मोटा अनाज उत्पादन से किसानों को मिलेगा बड़ा फायदा यूपी सरकार ने मिलेट्स पुनरोद्धार कार्यक्रम को दी मंजूरी


मोटा अनाज उत्पादन से किसानों को मिलेगा बड़ा फायदा: यूपी सरकार ने मिलेट्स पुनरोद्धार कार्यक्रम को दी मंजूरी
यूपी/लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में मोटे अनाजों जैसे ज्वार, बाजरा, कोदो, सांवा, रागी आदि की खेती को बढ़ावा देने और किसानों की आय में वृद्धि के उद्देश्य से "उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरोद्धार कार्यक्रम" को मंजूरी दी है। यह कार्यक्रम वर्ष 2022-23 से लेकर 2026-27 तक चलेगा, जिसके तहत सरकार 18626.50 लाख रुपये का निवेश करेगी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य मोटे अनाजों के क्षेत्र विस्तार, उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाना है, साथ ही किसानों को वैल्यू एडीशन और मार्केटिंग के माध्यम से मोटे अनाजों की बिक्री में सहयोग देना है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिलेट्स को "श्री अन्न" नाम देते हुए जनता को इसे अपने आहार में शामिल करने पर जोर दिया है। वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में मनाए जाने के मद्देनजर सरकार ने इस पहल को और मजबूत किया है। मिलेट्स उत्पादन में भारत पहले स्थान पर है, और उत्तर प्रदेश सरकार इस बढ़त को और भी सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस योजना के अंतर्गत किसानों को मुफ्त बीज किट, सब्सिडी और अन्य प्रोत्साहन प्रदान किए जा रहे हैं ताकि वे मोटे अनाजों की खेती को अपनाएं।
प्रदेश सरकार ने 2,47,000 बीज मिनी किट मुफ्त वितरित करने के साथ-साथ 20 मिलेट्स प्रसंस्करण और पैकेजिंग सह वितरण केंद्रों की स्थापना की योजना बनाई है। इसके अलावा, 45 एफपीओ (कृषक उत्पादन संगठन) को 180 लाख रुपये का अनुदान दिया जाएगा। प्रदेश के 10 कृषि विश्वविद्यालयों और कृषि विज्ञान केंद्रों को 950 लाख रुपये का अनुदान भी मिलेट्स अनुसंधान और नवाचार के लिए दिया जाएगा। साथ ही, 20 मोबाइल आउटलेट और 23 मिलेट्स स्टोर स्थापित करने की योजना भी शामिल है।
राज्य सरकार द्वारा इस वर्ष के अंत तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर मक्का, बाजरा और ज्वार की खरीद की जाएगी। मक्का के लिए 2225 रुपये प्रति क्विंटल, बाजरा के लिए 2625 रुपये प्रति क्विंटल, और ज्वार के लिए 3371-3421 रुपये प्रति क्विंटल की दरें निर्धारित की गई हैं। 19 जिलों में मक्का, 32 जिलों में बाजरा और 11 जिलों में ज्वार की खरीद की जाएगी, जिसके लिए 60, 275 और 70 क्रय केंद्र खोले जाएंगे।
यह योजना राज्य के किसानों के लिए आर्थिक रूप से लाभकारी सिद्ध होगी, क्योंकि इससे उनकी आय में वृद्धि होगी और साथ ही उन्हें अपनी उपज का सही मूल्य भी प्राप्त होगा।
रिपोर्ट- मो रिजवान अंसारी. जिला संवाददाता इलाहाबाद