वाराणसी पूर्व से सूर्य का पता नही चलता है अपितु सूर्य से पूर्व का पता चलता है राजन जी महाराज


वाराणसी पूर्व से सूर्य का पता नही चलता है अपितु सूर्य से पूर्व का पता चलता है राजन जी महाराज
कथा मे पहुंचे भोजपुरी कलाकार रितेश पाण्डेय
वाराणसी;-बड़ागांव ब्लॉक के कुड़ी गांव में प्रद्युम्न शिक्षण संस्थान में चल रहे नौ दिवसीय श्री राम कथा के छठवें दिन अयोध्या काण्ड की कथा करते हुए मानस मर्मज्ञ पूज्य श्री राजन जी महाराज ने अपने अमृतवाणी से कथा मंडप में उपस्थित श्रद्धालुओं को संदेश देते कहा कि बिना सत्कर्म किए सुख की प्राप्ति नही हो सकती इसलिए मनुष्य को सदैव सत्कर्म करते रहना चाहिए। राम कथा को आगे बढाते हुए पूज्यश्री ने कहा कि एक दिन चक्रवर्ती राजा दशरथ अपने कक्ष में लगे दर्पण में देखें तो उन्हें कान के पास एक केश श्वेत दिखा जिस पर वह सोचने लगे कि मानो केश कह रहा हो महाराज हमने तो अपना रंग बदल लिया अब आप अपना वेश कब बदलेंगे।अब आपको राजगद्दी का भार राम को सौंप देना चाहिए। इसी सोच को लेकर वह गुरुदेव के पास गए और गुरु जी से राम की विशेषता बताते हुए उन्हें पुरुषोत्तम बताते अपने मन की अभिलाषा व्यक्त की । महाराज जी ने आगे बताया कि उधर राम को सबसे ज्यादा प्रेम करने वाली माता कैकेयी भी रामजी की इच्छा से ही चक्रवर्ती सम्राट से दो वर मांग लिया । क्योकि राम जी ने पहले ही कहा था कि माँ जब मुझे पिताजी राजगद्दी सौंपे तो तुम मुझे वन भेज देना । इसके साथ ही कैकेयी भरत को राजगद्दी सौंपने की बात कह कर उसकी परीक्षा भी लेना चाहती थी ।
आज राम कथा में मुख्य यजमान सपत्नीक बलवंत सिंह व बुलबुल मिश्र द्वारा व्यासपीठ पवित्र रामचरितमानस एवं कथा मंडप की आरती की गई।
मंच संचालन इन्द्रदत्त मिश्र ने किया।
कथा पंडाल मे ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधी दीपक सिंह, प्रिंस पाण्डेय, संत अतुलानंद के निदेशक राहुल सिंह तथा मुख्य आयोजक मुनीष मिश्र व मिश्र परिवार के अखिलेश दत्त मिश्र, विकास दत्त मिश्र, प्रकाशदत्त मिश्र, अरविंद मिश्र(सीताराम), रविन्द्र मिश्र(सोनू), आशुतोष मिश्र, शुभम मिश्र,शिवम मिश्र,अनीष मिश्र, मनीष मिश्र (दीपू), अंकित मिश्र, अर्पित मिश्र, प्रखर मिश्र ,सोनू मिश्र (जीडी),शिखर मिश्र सहित हजारो भक्त मौजूद रहे |

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