आखिर किस मंशा से सहायक सूचना अधिकारी ने प्रचार प्रसार में नहीं दिखाई रूचि


आखिर किस मंशा से सहायक सूचना अधिकारी ने प्रचार प्रसार में नहीं दिखाई रूचि!
पूर्व जिलाधिकारी के कड़े पत्र में सहायक सूचना अधिकारी के कार्य प्रणाली पर उठाए गए सवाल!
सोनभद्र, जनपद में जिन्हें सरकारी योजनाओं का प्रचार प्रसार करना चाहिए था उन्होंने रुचि नहीं दिखाई तमाम विकास परक योजनाओं के लागू होने के बाद भी कार्यक्रमों के सफल कार्यान्यवन हेतु लोगों की भागीदारी को जोड़ने में आखिर क्यों उदासीनता बरती गई यह गंभीर जांच का विषय है!
पिछले 5 वर्षों से जनपद में तैनात उक्त अधिकारी के कार्यप्रणाली से नाराज पूर्व जिलाधिकारी ने सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक को पत्र लिखकर अन्यत्र स्थानांतरित करने की बात कही थी, शनिवार को जिलाधिकारी का पत्र वायरल होते ही सूचना विभाग समेत तमाम जगहों पर इसी की चर्चा होती रही!
पूर्व जिलाधिकारी ने सूचना निदेशक को लिखे गए पत्र में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि विनय कुमार सिंह सहायक सूचना अधिकारी जनपद में माह जुलाई वर्ष 2019 से तैनात हैं! जनपद सोनभद्र भौगोलिक दृष्टि से पहाड़ी क्षेत्र है जहां पर अधिकांशत अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति समुदाय से संबंधित जातियां निवास करती हैं, उनकी आर्थिक, शैक्षिक एवं सामाजिक पृष्ठभूमि अभी भी काफी कमजोर है! शासन द्वारा अनेकों विकास परक योजनाएं जनपद में संचालित की जा रही हैं विनय कुमार सिंह सहायक सूचना अधिकारी सोनभद्र को अनेकों बार सरकार द्वारा चलाई गई योजनाओं और विभिन्न विकासात्मक कार्यक्रमों के सफल कार्यन्यवन हेतु लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के दृष्टिगत प्रचार प्रसार हेतु निर्देशित किया जा चुका है, किंतु इनके द्वारा अपने पदीय दायित्वों का निर्वहन नहीं किया जा रहा है! जिससे जनपद में निवास करने वाले अनुसूचित जनजाति व अनुसूचित जाति समुदाय के साथ-साथ अन्य समुदाय के व्यक्ति भी लाभान्वित नहीं हो पा रहे हैं! जिलाधिकारी ने लिखा है कि श्री सिंह प्रायः बगैर हमारे संज्ञान में लाये मुख्यालय से बाहर चले जाते हैं तथा अपने पदीय दायित्व का कार्य अपने कार्यालय में कार्यरत संविदा कर्मी से कराया जा रहा है,जो श्री सिंह के कार्यों के लापरवाही, शिथिलता व स्वेक्षाचारिता का द्योतक है महोदय के संज्ञान में लाना समीचीन होगा कि जनपद सोनभद्र भारत सरकार नीति आयोग द्वारा आकांक्षी जनपद के रूप में भी चयनित है! अनेकों बार निर्देश दिए जाने के बावजूद भी उनके कार्य में कोई गुणात्मक सुधार परिलक्षित नहीं हो रहा है जिलाधिकारी के इस पत्र के बाद सूचना निदेशक ने भी 15 दिन के भीतर सहायक सूचना अधिकारी से जवाब मांगा था! जिलाधिकारी द्वारा यह पत्र19 जून को लिखा गया था पूर्व जिलाधिकारी के इस पत्र पर 26 जुलाई को निदेशक द्वारा जवाब मांगा गया था! आखिर पूर्व जिलाधिकारी का पत्र विलंब से पहुंचा या जानबूझकर विलंब कराया गया जिससे स्थानांतरण की अवधि समाप्त हो जाए यह पत्र जैसे ही शनिवार को वायरल हुआ लोग तरह-तरह की चर्चाएं करते देखे गए! पूर्व जिला अधिकारी का पत्र स्पष्ट रूप से यह जाहिर करता है कि सहायक सूचना अधिकारी ने जानबूझकर सरकार की नीतियों का प्रचार प्रसार नहीं किया जिससे जनपद में तमाम योजनाओं के बारे में लोग जान ही नहीं सके क्या इस पत्र पर शासन भी संज्ञान लेगा!

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