प्रयागराज में करबला के शहीदों की याद में मोहर्रम की मजलिसें आयोजित
प्रयागराज में करबला के शहीदों की याद में मोहर्रम की मजलिसें आयोजित
प्रयागराज। वाराणसी की आवाज। माहे मोहर्रम की पहली को नवासा-ए-रसूल हज़रत इमाम हुसैन और अन्य 71 शहीदों की अज़ीम शहादत की याद में बख्शी बाज़ार इमामबाड़ा नाज़िर हुसैन में मौलाना आमिरुर रिज़वी ने मजलिस को खिताब करते हुए शहादत का ज़िक्र किया। इस मौके पर अबरार हुसैन, ज़व्वार हुसैन, खुरशैद साहब, मतलूब हुसैन, और ताहिरा हाऊस में भी मुख्तलिफ ज़ाकिरों ने मजलिस को खिताब किया।
चक ज़ीरो रोड स्थित इमामबाड़ा डिप्यूटी ज़ाहिद हुसैन में दस दिवसीय अशरे की पहली मजलिस को मौलाना रज़ी हैदर रिज़वी ने खिताब किया। वहीं, इमामबाड़ा सैय्यद मियां घंटा घर में ज़ाकिर-ए-अहलेबैत रज़ा अब्बास जैदी ने मजलिस को खिताब किया और रज़ा इस्माइल सफवी ने मर्सिया पढ़ा।
बख्शी बाज़ार से शुरू हुआ मजलिस का दौर छोटे चक, गुड़मण्डी, इमामबाड़ा वज़ीर जान, मीरगंज, घंटाघर, सब्ज़ी मण्डी, पत्थरगली, रानीमंडी, करैली, करैलाबाग़, शाहगंज, दरियाबाद, और रौशनबाग़ समेत अन्य मोहल्लों में देर रात तक जारी रहा।
दरियाबाद अज़ाखाना सैय्यद फरहत अली में पहली मोहर्रम की सालाना मजलिस में रेयाज़ मिर्ज़ा और शुजा मिर्ज़ा ने पुरदर्द मर्सिया पढ़ा, जबकि ज़ाकिरे अहलेबैत अशरफ अब्बास खां ने मजलिस को खिताब किया। बाद मजलिस इमाम हुसैन के वफादार घोड़े ज़ुलजनाह की शबीह निकाली गई, जिस पर लोगों ने अक़ीदत के फूल चढ़ा कर मन्नतें मांगीं।
अन्जुमन हाशिमया दरियाबाद के नौहाख्वानों ज़िया अब्बास अर्शी और यासिर सिबतैन ने डॉ. क़मर आब्दी और आमिरुर रिज़वी का लिखा ग़मगीन नौहा पढ़ा। दरियाबाद के पार्षद फसाहत हुसैन के अज़ाखाने में माहे मोहर्रम की पहली मजलिस को शहीर रालवी ने खिताब किया और हैदर ज़ैदी बिट्टू ने मर्सिया पढ़ा।
शहर भर की विभिन्न मजलिसों में ताहिर मलिक, हसन नक़वी, शौज़फ मलिक, अकबर अली, मोहम्मद अहमद गुड्डू, नय्यर आब्दी, ज़ुलक़रनैन आब्दी, अहसन भाई, ज़फ़र रज़ा, सैय्यद मोहम्मद अस्करी, अलमास हसन, ज़ामिन हसन, अरशद नक़वी, सफी नक़वी आदि शामिल रहे।
रिपोर्ट- मो रिजवान अंसारी. जिला संवाददाता इलाहाबाद