बहादुरी दर्द और इंसानियत की मिसाल बन गए हैं पसमांदा समाज के याक़ूब अनीस मंसूरी
बहादुरी, दर्द और इंसानियत की मिसाल बन गए हैं पसमांदा समाज के याक़ूब : अनीस मंसूरी
लखनऊ:- पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री माननीय मनीस मंसूरी ने अपने कार्यालय में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में कहा कि हमीरपुर जिले के राठ तहसील के छोटे से कस्बे में रहने वाले याक़ूब मंसूरी आज पूरे देश के लिए बहादुरी और इंसानियत की मिसाल बन गए हैं। हाल ही में झांसी मेडिकल कॉलेज में हुए भीषण अग्निकांड ने न केवल उनके परिवार को बल्कि पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया। इस घटना में याक़ूब ने अपनी दो जुड़वां बेटियों को खो दिया, लेकिन उनकी दिलेरी ने दर्जनों मासूम बच्चों की जान बचा ली।
अनीस मंसूरी ने कहा कि पसमांदा मुस्लिम समाज के नौजवान याकूब ने दर्द के बीच साहस का प्रदर्शन किया है। आग लगने की घटना में जहां लोग अपनी जान बचाने में लगे थे, वहीं याक़ूब मंसूरी ने अपने दर्द को किनारे रखते हुए उन बच्चों की मदद की जो आग की चपेट में फंसे थे। अपनी बेटियों को खोने के बावजूद, याक़ूब ने बिना किसी भेदभाव के बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला।
याक़ूब की दिलेरी को सलाम
अनीस मंसूरी ने कहा कि याक़ूब मंसूरी की इस घटना ने साबित कर दिया कि इंसानियत हर चीज से ऊपर है। उनकी दिलेरी न केवल उनके परिवार के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए गर्व की बात है। उन्होंने जिस तरह अपने निजी दर्द को दरकिनार करते हुए दर्जनों मासूमों की जान बचाई, वह अपने आप में प्रेरणादायक है।
उन्होंने कहा कि यह कहानी हमें सिखाती है कि इंसानियत, भाईचारा और साहस किसी भी विपरीत परिस्थिति में हमें मजबूत बनाते हैं। याक़ूब मंसूरी जैसे लोगों की वजह से ही समाज में अच्छाई की लौ जलती रहती है। उनका यह साहस आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनकर हमेशा याद रखा जाएगा।
इलियास मंसूरी, जो पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनीस मंसूरी के प्रतिनिधि बनकर याक़ूब से मिलने गए थे, ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “याक़ूब मंसूरी की बहादुरी और इंसानियत की भावना पर पूरे समाज को गर्व है। उनकी यह कार्रवाई एकता और सौहार्द का प्रतीक है। उनके साहस ने न केवल मंसूरी समाज बल्कि पूरे पसमांदा मुस्लिम समाज का नाम रौशन किया है।”
पीड़ित परिवार से मुलाकात
प्रतिनिधि मंडल ने याक़ूब मंसूरी के आवास पर पहुंचकर उनके परिवार से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना। याक़ूब के पिता छिद्दू मंसूरी और उनके भाइयों से घटना की विस्तृत जानकारी लेते हुए सभी ने परिवार को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
इलियास मंसूरी ने बताया कि याक़ूब की बहादुरी को समाज के हर व्यक्ति तक पहुंचाया जाएगा ताकि लोग उनकी इंसानियत और साहस से प्रेरणा ले सकें। उन्होंने कहा, “यह घटना न केवल मंसूरी समाज के लिए गर्व की बात है, बल्कि यह संदेश देती है कि आपसी भाईचारे और मानवता की भावना हमें हर मुश्किल घड़ी में साथ रखती है।”
इस अवसर पर ऑल इंडिया मंसूरी समाज और पसमांदा मुस्लिम समाज के कई प्रमुख लोग उपस्थित थे। प्रतिनिधि मंडल में शामिल जिला महासचिव मुन्ना खां मंसूरी, हाजी सुल्तान मंसूरी, मास्टर अब्दुर रहमान मंसूरी और अन्य सदस्यों ने याक़ूब के साहस को सराहा।