•   Monday, 25 Nov, 2024
Angered by the two deaths people blocked the roadan old man died of a heart attack a young man died

दो मौत से आक्रोशित लोगों ने किया चक्का जाम हृदयाघात से वृद्ध की मौत सिर पर आलमारी गिरने से युवक की मौत प्रशासन के छूटे पसीने

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  Varanasi ki aawaz

दो मौत से आक्रोशित लोगों ने किया चक्का जाम हृदयाघात से वृद्ध की मौत, सिर पर आलमारी गिरने से युवक की मौत,प्रशासन के छूटे पसीने

वाराणसीः पड़ाव रामनगर सड़क चौडीकरण मामले में बुधवार  को हुई दो मौतों के बाद सड़क की लड़ाई भावनात्मक जंग में तब्दील हो गई। जंग की गंभीरता को रामनगर थाना प्रभारी भरत उपाध्याय ने समझा और पहल कर माहौल बिगड़ने से बचा लिया। हुआ यूं कि बिना मुआवजा मिले मकान ध्वस्तीकरण से सदमें में आये अधेड़ राममूरत प्रजापति की बुधवार की भोर में हृदयाघात से मौत हो गई। दूसरी घटना में 30 वर्षीय रमेश कुमार सोनी की भी इसी अभियान से पैदा हुई दहशत से जूझने में मौत हो गई। रमेश अपने पड़ोसी पिंटू सोनी की छत से आलमारी उतार रहा था कि रस्सी टूटने से आलमारी उसके सिर पर आ गिरी। बुरी तरह घायल रमेश को ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया जहाँ उसकी भी बुधवार को मौत हो गई। एक तरफ मुआवजा नही मिलने से पहले से ही लोग नाराज थे ऊपर से इन दोनों घटनाओं ने लोगों को और नाराज कर दिया। सोशल मीडिया पर लोगों ने दुःख भरी नाराजगी जताते हुए लोगों से मृतकों के घर जुटने की अपील जारी करनी शुरू कर दी। इसके अलावा प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने, मृतकों को मुआवजा देने की मांग करने लगे। इधर ध्वस्तीकरण के लिए पहले से ही प्रशासनिक अमला रामनगर में जुटा था। पहले लोगों की भीड़ रामपति प्रजापति के घर जुटने लगी। इस अप्रत्याशित घटनाक्रम से चकराए प्रशासन को समझ में नही आ रहा था कि करें तो क्या करें। इस बीच रामनगर थाना प्रभारी भरत उपाध्याय ने मामले की गंभीरता को समझा। क्षेत्रीय पार्षद पति मनोज यादव, ए सी पी भेलूपुर के साथ मौके पर पहुँच गए। लोगों को समझा बुझा कर हटाया बढ़ाया और थाना प्रभारी, ए सी पी कोतवाली तथा मनोज यादव ने परिजनों के साथ कंधा देकर शव को अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट तक पहुँचाया। अभी पुलिस इस मामले से निपट ही रही थी कि रमेश के परिजनों के साथ स्थानीय नागरिको ने सहित्यनाका मार्ग पर चक्का जाम कर दिया। उनका कहना था कि प्रशासनिक आंतक के चलते रमेश की जान गई है। देखते ही देखते भारी भीड़ मौके पर जुटने लगी। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए लोक निर्माण विभाग कर्मी मौके से हट बढ़ गए। कई थानों की फोर्स मौके पर आ गई तो ए डी एम सिटी आलोक वर्मा सहित कई पुलिस अधिकारी मौके पर पहुँचे और किसी तरह समझा बुझा कर जाम खत्म कराया। इसके बाद रामनगर थाने में लगभग दो घण्टे पंचायत चली। इस पंचायत में निर्णय हुआ कि मृतकों के आश्रितों को आवास सहित सभी सरकारी योजनाओं का लाभ मिलना सुनिश्चित कराया जाएगा। उनके बच्चों के निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था की जाएगी। पंचायत के दौरान मुआवजे को लेकर भी चर्चा हुई। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे व्यापारी नेता राकेश जायसवाल ने बताया कि प्रशासन से दो दौर की वार्ता में यह निष्कर्ष निकला है कि अब बिना मुआवजा दिए किसी का मकान नहीं तोड़ा जाएगा। गुरुवार को पी डब्लयू डी की पैंतीस लोगों की टीम आकर सबके निर्माण की नापी करेगी और मौके पर ही मुआवजे का इस्टीमेट बनाएगी। उसके अगले दिन तक पैसा सबके खाते में आ जाने के बाद ही निर्माण तोड़े जाएंगे। पंचायत में ए डी सी पी वरुणा जोन मनीष साण्डली,ए डी सी पी गोमती जोन टी सरवन, ए सी पी भेलूपुर अतुल अंजान त्रिपाठी, ए सी पी कोतवाली अमित पाण्डेय, ए सी पी पिंडरा अतुल कुमार, व्यापारी नेता राकेश जायसवाल, सिद्धांत जायसवाल, फारुख खान समेत दर्जनों लोग उपस्थित थे। इधर देर शाम लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता के के सिंह ने एक बयान जारी कर कहा कि राममूरत प्रजापति के मलबे में दबने से मृत्यु की अफवाह फैलाई जा रही है जो निराधार है। उनके भवन को किसी भी तरह की क्षति नही पहुँचाई गई है। उनकी उम्र 70 वर्ष से ज्यादा थी और उनकी स्वाभाविक मौत उनके घर में ही हुई है।

रिपोर्ट- एस के यादव..रामनगर वाराणसी
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