•   Monday, 25 Nov, 2024
Varanasi Majlis and mourning in memory of Imam Hussain Alaihis Salam

वाराणसी हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की याद में हुई मजलिस व मातम

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  Varanasi ki aawaz

वाराणसी हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की याद में हुई मजलिस व मातम

 

 

वाराणसी स्वास्तिक फरम खुदा की मोहर ट्रस्ट की जानिब से सिकन्दर सूफ़ी संत फ़क़ीर राम के दयाद के शुभ हाथो से श्री कृष्ण जी व अली असगर अ. स. की याद मे हर साल की तरह इस साल भी मुहर्रम की नव तारीख़ को दूध का लंगर व पौसरा जारी किया गया जिसमे बच्चे बूढ़े नवजवान वगैरह काफी तादाद में उपस्थित होकर दूध पिया।

सोज ख्वानि हाफ़िज़ सफर अली ने पढ़ी मजलिस को मौलवी असफाक हुसैन ने ख़िताब किया और नौहा ख्वानि अन्जुमने ज़ाफ़रिया दोषी पुरा बनारस ने की ये प्रोग्राम पैग़म्बर- ए -इस्लाम हज़रत मोहम्मद -मुस्तफा स. अ. के नवासे इमाम हुसैन अ. स. और उनके साथियो की याद मे मनाया जाता है हुसैन वो है जिन्होंने इंसानियत को बचाने के लिए अपनी और अपने साथिओं की क़ुरबानी 10 मुहर्रम सन 61 हिज़री मे कर्बला के मैदान मे पेश की थी आज उनकी याद मे गलियों मे सिपाही बनकर गश्त लगाते हुए दुनिया के लोगो को नंगे पाव चलकर हुसैन की मजलूमियत का पैगाम दे रहे है।

 

यही वजह है की बेला तफरीख़ 

मज़हबों मिल्लत हर इंसानियत पसंद चाहे हिन्दू हो या मुसलमान या किसी और धर्म को मानने वाला हो अगर इंसानियत रखता हैं तो हुसैन को याद जरूर करता है।

 

 सिकंदर सूफी संत ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि दुनिया की पांचों बड़ी किताबों का भी जिक्र किया गया है और हर धर्म का जिक्र भी किया गया है और भगवान कल्कि अवतार इमामे ज़माना के भेजे हुए झंडे के अक्स के बारे मे भी बताया गया है।

 

सिकंदर सूफी संत फकीर, शाने अली, हुसैन अली, मौलाना अशफाक हुसैन फुरकान अहमद, मोहम्मद बी अवैश अंसारी, मौलाना कासिद हुसैन, नासिर मेंहदी, सलमान हैदर, मोहम्मद जावेद, सफर अली इत्यादि लोग मौजूद थे।

रिपोर्ट- रोहित सेठ..सिटी संवाददाता. वाराणसी
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