जांच के आधार पर सात दरोगा मुंशी 30 पुलिसकर्मी किया निलंबित कमिश्नर आगरा
जांच के आधार पर सात दरोगा मुंशी 30 पुलिसकर्मी किया निलंबित कमिश्नर आगरा
साइबर अपराधियों को संरक्षण, पासपोर्ट सत्यापन में वसूली, मुकदमे की विवेचना में फर्जीवाडा कर रहे थे निलंबित पुलिसकर्मी
आगरा। वाराणसी की आवाज। एक बार फिर खाकी को संसार करने वाले पुलिसकर्मियों को आखिर निलंबन होना ही पड़ा। हम बात कर रहे हैं आगरा शहर की जहां आगरा में कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद भी दरोगा मुंशी और सिपाहियों का भ्रष्टाचार नहीं रुका यह निलंबित किए गए कर्मचारी पासपोर्ट सत्यापन से लेकर मुकदमों की विवेचना में फर्जी वाडा करना, साइबर अपराधियों से सांठगांठ कर पीड़ितों का उत्पीड़न करना, ऑटो चालक से मारपीट कर रुपए छीनना, यह सब उन पुलिस कर्मियों की कार्यप्रणाली में शामिल था जिन्हें निलंबित किया गया।
प्राप्त विवरण के अनुसार, आगरा में पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था नवंबर 2022 को लागू की गई थी।पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था लागू होने के 19 महीने में या अब तक की बड़ी कार्रवाई है पुलिस कमिश्नर तक शहर की जो थाना क्षेत्र में तैनात दरोगा, मुंशी और सिपाहियों की शिकायत पहुंचती थी पुलिस कमिश्नर ने फीडबैक सेल से शिकायतों की जांच कराई जांच में 30 कर्मियों की सही जांच पाई गई। जांच के आधार पर कमिश्नर जे रविंदर गौड ने 7 दरोगा छह मुंशी ब सिपाहियों को निलंबित कर दिया। यह कर्मचारी साइबर क्राइम थाना में तैनात मुंशी आरक्षी अविनाश ,शेर सिंह, सनी कुमार ,कर्मवीर और सिपाही धर्मेंद्र शर्मा जो की पीड़ितों का भी उत्पीड़न करते थे।। जांच में पाया गया की चार दरोगा और 12 सिपाही पासपोर्ट सत्यापन के नाम पर आवेदक से अवैध वसुली करने में लिप्त ,न्यू आगरा में तैनात दरोगा विनोद कुमार ,हरी पर्वत में तैनात दरोगा जितेंद्र प्रताप सिंह, शाहगंज में तैनात प्रशिक्षु दारोगा प्रखर और कमला नगर में तैनात प्रशिक्षु प्रशांत कुमार को निलंबन आदेश जारी हुए हैं। वही भ्रष्टाचार में लिफ्ट पाए गए उपनिरीक्षक न्यू आगरा धर्मेंद्र सिंह ,प्रशिक्षु उपनिरीक्षक न्यू आगरा अनंत सिंह ,उप निरीक्षक थाना छत्ता शांतनु अग्रवाल ,उप निरीक्षक न्यू आगरा विनोद कुमार ,उप निरीक्षक थाना हरी पर्वत जितेंद्र प्रताप सिंह ,प्रशिक्षु उपनिरीक्षक थाना शाहगंज प्रखर, प्रशिक्षु उपनिरीक्षक कमला नगर प्रशांत कुमार को भी निलंबित किया गया है।