वाराणसी जनपद में भ्रामक एवं तथ्यहीन खबर प्रकाशित प्रसारित करने हेतु विभिन्न इलेक्ट्रानिक एवं प्रिन्ट मीडिया समूह को दिया गया नोटिस


वाराणसी जनपद में भ्रामक एवं तथ्यहीन खबर प्रकाशित प्रसारित करने हेतु विभिन्न इलेक्ट्रानिक एवं प्रिन्ट मीडिया समूह को दिया गया नोटिस
विभिन्न इलेक्ट्रानिक एवं प्रिन्ट मीडिया समूह को गम्भीर एवं संवेदनशील प्रकरण से झूठी व भ्रामक खबरें बिना किसी प्रमाण एवं खोत के प्रकाशित/प्रसारित किये जाने पर कारण बताओं नोटिस दी गई।
जैसा कि आप सभी अवगत है कि थाना लालपुर-पाण्डेयपुर में दिनांक 06.04.2025 को एक महिला के द्वारा अपनी 19 वर्षीय बेटी के साथ बलात्कार की घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई गई, जिसमें 12 नामजद एवं 11 अज्ञात व्यक्तियों के विरूद्ध अभियोग पंजीकृत कराया गया। इस सम्बन्ध में कुछ प्रिन्ट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया समूहों ने प्रकरण के सन्दर्भ में झूठी एवं भ्रामक खबरें बिना किसी प्रमाण एवं स्त्रोत के प्रकाशित/प्रसारित कर समाज में सनसनी फैलाने एवं धार्मिक नगरी काशी की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया। झूठी एवं भ्रामक प्रकाशित खबरों के सन्दर्भ में कुछ उदाहरण निम्नवत है-
1. दिनाकं 13.04.2025 को दैनिक भाष्कर के भोपाल संस्करण में खबर छापी गई कि-"वाराणसी दुष्कर्म : सेक्स रैकेट का पर्दाफाश, 14 मोबाइल में 546 लड़कियों के विडियो मिले"
उपरोक्त खबर पूर्णतः गलत है, इस तरह की कोई वीडियो पुलिस को बरामद नहीं हुई है।
2. दिनांक 13.04.2025 के दैनिक भाष्कर वाराणसी के डिजिटल पेज पर खबर प्रसारित हुई कि- "काशी गैंगरेप- 14 मोबाइल में 546 लड़कियों के न्यूड विडियोः मास्टरमाइंड अनमोल के कैफे में बनाये गये, 06 राज्यों में कस्टमर्स को भेजे"
उपरोक्त खबर पूर्णतः गलत है, इस तरह की कोई वीडियो पुलिस को बरामद नही हुई है। इनकी इस भ्रामक खबर से इन होटलों में गत दिवसों में जिन महिलाओं एवं पुरुषों ने इसमें स्टे किया इससे उनमें एवं आमजनमानस में डर का माहौल पैदा हो गया तथा महिलायें अपने को असुरक्षित महसूस कर रही है। इस खबर के बहाने महिलाओं को ब्लैकमेल भी किया जा सकता है।
3. दैनिक भाष्कर के वाराणसी के डिजिटल एडीशन में दिनांक 07.04.2025 को खबर प्रसारित/प्रकाशित हुई कि "वाराणसी में एथलीट से चलती कार में गैंगरेप"
उक्त खबर को बिना किसी ठोस प्रमाण के सनसनीखेज बनाकर प्रकाशित किया गया। पीड़ित लड़की का चलती गाड़ी में गैंगरेप नहीं हुआ था न ही फेंका गया था न ही लड़की एथलीट है। पुलिस द्वारा उसको सहेली के घर से सकुशल बरामद किया गया था।
4. दैनिक भाष्कर के वाराणसी के डिजिटल एडीशन में दिनांक 14.04.2025 को प्रसारित/प्रकाशित खबर "वाराणसी में चार साल की मासूम से दिनदहाड़े रेपः क्रिश्चियन कम्यूनिटी के कब्रिस्तान में वारदात, बच्ची को खून से लथपत छोड़ कर भागा।"
उक्त खबर को बिना किसी ठोस प्रमाण के सनसनीखेज बनाकर प्रकाशित किया गया। बच्ची को खून से लथपत छोड़कर भागा वाली बात असत्य है। सत्य यह है कि बच्ची का मेडिकल कराया गया बच्ची पर कोई जाहिराना चोट नही पायी गई। घटना दिनांक 14.04.2025 की बताई गई थी जबकि घटना 12.04.2025 की थी। पुलिस को बाद में सूचना दी गई थी। जिसमें बच्ची के साथ बदसलूकी के आरोप बच्ची के पिता के मित्र पर ही लगाया गया।
5. Youtube चैनल Crime Tak न्यूज के शम्स ताहिर द्वारा एक विडियो प्रसारित किया गया है जिसमें विभिन्न भ्रामक तथ्य बताये गये जो निम्नवत है-
a. विडियों में बताया गया कि पीड़िता के माता-पिता के द्वारा 29.03.2025 को ही पीड़िता के गुमशुदा होने की पुलिस को सूचना दी गई वे लगातार थाना पुलिस के चक्कर काटते रहे यह तथ्य गलत है सही तथ्य यह है कि पीड़िता के परिजनों द्वारा 06 दिन विलम्ब से 04.04.2025 को पुलिस को सूचना दी गई और उसी दिन पुलिस द्वारा पीड़िता को सकुशल बरामद किया गया।
b. विडियो में बताया गया कि पुलिस ने लड़की को सड़क पर बेहोशी के हालत में बरामद किया जबकि सही तथ्य यह है कि पुलिस ने लड़की को उसकी सहेली के घर से सकुशल बरामद किया।
c. विडियो में बताया गया कि पुलिस ने लड़की का मेडिकल परीक्षण नहीं कराया
गया जबकि सही तथ्य यह है कि पुलिस द्वारा लड़की को शुरूवात में ही मेडिकल परीक्षण हेतु हास्पिटल ले जाया गया जहाँ लड़की ने स्वेच्छा से डाक्टर के समक्ष स्वयं के परिक्षण न कराये जाने हेतु लिखित रूप से मना किया। अगले दिन पुनः पुलिस के प्रयास से लड़की द्वारा परीक्षण कराया गया।
d. विडियो में बताया गया कि लड़की का डीएनए सैम्पल तक नहीं लिया गया जबकि सही तथ्य यह है कि लड़की तथा अभियुक्तों के फारेसिक्स सम्बन्धित सभी सैम्पल कलेक्ट किये गये।
e. पुलिस ने उच्चस्तर से निर्देश प्राप्त होने के उपरान्त अभियुक्तों को गिरफ्तार किया, सही तथ्य यह है कि FIR के 04 दिन के भीतर ही पुलिस ने 12 अभियुक्तों के गिरफ्तार कर लिया था।
प्रिन्ट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया द्वारा बिना किसी ठोस प्रमाण/स्त्रोत के उपरोक्त भ्रामक खबर फैलाकर आमजनमानस में भय एवं सनसनी का वातावरण पैदा हुआ जो The Information Technology (Intermediary Guidelines and Digital media Ethics Code) Rules, 2021 का उल्लंघन है जो सम्बन्धित के विरूद्ध विधिक कार्यवाही का आधार बन सकती है।
सोशल मीडिया सेल
वाराणसी

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