छठे चरण मतदान के पूर्व सियासतदानों की बहस सरकार बनने-बिगड़ने की चर्चा
छठे चरण मतदान के पूर्व सियासतदानों की बहस सरकार बनने-बिगड़ने की चर्चा
प्रयागराज छठे चरण मतदान के पूर्व, शुक्रवार सुबह छह बजे, झूंसी पुलिस बूथ के पास एक चाय की दुकान पर सियासतदानों की बहस के दौरान भाजपा और इंडी गठबंधन की सरकारें बनाने-बिगाड़ने की चर्चा जोर-शोर से होती रही।
चाय की दुकान पर एनडीए और इंडी गठबंधन के पक्ष में शतरंज की बिसात बिछी हुई थी। बहस में शामिल लोग बेरोजगारी, मंहगाई, आरक्षण और राष्ट्रहित जैसे मुद्दों पर अपनी-अपनी दलीलें पेश कर रहे थे। एनडीए समर्थक अंतरराष्ट्रीय कूटनीति, आर्टिकल 370, और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के कार्यों को गिनाते हुए इंडी गठबंधन के दावों को खारिज कर रहे थे। वहीं, इंडी गठबंधन के समर्थक बेरोजगारी, मंहगाई, और आरक्षण जैसे मुद्दों को उठाते हुए चुनावी हवा का रुख अपनी तरफ मोड़ने का प्रयास कर रहे थे।
कुछ लोगों ने कौशांबी, प्रतापगढ़, फूलपुर, प्रयागराज और भदोही की पांचों सीटें इंडी गठबंधन की झोली में डाल दी, जबकि एनडीए समर्थकों ने केवल कौशांबी सीट पर संशय जताया और बाकी सभी सीटें भाजपा के खाते में डाल दी। बहस के दौरान मोदी और राहुल गांधी की ताजपोशी की चर्चाएं भी हुईं, जबकि मुद्दों पर बहस अंतरराष्ट्रीय मामलों से शुरू होकर जाति-पात पर आकर अटक गई।
महेंद्र विश्वकर्मा और अधिवक्ता सजन यादव ने बेरोजगार युवाओं और कई जातियों का समर्थन इंडी गठबंधन के साथ बताया। वहीं, सुरेन्द्र सिंह, कैप्टन अशोक सिंह, अशोक कुमार राय, और राजू उपाध्याय ने जाति-धर्म के समीकरण को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि जब राष्ट्र सुरक्षित हाथों में रहेगा तभी जाति, धर्म, और क्षेत्र का कोई मायने होगा।
बहस हिन्दू-मुसलमान पर शुरू होती कि वार्ड संख्या 75 के पार्षद अनिल कुमार यादव ने सभी को शांत कराते हुए लोकतंत्र के महापर्व पर अधिकतम मतदान कराने का आह्वान किया। मोहन लाल, शंभूनाथ यादव, विकास केसरवानी, घनश्याम सिंह, और धर्मेंद्र सिंह ने पार्षद अनिल कुमार की बातों का समर्थन किया और बहस पर विराम लगाते हुए चाय की चुस्की के बाद अपने-अपने घरों को लौट गए।
रिपोर्ट- मो रिजवान अंसारी. जिला संवाददाता इलाहाबाद