•   Monday, 25 Nov, 2024
Bulldozer roared again on Thursday in the matter of widening of Ramnagar Varanasi stop

रामनगर वाराणसी पड़ाव रामनगर चौडीकरण के मामले में गुरुवार को फिर से बुलडोजर गरजा

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  Varanasi ki aawaz

विरोध के बावजूद गिराए गए मकान दुकान 
@ भारी फोर्स की मौजूदगी में चला अभियान
@हाइकोर्ट की शरण मे गए लोग भी आये चपेट में

रामनगर/ वाराणसी पड़ाव रामनगर चौडीकरण के मामले में गुरुवार को फिर से बुलडोजर गरजा। लोगों के भारी विरोध के बावजूद प्रशासन पीछे नही हटा और चौडीकरण की राह में बाधक बने मकानों और दुकानों को ध्वस्त करने की कार्यवाही की। भारी फोर्स को देखकर विरोध कर रहे लोग पीछे हट गए जिससे प्रशासन की राह आसान हो गई। गुरुवार की कार्यवाही में उन लोगों के निर्माण भी नही बख्शे गए जिन्होंने हाइकोर्ट से राहत पाई थी। यही नही मौके पर प्रशासन से जुड़े एक अधिकारी साफ कहते हुए सुने गए कि सभी लोग मकान दुकान खाली करें। हम कार्यवाही जारी रखेंगे। कोर्ट का कंटेम्प्ट हम झेल लेंगे। पड़ाव से रामनगर तक सड़क चौडीकरण का कार्य प्रस्तावित है। दो माह पहले पी ए सी तिराहे के आस पास अवैध अतिक्रमण हटाये गए थे। जिसे लेकर व्यवसायियों ने भारी विरोध किया था। हंगामा बढ़ते देख प्रशासन ने फौरी तौर पर कार्यवाही रोक दी थी। एक दो बार प्रयास किया भी विरोध के चलते प्रशासन को बैकफुट पर जाना पड़ गया था। इस बीच 40 लोगों ने उच्च न्यायालय की शरण ली थी। न्यायालय ने जिलाधिकारी को निर्देश दिए थे कि सहमति के आधार पर मुआवजा या क्षतिपूर्ति देने की प्रक्रिया शुरू करें। बीते माह की 29 तारीख से तीन दिन का स्थाई कैम्प लगा कर लोक निर्माण और राजस्व विभाग के लोगों ने 194 लोगों के आवेदन लिए थे। हालांकि सहमति पत्र पर किसी ने भी हस्ताक्षर नही किये थे। अभी न मुआवजा तय हुआ न क्षतिपूर्ति निर्धारित हुई कि सरकारी अमला अतिक्रमण ढहाने पहुँच गया। बुधवार को तो कुछ नही हुआ लेकिन गुरुवार की सुबह ही प्रशासन सक्रिय हो गया। कई थानों की फोर्स, पी ए सी की कई कंपनियां और ए डी एम प्रशासन, ए सी एम द्वितीय के साथ साथ लोक निर्माण विभाग के अधिकारी थाने पर जुट गए। इधर कार्यवाही की भनक लगते ही बड़ी संख्या में व्यवसायी और प्रभावित लोग भी एकत्र हो गए। सहित्यनाका स्थित सम्प्रेषण गृह के पास जैसे ही बुलडोजर सक्रिय हुआ लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया। प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे व्यापारी नेता राकेश जायसवाल से अधिकारियों की झड़प हो गई। इधर जब पुलिस प्रशासन ने दवाब बनाना शुरू किया तो विरोध कर रहे अधिकांश लोग हट बढ़ गए। इसके बाद बुलडोजर ने अपना काम शुरू कर दिया। इंटरनेट मीडिया पर जारी एक वीडियो में साफ दिख रहा है कि ए डी एम प्रशासन विपिन कुमार साफ साफ कह रहे हैं सारे लोग मकान दुकान खाली करें। हम अब नही रुकेंगे और ध्वस्तीकरण की कार्यवाही जारी रहेगी। कोर्ट के कंटेम्प्ट का मामला हम देख लेंगे। इधर व्यापारी नेता राकेश जायसवाल का कहना है प्रशासन उच्च न्यायालय के निर्देश की अवहेलना कर तानाशाही रवैये से काम कर रहा है। बिना मुआवजा निर्धारित किये ही हमारे निर्माण तोड़े जा रहे है। कोई भी आला अधिकारी हमारी पीड़ा सुन ही नही रहा है। प्रभावित लोगों का कहना था कि सरकार की नीयत सही नही लग रही। हम विकास के बाधक नही हैं लेकिन हमें भी जीने का अधिकार है। हमारी रोजी रोटी पर संकट आ गया है। बिना मुआवजा दिए ध्वस्तीकरण करना एकतरफा दमन की कार्यवाही है। इधर प्रशासन के सख्त रुख से लोगों में हड़कम्प मच गया है। गुरुवार को लोग खुद से ही अपने निर्माण तोड़ते देखे गए। देर रात तक चले अभियान में ए डी एम प्रशासन विपिन कुमार, ए सी एम द्वितीय अशोक कुमार, नायब तहसीलदार प्रीतम कुमार, ए सी पी कोतवाली अमित कुमार पांडेय के अलावा चितईपुर, आदमपुर, कोतवाली, लक्सा थाना प्रभारी सदल बल मौजूद रहे।

रिपोर्ट- एस के यादव..रामनगर वाराणसी
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