पांच गांवों की भूमि पर लगी रोक के खिलाफ जनहित याचिका दायर
पांच गांवों की भूमि पर लगी रोक के खिलाफ जनहित याचिका दायर
-परियोजना हवा में दो साल से लगी रोक से लोगों की मुसीबतें बढ़ी
रामनगरःपांच गांवों की भूमि पर पिछले दो साल से क्रय-विक्रम पर लगी रोक हटाने को लोगों ने कोर्ट में गुहार लगाई है।रोक के चलते किसानों बेटियों की शादी से लेकर अन्य जरूरी काम नहीं कर पा रहे है।जबकि परियोजना भी हवा में ही लटक गया है।वरिष्ठ अधिवक्ता मोहम्मद खालिद सिद्दीकी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर किया है।मालूम हो कि रामनगर से राजघाट तक गंगा नदी के किनारे से प्रस्तावित फोर लेन सड़क निर्माण को लेकर जिला प्रशासन द्वारा रामनगर , सूजाबाद, डोमरी,कोदोपुर सहित कटेसर में जमीनों के क्रय विक्रय पर रोक लगा दी गई है।अधिवक्ता गौतम कुमार सिंह की ओर से दाखिल इस याचिका को उच्च न्यायालय ने विचार के लिए स्वीकार कर लिया है।अधिवक्ता गौतम कुमार सिंह ने बताया कि काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग दर्शन और गंगा आरती के साथ साथ नई काशी की स्थापना के लिए रामनगर से राजघाट तक फोर लेन सड़क निर्माण के साथ सिग्नेचर ब्रिज आदि के निर्माण की योजना प्रदेश सरकार ने बनाई है। जिसके लिए जिला मजिस्ट्रेट द्वारा 30 मार्च 2022 को दिये गए आदेश के तहत रामनगर , सूजाबाद, डोमरी और कोदोपुर में जमीनों की खरीद बिक्री पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई थी। इसके बाद समय समय पर रोक की अवधि बढ़ाने के आदेश दिए जाते रहे। 31 मार्च 2023 के बाद रोक की अवधि को लेकर कोई स्पष्ट आदेश न होने के कारण रामनगर उपनिबंधन कार्यालय द्वारा इन क्षेत्रों में भूमि या भवनों के क्रय विक्रय करने से साफ इन्कार कर दिया गया। इसके चलते किसानों , अधिवक्ताओं और जमीन के कारोबारियों के समक्ष परेशानी उत्पन्न हो गई थी। बीच बीच मे विशेष मामलों में जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा भूमि के क्रय विक्रय की अनुमति दे दी जाती थी लेकिन यह विशेष अनुमति भी बाद में दी जानी बन्द हो गई। क्षेत्रीय लोगों ने अधिवक्ताओं से संपर्क कर समस्या का हल निकालने की गुहार लगाई। रामनगर लायर्स एसोसिएशन से जुड़े अधिवक्ताओं ने भी जिलाधिकारी कार्यालय में पत्रक सौंप कर रोक हटाने की मांग की थी। चार महीने पहले भी अधिवक्ता मोहम्मद खालिद सिद्दकी, प्रभु नारायण पाण्डेय, गौतम कुमार सिंह, अविनाश चौहान ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा था। लेकिन कोई कार्यवाही नही होते और लोगों की परेशानियां बढ़ती देख अधिवक्ताओ ने उच्च न्यायालय की शरण ली। उच्च न्यायालय ने गौतम कुमार सिंह बनाम उत्तर प्रदेश सरकार एवं सात अन्य को पक्षकार मानते हुए 19 दिसम्बर को दाखिल जनहित याचिका को विचार के लिए स्वीकार कर लिया है।दी लायर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रशांत सिंह,महामंत्री रामकुमार यादव, मोहम्मद खालिद सिद्दकी,उमेश पाठक और चंद्रशेखर सिंह आदि ने उम्मीद जाहिर की है कि इस कदम से लगभग पौने दो साल से ठप कारोबारी गतिविधियों को राहत मिल सकती है।