प्रयागराज में मंत्री के बेटे की फर्जी डीपी से करोड़ों की ठगी 5 अभियुक्त गिरफ्तार
प्रयागराज में मंत्री के बेटे की फर्जी डीपी से करोड़ों की ठगी 5 अभियुक्त गिरफ्तार
प्रयागराज :- साइबर अपराधियों के एक गिरोह ने उत्तर प्रदेश सरकार के एक मंत्री के बेटे की फर्जी डीपी लगाकर लगभग 2.08 करोड़ रुपये की ठगी को अंजाम दिया। पुलिस ने इस गिरोह के पांच मुख्य अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, वादी को एक अज्ञात वाट्सएप नंबर से संदेश प्राप्त हुआ था, जिसमें यह दावा किया गया कि संदेश भेजने वाला व्यक्ति उत्तर प्रदेश के मंत्री के बेटे का करीबी है। उसने एक मीटिंग के बारे में जानकारी दी और वादी को कुछ बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करने का निर्देश दिया। मंत्री के बेटे की डीपी का इस्तेमाल कर विश्वास दिलाने में कामयाबी प्राप्त करने वाले ठगों ने वादी को तीन अलग-अलग किश्तों में कुल 2.08 करोड़ रुपये भेजने के लिए कहा। विश्वास में आकर वादी ने बताए गए बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर कर दिए।
इस मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गिरोह के सदस्य विदेशों में बैठे साइबर ठगों के साथ मिलकर काम करते थे। वे भारतीय नागरिकों को विभिन्न प्रलोभनों, जैसे ऑनलाइन निवेश स्कैम, ऑनलाइन गेमिंग ठगी, और बड़े व्यापारियों या नेताओं की फर्जी डीपी लगाकर ठगी करने का झांसा देते थे। इस गिरोह का नेटवर्क दो स्तरों में काम करता था। पहले स्तर पर विदेशी ठग विभिन्न तरीकों से लोगों को झांसा देते थे, और दूसरे स्तर पर भारतीय एजेंटों द्वारा इन ठगों की सहायता से धोखाधड़ी की जाती थी।
इस मामले में गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों में दिव्यांशू (पटना, बिहार), पुलकित द्विवेदी (मऊ, उत्तर प्रदेश), संजीव कुमार (बरेली, उत्तर प्रदेश), सुरजीत सिंह (बरेली, उत्तर प्रदेश), और विजय कुमार (बरेली, उत्तर प्रदेश) शामिल हैं। इन आरोपियों के पास से पुलिस ने कई मोबाइल फोन, एटीएम कार्ड और सिम कार्ड बरामद किए हैं।
पुलिस की साइबर क्राइम टीम, जिसमें प्रभारी निरीक्षक राजीव कुमार तिवारी और अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे, ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया और उनके नेटवर्क का खुलासा किया।
यह घटना साइबर अपराधों की बढ़ती जटिलता को उजागर करती है, जहां ठगी करने वाले लोग तकनीकी साधनों का इस्तेमाल करके नागरिकों को शिकार बनाते हैं। पुलिस अधिकारियों ने आम जनता से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध संदेश पर तुरंत प्रतिक्रिया न करें और तुरंत साइबर अपराध विभाग को सूचित करें।
रिपोर्ट- मो रिजवान अंसारी. जिला संवाददाता इलाहाबाद