वाराणसी दहेज़ हत्या में दो को मिली जमानत


वाराणसी दहेज़ हत्या में दो को मिली जमानत
वाराणसी:-दहेज़ हत्या के मामले में दो अभियुक्तों को जमानत मिल गयी। सत्र न्यायाधीश डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने ग्राम दीपापुर थाना रोहनिया निवासी प्रियंका पत्नि राकेश राजभर व ग्राम बल्लीपुर थाना कछवाँ जिला मिर्जापुर निवासी चिंता देवी पत्नी मकसूदन को एक - एक लाख रुपये की दो जमानते एवं व्यक्तिगत बंधपत्र देनें पर रिहा करने का आदेश दिया। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अजय कुमार उपाध्याय ने पक्ष रखा।
अभियोजन पक्ष के अनुसार अवलेशपुर कन्दवा थाना रोहनिया निवासी वादी मुकदमा दशरथ प्रसाद राजभर ने रोहनिया थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि उसने अपनी लड़की श्रीमती माधुरी देवी उम्र 28 वर्ष की शादी वर्ष 2012 में संजय राजभर निवासी दीपापुर थाना रोहनिया के साथ कोर्ट मैरिज के आधार पर किया था। शादी के बाद से ही उसकी लड़की को पति संजय राजभर, ससुर भगेलू राजभर, सास श्रीमती हीरामती, देवर राकेश, देवरानी श्रीमती प्रियंका, पत्नि श्रीमती चिंता, ननद मकसूदन नंद मिलकर मारते पीटते थे और दहेज की मांग बराबर करते थे। उसकी लड़की के दो बच्चे पैदा हुए हैं। 7 जनवरी 2019 को उपरोक्त सभी लोगों ने उसकी लड़की माधुरी देवी को दहेज में मैजिक लेने के लिए दो लाख रुपये की मांग को लेकर मिट्टी का तेल डालकर जला दिये।
अदालत में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अजय कुमार उपाध्याय ने तर्क दिया कि मृतका की पूर्व में एक शादी हो चुकी थी, किंतु वादी मुकदमा ने अपनी जिद व महत्वाकांक्षा के कारण मृतका माधुरी देवी का उसके सिगरा निवासी पूर्व पति संजय राजभर से बगैर विवाह विच्छेद कराएं। अभियुक्त संजय के साथ कर दिया और वादी मुकदमा मृतका के पूर्व पति से पैदा हुए छः महीने के बच्चे को भी उसके पूर्व पति के पास छोड़ दिया और सभी तथ्यों को छिपाकर मृतका का विवाह अभियुक्त संजय राजभर के कर दिया। इस प्रकार मृतका का कानूनन अभियुक्त संजय राजभर की पत्नी नहीं थी। इसलिए दहेज के लिए उत्पीड़न और दहेज के लिए हत्या का अपराध अभियुक्त गण के ऊपर नहीं बनता। वादी मुकदमा ने धारा 319 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत प्रार्थनापत्र देकर अभियुक्तगण को मुकदमे में तलब कराया है। वादी मुकदमा द्वारा अपनी जिरह में यह स्वीकार किया है कि अभियुक्ता प्रियंका मृतका के परिवार से अलग गृहस्थी बसाकर अपना जीवन यापन करती थी तथा अभियुक्ता चिंता देवी अपने ससुराल में रहती थी। इसलिए उनके द्वारा मृतका से दहेज की मांग किया जाना व उसके लिए प्रताड़ित किया जाना संभव नहीं है। अभियुक्तों ने कोई अपराध नहीं किया है। उनका कोई अपराधिक इतिहास नहीं है।
रिपोर्ट- फरहान अहमद. संवाददाता वाराणसी
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