चन्दौली बलिदान दिवस पर रानी दूर्गावती को किया गया याद


चन्दौली बलिदान दिवस पर रानी दूर्गावती को किया गया याद
चंन्दौली नौगढ़ मजगावां मे देश की विरांगना महारानी दूर्गावती के बलिदान दिवस को मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अमरदेव सिंह गोंड (पिंटू बाबा) ने बताया कि रानी दुर्गावती ऐसी एक महान वीरांगना थी, जिसके कारण आज भी इतिहास में गोडों का अस्तित्व बचा हुआ है। उनका बलिदान इसलिए भी, और महत्वपूर्ण हो जाता है, कि जहां ताकतवर मुगल साम्राज्य के आगे बड़े बड़े राजा महाराजा स्वेच्छा से समर्पित हो जाते थे, वहीं रानी दुर्गावती मरते दम तक गोंडवाना समाज की आन बान शान को बचाए रखा और मुगल शासकों के आगे समर्पण कभी नहीं किया।
उन्होंने बताया कि रानी दुर्गावती भारत की एक प्रसिद्घ वीरांगना थीं, जिसने मध्य प्रदेश के गोंडवाना क्षेत्र में शासन किया। उनका जन्म पांच अक्टूबर 1524 को कालिंजर के राजा पृथ्वी सिंह चंदेल के यहां हुआ, उनका राज्य गढ़मंडला था, जिसका केंद्र जबलपुर था। उन्होंने अपने विवाह के चार वर्ष बाद अपने पति गौड़ राजा दलपत शाह की असमय मृत्यु के बाद अपने पुत्र वीरनारायण को सिंहासन पर बैठाकर उसके संरक्षक के रूप में स्वयं शासन करना प्रारंभ किया। इनके शासन में राज्य की बहुत उन्नति हुई। दुर्गावती को तीर तथा बंदूक चलाने का अच्छा अभ्यास था।
कार्यक्रम मे मुख्य रूप से मुख्य आयोजक प्रेमनाथ गोंड,आजाद, रामजग,जोखु, पंकज कुमार, कृष्णा सिंह, रमाशंकर सिंह के साथ अन्य क्षेत्रीय लोग उपस्थित रहे।

करणी सेना के सक्रिय सदस्य कुश सिंह ने सपा नेता और बनारसवाले मिश्राजी के नाम से चचित हरीश मिश्रा के खिलाफ थाने में मानहानि समेत विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कराया

पूज्य सिंधी सेंट्रल पंचायत वाराणसी के तत्वाधान में मेला कमेटी रंगारंग कार्यक्रम महमूरगंज में आयोजित किया गया
