•   Monday, 21 Apr, 2025
Under the Varanasi Technology Development and Utilization Programme training is being conducted for

वाराणसी प्रौद्योगिकी विकास व उपयोग कार्यकम के अंतर्गत साई इंस्टिट्यूट बसनी में महिलाओं के लिए बुनकरी जरी जरदोजी एवं इम्ब्रायडरी हेंडीक्राफ्ट व घरो में पड़े वेस्ट मेटेरियल से खूबसूरत प्रोडक्ट बनाने का का प्रशिक्षण चलाया जा रहा है

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  Varanasi ki aawaz

महिलाएं सीख रहीं जरी-जरदोजी का हुनर, न्यू टेक्नोलॉजी से तैयार कर रही बनारसी साड़ी और इम्ब्राडरी की डिजिटल डिजाइन

वाराणसी प्रौद्योगिकी विकास व उपयोग कार्यकम के अंतर्गत साई इंस्टिट्यूट बसनी में महिलाओं के लिए बुनकरी, जरी जरदोजी एवं इम्ब्रायडरी, हेंडीक्राफ्ट व घरो में पड़े वेस्ट मेटेरियल से खूबसूरत प्रोडक्ट बनाने का का प्रशिक्षण चलाया जा रहा है। 

इस केंद्र का मुख्य उदेश्य संचार व सूचना प्रौद्योगिकी के प्रयोग से शिक्षा व हस्तशिल्प की समुचित जानकारी देने में नई तकनीक के प्रयोग से गरीब व अल्पसंख्यक महिलाओं को प्रशिक्षित कर उनके कार्यों (ड्रेस डिजाइनिंग, सिलाई, कशीदाकारी, जरी जरजोदी आदि ) की गुणवत्ता में उचित सुधार करना है। साथ ही उनकी आजीविका में बढ़ोतरी कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।

उक्त बातें साई ऑफ़ रूरल डेवलपमेंट वाराणसी के निर्देशक अजय सिंह ने मंगलवार को एक वार्ता के दौरान कही। उन्होंने बाताय कि सेंटर पर ही स्थापित डिजिटल डिजाइनिंग लैब में कोई भी डिजिटल डिजाइनिंग 100-150 रुपये में बनवा सकता है या खरीद सकता है। 

बनारसी साड़ी व इम्ब्रायडरी की अब तक 500 से ज्यादा डिजिटल डिजाइन तैयार है, अब तक इस सेंटर से अलग-अलग विधा में कुल 1389 लड़किया न सिर्फ प्रशिक्षण प्राप्त की बल्कि अधिकतम लड़किया अपना खुद का व्यवसाय स्टार्ट भी की है। 

इसके साथ ही इन महिलाओं को हुनर-ए-बनारस के माध्यम से ऑनलाइन बिजनेस की भीं ट्रेनिंग भी दी जाती है, जिससे ये महिलायें अपने प्रोडक्ट को सेल कर सके। 

यहां पर बनारसी साड़ियो, इम्ब्रायाडरी और ड्रेस मेटेरियल की डिजाइन चिक सॉफ्टवेयर से तैयार करके बटर पेपर पर प्रिंट लेकर तैयार की जाती है। जिससे समय की मांग के अनुरूप लड़किया अच्छे प्रोडक्ट तैयार कर सके।

रिपोर्ट:-डा सुनील जायसवाल
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