•   Tuesday, 26 Nov, 2024
The laws of the British era have changed now the Indian Judicial Code will be applicable

बदल गए अंग्रेजों के जमाने के कानून अब लागू होगी भारतीय न्याय संहिता

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  Varanasi ki aawaz

बदल गए अंग्रेजों के जमाने के कानून अब लागू होगी भारतीय न्याय संहिता
 
भारतीय न्याय संहिता के तहत किसी भी थाने में कर सकते हैं  F.I.R
 
घर बैठे व्हाट्सएप और ईमेल से कर दर्ज करासकते हैं F.I.R


पीड़ित पुलिस स्टेशन में आए बगैर भी इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से घटना की रिपोर्ट कर सकता है इससे पुलिस को भी त्वरित कार्रवाई में मदद मिलेगी। पीड़ित किसी भी थाना क्षेत्र में अपनी एफआईआर दर्ज कर सकता है फिर निशुल्क कॉपी उपलब्ध होगी। गंभीर आपराधिक मामलों से सबूत जुटाने के लिए क्राइम सीन पर फॉरेंसिक विशेषज्ञों का जाना अनिवार्य। सबूत एकत्र करने की प्रक्रिया की वीडियोग्राफी अनिवार्य। महिला और बच्चों के खिलाफ अपराध में जांच एजेंसियों को 2 महीने के अंदर जांच पूरी करनी होगी 90 दिन के अंदर पीड़ित को कैस में प्रगति की नियमित अपडेट देनी होगी। अपराध के शिकार हुई महिला व बच्चों को सभी अस्पताल में फर्स्ट एड का इलाज निशुल्क मिलने की गारंटी चुनौती भरी परिस्थितियों में भी पीड़ित जल्द ठीक हो सकेगा।

आगरा। अब अंग्रेजों के जमाने के बनाए गए कानून आईपीसी सीआरपीसी और साक्ष्य कानून आज से बदल चुके हैं हत्या हो या लूट चोरी हो या फिर मारपीट सभी घटनाओं में कानून की धाराएं बदल चुकी हैं। इसको लेकर थाने चौकी से लेकर बड़ी पैमाने पर प्रचार प्रसार किया गया है वही कोतवाल से लेकर दरोगा मुंशी तक कोई संबंध में प्रशिक्षण दिया जा चुका है आज 1 जुलाई से भारतीय न्याय संहिता,भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम  को लागू कर दिया गया है। आज से भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) अब भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस )होगी। पहले आईपीसी में 511 धाराऐ थी लेकिन भारतीय न्याय संहिता में 358 धाराएं लागू होगी। धाराओं का क्रम बदलते हुए सीआरपीसी दंड प्रक्रिया संहिता अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता कहलाएगी। सीआरपीसी में पहले 484 धाराएं थी अब नए कानून  में अब इसमें 531 धाराएं लागू होगी। भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 अब भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के नाम से जाना जाएगा पुराने अधिनियम में 167 प्रावधान थे अब नई में 170 प्रावधान हो गए हैं इसमें डिजिटल साक्ष्यो का महत्व बढ़ाया गया है। पहले हत्या के लिए धारा 302 लगती थी आप 1 जुलाई से इसके लिए धारा 103 में मुकदमा दर्ज होगा इसी तरह हत्या के प्रयास में धारा 307 लगती थी अब 109 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा ल द्वारा डकैती के मामले में जहां धारा 392 में दर्ज किया जाता था अब इसके बदले धारा 309 (4) भारतीय न्याय संहिता लागू होगा। पहले धोखाधड़ी की अपराध में धारा 420 की जगह धारा 316 लागू होगी। पहले आईपीसी बलात्कार के मामले में धारा 376लागू होती थी अब भारतीय न्याय सहायता के तहत धारा 63 में अभियोग दर्ज किया जाएगा। सामूहिक दुष्कर्म के मामले धारा 70 के तहत दर्ज की जाएगी। छेड़छाड़ की धारा 354 के मामले अब मानहानि की धारा 
429  के अंतर्गत दर्ज किए जाएंगे।
 
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भारतीय न्याय सहायता 2023 के अंतर्गत प्रमुख अपराध 
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 *मारपीट संबंधी अपराध* 

भादवि।              बीएनएस
323.                 115
324.                 118 (1)
325                   117
292.                 296
504.                352
506.              351( 2)
                      351 (3)
341.               126 (2)
336.               125
451.                 329 ( 4)
452.               332  (c)

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 *महिला संबंधी अपराध* 
 354.          74
354 A.       75
354 B.       76
354 C.        77
354 D.         78
509.              79
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 *चोरी संबंधी अपराध* 
379.          303 (2)
411::;;;;     317 (2)
457.           331 ( 4)
380              305 (A)

New section.....305 (B)
                             305 (C)
 
 *अपराधिक न्यास भंग संबंधित*
406.          ..  316 (2)
408.        ..      316 ( 4)
409               .. 316  (5) 
No
 *मिथ्या साक्ष्य संबंधी* 

193.                229
194.                230
195.                231
195 ( A).        232

 *रिषट संबंधी प्रक्ररण*
427.          324 ( 2-6)
429.          325
435.         326 (F)
436.         326. (G)

 *सड़क दुर्घटना संबंधी*
279.        281
337.        125 A
338.         125 B
304 A.        106 (1)
 *Motor vehicle amendment act. 2019*

 महिला संबंधी अपराध (बलात्कार)

376  (1).         64 (1)
376. (2).         64.( 2)
376.( 3).          65. (1)
376 (ab).         65. ( 2)
376 ( a).           66            
376 ( b)            67
376.( C).           68
376.( D).           70.( 1)
(DA.DB).           70. (2)

 *लोक सेवक संबंधी*
353.           132
332.         121  (1)
186.         221
333.          121. (2)

 *डकैती संबंधी प्रकरण*

395.        310. (2)
399.        310.  (5)
400.       310.   ( 6)
412.         317  (3)
 
 *स्पीच संबंधी प्रकरण*
153. (A).         196
153. (B).         197. (1)
295. ( A).        299
502.   (2).       353. (2)
 _New section_        152

 *अपहरण संबंधी अपराध*

363.               137.  (2)
364.               140.  (1)
364. (A)          140.   (2)
365.                140.   (3)
366.                   87
367.                140. ( 4)
368.                  143

 *लोक सेवक की विधि पूर्ण संबंधी अपराध*
172.          206
173.          207
174.          208      
174. A.     209
175.         210

 *अन्य अपराध*
201.       238
224.        262
228.        267
510.         355
289.         291
292         294.  (2)
293.        295
299. A.       269
295.            298
326.  A.       124.  ( 1)
336.  B.       124.  ( 2)
228  A.        72
                     73
166.  A.       199
166.  B.      200
494.            82
342.         127. (2)
187.          222
176,202.        211/238
182, 211.        217,248
188.                 223
305.            107
500.               356.  ( 2)

 *नवीन अपराध*

48.   भारत में अपराधों का विदेश में दुष्प्रेषण

69  शादी का झांसा देकर मिथुन
95।        सुपारी देकर अपराध      करवाना

103. 2         मॉब लिंचिंग 
111            संगठित अपराध
112         छोटे संगठित अपराध
113         ‌‌ आतंकवादी कार्य
152          राज से विरुद्ध अपराध
226        आत्महत्या का प्रयत्न 
304        स्नैचिंग
आज सभी के नए कानून आरती न्याय सहायता के अंतर्गत लागू किए गए।

रिपोर्ट- आरिफ खान बाबा, मंडल संवाददाता आगरा
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