस (14) पुत्री नरेश पारस दसवीं की छात्रा हैं। पिता ने बताया कि जब बेटी 9वीं में थी तब स्कूल में एक खेल प्रशिक्षक आया। उसने बच्चों से खेलने के लिए पूछा। बेटी ने कुश्ती सीखने का प्रस्ताव रखा। प्रशिक्षक ने मना कर दिया। स्कूल से घर आकर बेटी ने अपनी मां गुड़िया पारस से कुश्ती सीखने के बारे में कहा। उन्होंने डांट लगा दी। इसके बाद भी उसने हार नहीं मनी।
पिता ने बताया कि वह अगस्त 2023 में बेटी की खुशी के लिए उसे एकलव्य स्टेडियम लेकर पहुंचे। वहां कोच पुष्पेंद्र चौधरी ने उसे दांवपेच सिखाए। 10 महीने की प्रैक्टिस के दौरान जिले से लेकर राज्य स्तर तक 10 मेडल जीतकर बेटी ने जुनून का उदाहरण परिवार के सामने पेश किया। इस बीच मार्च 2024 में भारतीय खेल प्राधिकरण में चयन के लिए ट्रायल भी दिया। वहां पर चयन के बाद 29 मई से नेशनल की तैयारी शुरू कर दी है।
 श्वेता का सपना ओलंपिक में गोल्ड
श्वेता पारस का कहना है कि अभी उनकी उम्र 14 साल की है। ओलंपिक भी 2028 में होंगे। 4 साल वह खूब मेहनत करेंगी। 18 साल की उम्र में वह ओलंपिक से गोल्ड लेकर आएंगी।
 कुश्ती पर आधारित चर्चित फिल्म दंगल की गीता और बबीता की तर्ज पर श्वेता ने भी अपनी चोटी कटवा ली है। फर्क सिर्फ इतना है कि फिल्म में बेटियों के पिता ने उनके बाल कटवा दिए थे। श्वेता ने खुद निर्णय लेकर पिता नरेश पारस और दादा रामरतन के सामने हंसी-हंसी चोटी कटा ली। उसने यादगार के रूप में अपनी चोटी के बाल संभाल कर रखे हैं।

रिपोर्ट- आरिफ खान बाबा, मंडल संवाददाता आगरा
Comment As:

Comment (0)