देशव्यापी प्रदर्शन के तहत प्रयागराज में दिशा छात्र संगठन का प्रदर्शन, जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव और राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित
देशव्यापी प्रदर्शन के तहत प्रयागराज में दिशा छात्र संगठन का प्रदर्शन, जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव और राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित
प्रयागराज। वाराणसी की आवाज। परीक्षाओं में धांधली और पेपर लीक के खिलाफ दिशा छात्र संगठन के आह्वान पर 24 जून सोमवार को देशभर में हो रहे प्रदर्शन के तहत प्रयागराज में भी दिशा छात्र संगठन के कार्यकर्ताओं ने ज़िला मुख्यालय का घेराव किया और जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन प्रेषित किया। सबसे पहले कार्यकर्त्ता विकास भवन के पास इकठ्ठा हुए और वहां से जुलूस की शक्ल में नारेबाज़ी करते हुए जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे। राष्ट्रपति के नाम सम्बोधित इस ज्ञापन को लेने एडीएम सिटी आये। ज्ञापन देने के बाद मार्च कचहरी के रास्ते पीडब्ल्यूडी कार्यालय में सभा के साथ समाप्त हुई। इस दौरान व्यापक पर्चा वितरण किया गया।
दिशा छात्र संगठन की शिवा ने बात रखते हुए कहा कि पिछले कुछ साल छात्रों-युवाओं के लिए किसी भयानक दुःस्वपन से कम नहीं रहे हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, तेलंगाना सहित देश के हर राज्य में अंधाधुंध पेपर लीक हो रहे हैं और परीक्षाओं में धांधली हो रही है। नीट परीक्षा में हुई धाँधली संभवतः आजाद भारत के इतिहास में परीक्षाओं में होने वाली सबसे बड़ी धाँधली है। यह केवल मेडिकल की तैयारी करने वाले छात्रों के साथ अन्याय नहीं है बल्कि देश की 140 करोड़ जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वाली बात है। इसी तरह यूजीसी नेट की परीक्षा को पर्चा लीक की वजह से रद्द कर दिया गया और नीट पीजी तथा सीएसआईआर यूजीसी नेट की परीक्षा को टाल दिया गया। खबर है कि मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा का भी पर्चा लीक हो चुका है। यह अचानक से होने वाली कोई घटना नहीं है बल्कि मामला काफी बड़ा और गहरा है। पिछले सात वर्षों में 80 से ज्यादा पर्चे लीक हो चुके हैं, दर्जनों परीक्षाओं को टाला जा चुका है और दर्जनों मामलों में छात्र सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट के चक्कर काट रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक पिछले सात सालों में पर्चा लीक और परीक्षाओं में धाँधली की वजह से 1 करोड़ 80 लाख से ज्यादा छात्र प्रभावित हुए हैं और लाखों छात्र अवसाद और निराशा में आत्महत्या तक के क़दम उठा रहे हैं। इतने बड़े पैमाने पर हो रही धाँधली के बाद भी जाँच के नाम पर केवल लीपापोती ही की जा रही है।
दिशा छात्र संगठन के अविनाश ने कहा कि देश भर में लगातार हो रहे पर्चे लीक की असली वजह सरकार की पूंजीपरस्त नीतियां तथा NTA और सरकार की लापरवाही है। शायद ही किसी प्रतियोगी छात्र को किसी परीक्षा में धाँधली न होने या पेपर लीक न होने का भरोसा बचा हो। पेपर लीक और धांधली होना अब नियम बन चुका है। नियुक्ति होने तक सालों लग जाते हैं। कई बार परीक्षा ही रद्द हो जाती है। एक अनुमान के मुताबिक़ पिछले 7 सालों में पर्चा लीक और परीक्षा में धाँधली की वजह से 1 करोड़ 80 लाख से ज़्यादा छात्र प्रभावित हुए हैं और लाखों छात्र अवसाद और निराशा में आत्महत्या तक के क़दम उठा रहे हैं।
भविष्य की अनिश्चितता के कारण छात्र-युवा और अभिभावक हर कीमत पर अपने भविष्य को सुरक्षित कर लेना चाहते हैं। इसी बढ़ती असुरक्षा का फ़ायदा शिक्षा माफिया उठाते हैं और शासन में अपनी पकड़ का इस्तेमाल कर छात्रों के भविष्य का सौदा कर करोड़ों रुपये बना रहे हैं।
इसलिए आज जरूरत है कि तात्कालिक तौर पर हमें ‘एक समान निःशुल्क शिक्षा और रोजगार’ की गारंटी, पारदर्शी परीक्षा के लिए और उदारीकरण-निजीकरण की नीतियों को रद्द करवाने के देशव्यापी संघर्ष में उतरना होगा। कार्यक्रम में प्रशांत उत्सव, मोनिस रहमान, अमरीश, सौम्या, सूरज, प्रियांशु, चंद्रप्रकाश, चंचल, अश्विनी, प्रशांत, निधि, वर्षा, संजय, शुभम आदि लोग शामिल रहे।
रिपोर्ट- मो रिजवान अंसारी. जिला संवाददाता इलाहाबाद