•   Monday, 21 Apr, 2025
Main accused husband gets bail in Varanasi dowry harassment case

वाराणसी दहेज़ उत्पीड़न के मामले में मुख्य अरोपी पति को मिलीं जमानत

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  Varanasi ki aawaz

वाराणसी दहेज़ उत्पीड़न के मामले में मुख्य अरोपी पति को मिलीं जमानत

वाराणसी:-अपर सिविल जज (जू.डि)  / न्यायिक मजिस्ट्रेट (नवम) की अदालत ने दहेज़ उत्पीड़न के मामले में मुख्य अरोपी पति को जमानत दे दी। जंगमबाडी, थाना दशाश्वमेध निवासी पति विनोद यादव को 25-25 हजार रुपये की दो जमानते एवं व्यक्तिगत बंधपत्र देनें पर रिहा करने का आदेश दिया। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता नीरज यादव, देवचंद व आलोक सिंह ने पक्ष रखा।

अभियोजन पक्ष के अनुसार वादिनी कादीपुर थाना शिवपुर निवासनी चांदनी यादव ने शिवपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी। आरोप था उसकी शादी 12 दिसम्बर 2016 को जंगमबाडी थाना दशाश्वमेध निवासी विनोद यादव से काफी दान दहेज़ देकर हुआ था। प्रार्थिनी शादी के बाद विदा होकर अपने ससुराल गई कुछ दिन ठीक-ठाक रहा। लेकिन करीब 6 माह बाद प्रार्थिनी के पति विनोद यादव, उसके जेठ राजू यादव व उसकी पत्नी जेठानी पूनम यादव, उसका पुत्र मंजेश यादव व उसके दूसरे जेठ मनोज यादव व उसकी पत्नी जेठानी मंशा यादव, तीसरे जेठ बाबू यादव उसकी पत्नी जेठानी रेखा यादव, उसकी बेटी वैशाली यादव पुत्र राजू यादव दहेज में पांच लाख रुपये नगद व्यापार करने के लिए एक हीरो होंडा मोटरसाइकिल की मांग करने लगे तथा उपरोक्त विनोद यादव, रेखा यादव, पूनम यादव तथा मंजेश व वैशाली यादव प्रार्थिनी को गाली-गलौज देतें हुए मारने-पीटने लगे और बोले की अपने पिता से विनोद को भैंस का व्यापार करने के लिए पांच लाख रुपये और व्यवसाय में दौड़ने के लिए नई हीरो होंडा मोटरसाइकिल दिलवाओ नहीं तो तुमको यहां रहने नहीं देंगे। इस पर प्रार्थिनी रोते हुए बोली कि मेरे माता-पिता अपने हैसियत के मुताबिक दान दहेज देकर मेरी शादी किए हैं और शादी करने में उनके ऊपर काफी कर्ज हो गया है, जिसको वह मेहनत मजदूरी करके कर्ज भर रहे हैं तथा मेरे छोटे भाई - बहनों को पढ़ा लिखा रहे हैं। ऐसी स्थिति में वह आप लोगों की मांग को नहीं पूरा कर पाएंगे। इतना सुनते ही विनोद यादव ने गाली देते हुए बाल पकड़कर घसीटते हुए मारने पीटने लगे तथा जेठानी रेखा यादव, पूनम यादव व मंगेश यादव और उसकी भतीजी वैशाली यादव भी मारने पीटने लगी और कमरे में बंद कर दिया तथा तरफ तरफ से यातना देने लगे। कमरे में बंद कर देते थे किसी से मिलने जीने नहीं देते थे। खाना पीना सुचारू रूप से नहीं देते थे तब प्रार्थिनी मजबूर होकर अपने पिता को अपने मायके से सूचना देकर बुलवायी और सारी बातें बतायी तब प्रार्थिनी के पिता ने प्रार्थिनी को समझा-बुझाकर कि हम कुछ व्यवस्था करेंगे। तुम्हारे ससुराल वालों की मांग पूरा करने का प्रयास करेंगे। कुछ दिन में सब ठीक हो जाएगा।  प्रार्थिनी के पिता ने प्रार्थिनी के ससुराल वालों का हाथ पैर जोड़कर बोले कि मेरी हैसियत पांच लाख रुपये देने और गाड़ी देने की नहीं है क्योंकि अपनी हैसियत के मुताबिक हमने कर्ज लेकर शादी किया है। अभी हमारे ऊपर काफी जिम्मेदारी है, फिर भी कुछ कर्ज लेकर आप लोगों को कुछ रुपए देने का व्यवस्था करूंगा। तथा प्रार्थिनी के पति व जेठ जेठानी द्वारा प्रार्थिनी के पिता को अपमानित करते हुए प्रार्थिनी को घर से निकाल दिए तब प्रार्थिनी अपने पिता के साथ रोते बिलखते अपने मायके आई। कुछ दिन बीत जाने के बाद पुनः प्रार्थिनी के पिता प्रार्थिनी के ससुराल कुछ रिश्तेदारों के साथ गए और काफी मिन्नतें करके बोले कि मैं आपकी मांग पूरा करूंगा आप मेरी बेटी को अपने यहां रखिए है जिस पर रिश्तेदारों व पिता के दबाव पर प्रार्थिनी अपने ससुराल आई और हक जौजियत अदा करने लगी, लेकिन दहेज के दानव और वहशी हो गए, प्रार्थिनी को मारने पीटने तथा तरह-तरह की यातना देने और कई दिनों तक कमरे में बंद कर देते और खाना पीना नहीं देते व किसी से मिलने नहीं देते थे। प्रार्थिनी जब उनसे अपने ऊपर अत्याचार न करने की बात करती तो वह लोग तरह-तरह की ताना देते और कहते तुम दरिंद की बेटी तथा बाँझ हो हम लोगों को अगर रुपये नहीं मिला तो तुम को मार डालेंगे। 9 दिसंबर 2018 को समय करीब 3:00 बजे प्रार्थिनी को उसके पति विनोद व जेठ राजू यादव व पुत्र मंजेश व जेठ मनोज यादव ललकार से हुए बोले कि इसे जला कर मार डालो न यह रहेगी न ही कोई झंझट रहेगा। हम अपने भाई विनोद यादव की दूसरी शादी करेगें तथा उसमें काफी दान दहेज मिलेगा। इसके बाद प्रार्थिनी उपरोक्त लोगों द्वारा मारा-पीटा गया तथा घर में बंद कर दिया और उसे 9 दिसंबर 2018 को शाम 8:00 बजे उसका पति शराब पीकर बेसुध होकर आया था जेठानी पूनम यादव, रेखा यादव, वैशाली यादव लात-घूंसों से प्रार्थिनी को मारने पीटने लगे। जेठ राजू यादव, मनोज यादव व मंजेश यादव जबरदस्ती पत्नी को मारने के लिए आये और सारे लोगों से मिलजुल लात-घूंसों से मारेपीटे जब वह बेहोश हो गयी तो सभी लोग उसे आटो रिक्सा में भरकर उसको उसके मायके से थोड़ी दूर पहलें शिवपुर स्टेशन पर फेंककर भाग गये। होश आने पर प्रार्थिनी किसी तरह अपने घर पहुंची और घर वालों को सारी बात बताई।

रिपोर्ट-फरहान अहमद.वाराणसी
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