पूरी सड़क की धूल चाट की दुकान चाट रही है जिससे गम्भीर बीमारियों के शिकार हो सकते हैं काशीवासी व विदेशी पर्यटक
पूरी सड़क की धूल चाट की दुकान चाट रही है जिससे गम्भीर बीमारियों के शिकार हो सकते हैं काशीवासी व विदेशी पर्यटक
पुलिस – प्रशासन से लेकर नगर निगम तक को नजर नहीं आता ये अतिक्रमण।
सुगम यातायात के नाम पर तमाम कवायद चलाने के बाद भी शहर की सड़कें अतिक्रमण से मुक्त नहीं हो पा रही है। अतिक्रमण के चलते लगने वाले जाम में लोगो का आगे बढ़ते रहना युद्ध लड़ने से कम नहीं है।
शहर के हृदय स्थल और सर्वाधिक वीआईपी माने जाने वाले इलाके गोदौलिया मार्ग पर एक नामी- गिरामी चाट की दुकान ने परमानेंट कब्जा कर लिया है। दोपहर से लेकर रात तक इस सड़क से गुजरना मुश्किल है।
दुकान होने के बावजूद सड़क पर ग्राहकों का हुजूम खड़ा कर ये चाट बेचते और खिलाते रहते है। कोई दिन विशेष नहीं रोज शाम घंटों ये नजारा आप देख सकते है। ऐसा लगता है कि इन्होंने सरकारी सड़क की रजिस्ट्री कर रखी हो इन्हें रोकने -टोकने वाला कोई नहीं है जबकि चंद कदम दूर गिरजाघर चौराहे पर मुस्तैद खड़ी पुलिस जाम न लगे इसलिए दो पहिया वाहन छोड़ अन्य वाहनों को इस मार्ग पर जाने नहीं देते। ठीक उनके पीठ पीछे ही सड़क पर जाम लगाकर दुकानदारी चलती रहती है। और चंद कदम आगे गोदौलिया चौराहे पर पुलिस के अधिकारी भी अक्सर शाम को मौजूद रहते है लेकिन इन्हें न तो जाम दिखाई देता है और न ही आने जाने वालों की परेशानियां।
खैर जायके का जादू अक्सर अच्छे-अच्छे को बेबस कर देता है नहीं तो इसकी जगह अगर कोई कल्लू का ठेला होता तो न जाने कब का लठिया कर किनारे कर दिया गया होता। हाल ही में सड़क किनारे दुकान लगा रोजी- रोटी जुगाड़ने वाले दुकानदारों को पुलिस व नगर निगम अतिक्रमण दस्ते ने खदेड़ दिया है कारण शायद लेन-देन में ऊपर-नीचे हुआ होगा। वैसे भी बड़ी दुकान और बड़ा नाम मायने रखता है अब जाम लगे तो लगे।
गौरतलब हो शहर को जाम से निजात दिलाने के लिए इन दिनों पुलिस अवैध स्टैंडों के खिलाफ पुलिस अभियान चला रही है नगर निगम का अतिक्रमण हटाओ दस्ता भी सड़क किनारे छोटे दुकानदारों को खदेड़ कर सड़कों को अतिक्रमण मुक्त कर रहा है।
नगर निगम का दस्ता ठेले – खोमचे लगाने वालों का ठेला तक उठा कर ले जाता है। उनपर मनमाना जुर्माना लगाता है । लेकिन नामी- गिरामी इस दुकान के अतिक्रमण पर वो चालान नहीं काटते। शहर के सबसे व्यस्ततम और वीआईपी सड़क पर खुलेआम नियम-कानून को ताक पर रख अतिक्रमण करने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई न करना पुलिस -प्रशासन पर सवाल खड़ा करते हुए पूछता है क्यों कमजोर को छोड़ते नहीं और ताकतवर को छेड़ते नहीं।