वाराणसी रामनगर में बिना मुआवजा पीटीशर्न का मकान ढहाने पहुंचे बुलडोजर के सामने धरने पर बैठे लोग
बिना मुआवजा पीटीशर्न का मकान ढहाने पहुंचे बुलडोजर के सामने धरने पर बैठे लोग
@व्यापार मण्डल के अध्यक्ष राकेश जायसवाल संग एडीएम प्रशासन की बत्तमीजी ने आग में घी का किया काम,तीन घंटे आवागमन बाधित,डीसीपी सहित तमाम आलाधिकारी मौके पर पहुंच लोगों को कराया शांत
रामनगरःबिना मुआवजा दिये ढहाये जा रहे मकान को बचाने के लिए मंगलवार को नागरिक व व्यापारी बुलडोजर के सामने धरना पर बैठ गए।पीडब्ल्यूडी के कर्मचारी व पुलिस लोगों को समझाने का प्रयास करती रही लेकिन लोग मुआवजा देने के बाद ही मकान तोड़ने की बात पर अडिग रहे।इस दौरान व्यापार मण्डल के अध्यक्ष राकेश जायसवाल के सिथ एडीएम प्रशासन विपिन कुमार की कहासुनी हो गई।आरोप है कि एडीएम प्रशासन ने राकेश के साथ बत्तमीजी कर दिये।जिसके बाद मौके पर मौजूद लोग और उग्र हो गए।धरना प्रदर्शन की खबर सुनते ही पुलिस विभाग के आलाधिकारी मौके पर पहुंच गए।डीसीपी आरएस गौतम के अलावा एसीपी चेतगंज नीतू सिंह,एसीपी दशाश्वमेध अवधेश पाण्डेय सहित अन्य अधिकारी लोगों को समझाने का प्रयास किया।लगभग तीन घंटे तक चली पंचायत के बाद मंगलवार को ध्वस्तीकरण की कार्रवाई रोकने के बाद लोगों ने धरना समाप्त किया।वही कुछ पीटीशर्न व व्यापार मण्डल के अध्यक्ष राकेश जायसवाल, फारुक भाई,सिद्धांत जायसवाल के अलावा अन्य लोगों को थाना में बुलाकर वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया।पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने बताया कि शाम तक कुछ भूमिधरों के खाते में पैसापहुंच गया तो कुछ लोगों का बुधवार तक आयेगा।इसके अलावा अन्य लोगों के जमीन व मकानों का आकलन किया जा रहा है।शीघ्र ही उनका पैसा भी खाते में चला जायेगा।नागरिकों का कहना था कि उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद किसी को न तो मुआवजा दिया गया और न क्षतिपूर्ति। लेकिन सभी के निर्माण जबरदस्ती तोड़े जा रहे हैं। बताते चलें कि पड़ाव रामनगर सड़क को चौड़ाकर फोरलेन बनाया जा रहा है।इस क्रम में लोक निर्माण विभाग फिलहाल साहित्यनाका की तरफ निर्माणों का ध्वस्तीकरण अभियान चला रहा है। लोग मांग कर रहे हैं कि उच्च न्यायालय के आदेश के मुताबिक पीड़ितों को मुआवजा और क्षतिपूर्ति देने के बाद निर्माण गिराए जायँ। अलबत्ता रविवार को प्रशासन द्वारा दर्जनों निर्माण ध्वस्त किये जाने के बाद लोगों ने खुद ही अपने निर्माण तोड़ने शुरू कर दिए थे। अधिकारियों का कहना था कि भूमिधरों को मुआवजा और बाकी को क्षतिपूर्ति दी जाएगी। जबकि जिन लोगों ने अतिक्रमण कर निर्माण किये हैं उन्हें कुछ भी नही दिया जाएगा। इसका मसौदा भी तैयार कर लेने के वादे किए जा रहे थे और एक दो दिन में धनराशि खाते ने ट्रांसफर भी कर दी जाएगी। लेकिन मंगलवार तक भी किसी को धनराशि नही मिली। इसके बाद मंगलवार को भी प्रशासनिक अमला भारी फोर्स के साथ निर्माण ध्वस्त करने पहुँचा और कई निर्माण ध्वस्त भी कर दिए। इस बीच बुल्डोजर रामबाबू प्रजापति का घर गिराने पहुँच गया। रामबाबू उन 40 लोगों में थे जिन्होंने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। उन्होंने बिना मुआवजा दिए मकान तोड़ने का विरोध करना शुरू कर दिया। मौके पर मौजूद व्यापार मंडल के अध्यक्ष राकेश जायसवाल, सपा नेता सिद्धांत जायसवाल के साथ भारी भीड़ भी उनके समर्थन में आ गईं। इस बीच ए डी एम प्रशासन विपिन कुमार पहुँच गए और उन्होंने राकेश जायसवाल को कुछ अनाप शनाप बोल दिया। इस पर बवाल बढ़ गया। महिलाएं बुल्डोजर के आगे बैठ गईं तो अन्य लोगों ने भी वहीं डेरा जमा लिया। राकेश जायसवाल का कहना था कि हम तो सिर्फ अपना हक मांग रहे है कि हमे मुआवजा और क्षतिपूर्ति देने के बाद निर्माण ध्वस्त किये जायें। लेकिन प्रशासन पूरी तरह तानाशाही पर उतर आया है। डंडे के बल पर हमारा निर्माण ढहा रहा है। बवाल बढ़ता देख ए सी पी चेतगंज सीमा सिंह के अलावा कई थानों से फोर्स बुला ली गई। इसके बाद काम रोक दिया गया।
रिपोर्ट- एस के यादव..रामनगर वाराणसी